अनहेल्दी डाइट, शोर और हवा में बढ़ता प्रदूषण शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। खासतौर से वे लोग जो पहले से ही हृदय रोगों से ग्रस्त है, उनके लिए दिवाली के बाद स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां और भी बढ़ जाती हैं। दरअसल, हवा में बढ़ने वाला प्रदूषण हाई ब्लड प्रेशर से लेकर हार्ट बीट बढ़ने तक कई समस्याओं का कारण साबित होता है। इसके अलावा खान पान की आदतें भी कई समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देती हैं। जानते हैं त्योहारों के बाद कैसे रखें हृदय स्वास्थ्य का ख्याल (managing heart health)।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण एथेरोस्क्लेरोसिस के स्तर को शरीर में बढ़ता है। इससे आर्टरी वॉल्स पर प्लाक जमने लगता है और हृदय रोगों का कारण साबित होता है। ऐसे में प्रदूषण से हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ को जोखिम बढ़ जाता है।
इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विनीता अरोड़ा बताती हैं कि अधिक मात्रा में अनहेल्दी फूड का सेवन करने से शरीर में फैट्स एकत्रित होने लगते हैं। कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा धमनियों में प्लाक का कारण बनने लगती है, जिसका असर ब्लड सर्कुलेशन पर दिखने लगता है। ऐसे में आहार को नियंत्रित रखना ज़रूरी है। इसके अलावा शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए डाइट में हेल्दी विकल्पों का चुनाव करना चाहिए। साथ ही प्रदूषण से भी कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ का खतरा बढ़ने लगता है।
दिवाली में अक्सर कैलोरी इनटेक बढ़ जाता है, जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की रिसर्च के अनुसार पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी हाई ब्लड प्रेशर का कारण साबित होती है। ऐसे में खानपान को नियंत्रित करना आवश्यक है। इसके लिए जीवनशैली में बदलावों को लाने के अलावा अल्कोहल इनटेक को कम करना आवश्यक है। शरीर में बढ़ने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाएं।
त्योहारों के मौके पर प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से शरीर में शुगर और सॉल्ट की मात्रा बढ़ जाती है, जो हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ा देता है। ऐसे में आहार को नियंत्रित रखने का प्रयास करें। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के अनुसार प्रोसेस्ड फूड में नमक और फैट्स दोनों की मात्रा अधिक होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है, जो हार्ट फेलयर का कारण बनने लगता है। सैलेड, चाट और किसी भी अन्य रेसिपी में अतिरिक्त सॉल्ट एड करने से बचें।
यूएसडीए के अनुसार सेचुरेटिड फैट्स का सेवन डेली कैलोरी इनटेक के 7 फीसदी से ज्यादा न करने से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। ऐसे में अनहेल्दी फैट्स को एवोकाडो, ऑलिव ऑयल और एग में मौजूद हेल्दी फैट्स से रिप्लेस करना चाहिए। इससे पाचनतंत्र उचित बना रहता है और मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है, जिससे वेटगेन से भी बचा जा सकता है।
द लैंसेट के एक रिसर्च के अनुसार, वायु प्रदूषण से हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ने लगता है। शाम के वक्त एयर पॉल्यूशन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे वक्त में घर से बाहर निकलने से परहेज करें। साथ कहीं बाहर निकलने से पहले मास्क लगाएं। इसके अलावा घर में इनडोर पॉल्यूशन से बचने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना चाहिए।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के रिसर्च के मुताबिक लंबे वक्त तक बैठना हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। इससे शरीर में फैट्स की मात्रा बढ़ती है और ब्लड शुगर लेवल भी अनियंत्रित होने लगता है। शरीर में बैलेंस और लचीलेपन को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करें। वहीं जर्नल ऑफ कॉम्प्लिमेंट्री एंड अल्टरनेटिव मेडिसिनट्रस्टेड सोर्स के अनुसार योग हृदय स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाता है। इससे हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करने की क्षमता बढ़ जाती है।
पटाखों के शोर के अलावा लेट नाइट इटिंग से कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ और अन्य हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में पूरी नींद लेना आवश्यक है। दरअसल, नींद की कमी के चलते ग्लूकोज मेटाबोलिज्म गड़बड़ा जाता है और हाई ब्लड प्रेशर व सूजन का खतरा बढ़ सकता है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देता है।
उत्सव के मौके पर अल्कोहल का सेवन बढ़ जाता है, जो हृदय संबधी समस्याओं को ट्रिगर करता हैं। इससे शरीर में निर्जलीकरण का जोखिम भी बढ़ने लगता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार ज़्यादा शराब पीने से ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने लगता है। रिसर्च के अनुसार दिन में पुरुषों को दो ड्रिंक और महिलाओं को एक ड्रिंक से ज्यादा नहीं पीना चाहिए।