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क्या आपको भी दोपहर में खाना खाने के बाद नींद आती है? तो जानें इससे निपटने का तरीका

हर किसी को दिन में खाने के बाद कम से कम एक बार नींद जरूर आती है। लेकिन खाने के बाद हमें ये नींद आती क्यों है। दिन में खाना खाने के बाद नींद के प्यारे-प्यारे झोंके आते हैं और अक्सर झपकी लग जाती है। बाहर काम करने वाले लोगों के लिए ये एक बड़ी समस्या है।
Published On: 14 Mar 2025, 04:00 pm IST
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दोपहर के खाने के बाद नींद आना सर्कैडियन लय के सामान्य प्रवाह के कारण हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

दिन में नींद (Post lunch slump) आना एक ऐसी समस्या है, जिसका अनुभव हर किसी को दिन में कम से कम एक बार तो होता ही है। फिर चाहे आप स्कूल में हों, कॉलेज में, ऑफिस में या घर पर, ऐसे में दोपहर का खाना खाने के बाद अचानक नींद आना लगभग आम बात है। इसके कारण काम में फोकस करने में परेशानी होती है। आपने कभी न कभी तो सोचा होगा कि दोपहर के भोजन के बाद आपको इतनी नींद क्यों आती है। दोपहर के खाने के बाद नींद आना सर्कैडियन लय के सामान्य प्रवाह के कारण हो सकता है।

क्या कहते है एक्सपर्ट

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट दिल्ली के कंसल्टेंट इन्टर्नल मेडिसिन एंड इंफेक्शन डिजीज के डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि, दोपहर के भोजन के बाद सुस्ती कई लोगों को प्रभावित करती है। यह समस्या तब होती है जब हमारा शरीर भोजन के बाद अतिरिक्त ऊर्जा का उत्पादन करता है, लेकिन यह ऊर्जा हमारे शरीर के लिए उपयोगी नहीं होती है। इसके कारण हमें सुस्ती, थकान और नींद की समस्या हो सकती है। दोपहर के भोजन के बाद सुस्ती के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि भारी भोजन करना, पर्याप्त नींद न लेना, तनाव और अन्य शारीरिक समस्याएं। इससे निपटने के लिए, आप अपने भोजन को हल्का और संतुलित बना सकते हैं, पर्याप्त पानी पी सकते हैं, नियमित व्यायाम कर सकते हैं और पर्याप्त नींद ले सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।

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स्लीप एपनिया एक स्लीप डिसऑडर है जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में बार-बार रुकावट आती है।। चित्र : अडोबी स्टॉक

दोपहर में नींद आने का क्या कारण हैं?

दोपहर के भोजन के बाद नींद (Post lunch slump) आने का संबंध आपके खाने से कम और आपके शरीर के स्वाभाविक रूप से सोने की इच्छा से ज्यादा है। इसके दो कारण हैं।

नींद का दबाव

मस्तिष्क में पाया जाने वाला एडेनोसिन हार्मोन, ये शरीर में नींद को बढ़ावा देने का काम करता है। जितना ज्यादा समय तक हम जागते हैं, समय के साथ धीरे- धीरे शरीर में इसकी मात्रा बढ़ती जाती है। ये हार्मोन सोने से ठीक पहले अपने अधिकतम स्तर पर होते हैं, ये सुबह की तुलना में दोपहर में ज्यादा होता है। आपके शरीर में जितना ज्यादा एडेनोसिन मौजूद होगा, आपको उतनी ही अधिक नींद आएगी।

सर्कैडियन लय

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि,सर्कैडियन लय एक दूसरी प्रक्रिया होती है जो अप्रत्यक्ष रूप से आपके शरीर में थकान का कारण बनती है। घड़ी की तरह, सर्कैडियन लय आपके शरीर में ये नियंत्रित करती है कि हम कितना (Post lunch slump) जागते हैं और कितना सोते हैं। यह शरीर में हार्मोन और अन्य प्रक्रियाओं को नियंत्रित करके आपकी सतर्कता बनाए रखने के लिए पूरा दिन बदलती रहती है।

दोपहर की नींद से बचने के उपाय

दोपहर के खाने के बाद टहलें

दोपहर खाने के बाद आप तुरंत अपने काम पर न लौटें। इसके बजाय आप थोड़ी देर टहलें या सीढ़ियों का उपयोग करके ऊपर और नीचे जाएं। ऐसा करने से आपके ब्लड में ऑक्सीजन को बढ़ाने और आपको अधिक ऊर्जा देने में मदद कर सकता है। ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने से आपकी सुस्ती दूर हो सकती है।

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कोई भी मील लेने से पहले कए गिलास पानी का सेवन अवश्य करें। चित्र : अडॉबीस्टॉक

पानी पिएं

थकान, उदासी और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना ये सभी डीहाइ्रेशन के कारण होता हैं। यही कारण है कि पूरे दिन पर्याप्त पानी पीने से आप इन सभी परेशानियों से बच सकती हैं। दोपहर के खाने के बाद होने वाली सुस्ती को रोकने के लिए अपने शरीर को हाइ्रेट रखें इससे आपकी मदद हो सकती है।

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खाने की मात्रा पर नियंत्रण रखें

ज्यादा खाने से आपको आलस (Post lunch slump) आ सकता है। क्योंकि खाने की ज्यादा मात्रा आपके पाचन को धीमा कर देता है और आपको पेट फूला हुआ महसूस होता है। इससे आपको नींद और सुस्ती महसूस हो सकती है। आप बीच-बीच में थोड़ा-थोड़ा कुछ न कुछ खाते रहें इससे आप सुस्ती से बचने के साथ ही रक्त शर्करा के स्तर को सही रखने में मदद मिलेगी।

भोजन का हिसाब रखें

अपने दोपहर के भोजन का हिसाब रखना (Post lunch slump) बेहद जरूरी है। सबसे अच्छा आपके लिए ये है कि आप ये पता लगाएं कि कौन सा खाना खाने से आपको नींद और सुस्ती आती है, अगर ऐसा है तो तुरंत अपने खाने की मात्रा कम करें और जिस खाने से आपको नींद आ रही है उसे खाना बंद कर दें।

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लेखक के बारे में
रूबी शुक्ला
रूबी शुक्ला

रूबी शुक्ला युवा हिंदी कंटेट क्रिएटर हैं। वे स्किन केयर, हेयर केयर, हेल्दी लाइफस्टाइल और पारंपरिक उपचार पद्धति के बारे में लिखती हैं।

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