कुछ चीजों की अगर पहले से तैयारी कर ली जाए तो आपके लिए आने वाला समय काफी आरामदायक हो जाता है। और अगर यह बात किसी नन्हें मेहमान के आपके जीवन में आने के बारे में हो तो आपको थोड़ा और ज्यादा तैयार होने की जरूरत है। आपको इसके लिए शारीरिक ही नहीं मानसिक और आर्थिक रूप से भी तैयार होना होता है, ताकि अपने इस खूबसूरत समय को आप खूब एन्जॉय कर पाएं।
अगर आप पहली बार मां बनने वाली हैं तो आपके लिए चीजें थोड़ी कन्फ्यूजिंग हो सकती हैं। अगर आप इसके लिए पहले से तैयार नहीं हैं तो यह आपको अनावश्यक तनाव और एंग्जाइटी भी दे सकता है, जो कि आपके लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं अपनी एक्सपर्ट से एक खास गाइड लिस्ट, ताकि आपकी प्रेगनेंसी का यह टाइम हेल्दी और हैप्पी हो सके। हमारे साथ हैं डॉ. वैशाली जोशी, वे मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल और क्लाउडनाइन में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।
मेहरबानी करके, इस तरह के सामाजिक दबावों में न आएं। यह सिर्फ आप तय करेंगी कि आप कब अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं। वे दिन अब बीत चुके हैं जब शादी की औसत उम्र 20 वर्ष हुआ करती थी। अब लड़कियों की शादी करने की औसत आयु बढ़ गई है। वे अब पहले से ज्यादा कॅरियर ऑरिएंटेड हो गईं हैं। इसलिए प्रेगनेंसी की सही उम्र वही है, जब माता-पिता दोनों इसके लिए आर्थिक और मानसिक रूप से तैयार हों।
ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं की प्रजनन क्षमता 35 के बाद कम होने लगती है। इसलिए मां बनने की सही उम्र आजकल 27 से 32 के बीच मानी गई है। पर अगर आप अपनी प्रेगनेंसी टालना चाहती हैं, तो अपने डॉक्टर से एक बार जरूर सलाह लें कि व्यवहारिक तौर पर आप कितना समय और ले सकती हैं। आप एग फ्रीजिंग के विकल्प को भी चुन सकती हैं। यह आपको तब भी मां बनने में मदद करेगा जब आपकी प्रजनन क्षमता कम हो चुकी होगी।
इसका श्रेय हमारे लाइफस्टाइल को जाता है कि हमारे पास एक-दो नहीं बल्कि ढेरों परेशानियां होती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि बेबी प्लान करने से पहले एक बार स्त्रीं रोग विशेषज्ञ से जरूरी परामर्श कर लें।
डॉ. जोशी सेहत को प्राथमिकता देते हुए कहती हैं, कि यह सबसे अच्छा है कि आप प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण करें।
स्वास्थ्य संबंधी कुछ ऐसी स्थितियां होती हैं, जिन्हें सिर्फ आंतरिक परीक्षण से ही जाना जा सकता है। इनके लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना और कुछ जरूरी टेस्ट, जैसे सोनोग्राफी आदि करवाना जरूरी होता है। ताकि आंतरिक अंगों जैसे यूट्रस और ओवरीज के स्वास्थ्य के बारे में भी जाना जा सके।
आजकल देखने में आया है कि कुछ महिलाओं में सिस्ट या फायब्राइड होता है, जिससे उन्हें गर्भ धारण करने में परेशानी आती है। ये वे मसले हैं जिनके बारे में आप बिना टेस्ट के नहीं जान सकते।
अगर स्वास्थ्य संबंधी ऐसी कोई परेशानी होती भी है, तो परेशान न हो, आपकी स्त्री रोग विशेषज्ञ इसमें आपकी मदद कर सकती हैं। आजकल ऐसी परेशानियां होना आम बात है, इसलिए परेशान होने की बजाए अपनी डॉक्टर से परामर्श करें।
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कस्टमाइज़ करेंडॉ. जोशी यह सलाह देती हैं कि अगर किसी तरह की कोई परेशानी है भी तो यह जरूरी है कि गर्भ धारण करने से पहले इन्हें नियंत्रण में कर लिया जाए। क्यों कि अगर लापरवाही की, तो गर्भधारण करने के बाद यह ज्यादा जटिल हो सकती हैं, जो मां और बच्चे दोनों के ही स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है।
उदाहरण के लिए अगर किसी महिला को एपिलेप्टिक मेडिसिन यानी मिर्गी की दवा लेनी पड़ती है, तो हम यह कोशिश करते हैं कि उसे उसकी न्यूनतम डोज लेनी पड़े। जिससे महिला का स्वास्थ्य भी प्रभावित न हो और वह हेल्दी बेबी को जन्म दे सके।
इस तरह की दवाएं नाभिनाल यानी प्लासेंटा के माध्यम से बच्चे में भी जा सकती हैं, जो बच्चे में विकासात्मक विकारों का कारण बन सकता है। ऐसे में हम कोशिश करते हैं कि मां के स्वास्थ्य पर इस तरह ध्यान दिया जाए कि बेबी की ग्रोथ पर किसी तरह का असर न पड़े।
हम सभी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि आजकल चिकित्सकीय उपचार कितना महंगा हो गया है। ऐसे में अगर आपके पास मेडिकल इंश्योरेंस होगा, तो यह आपके लिए काफी मददगार होगा। इस सबके बारे में प्लान करते हुए यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि आने वाले बच्चे के लिए आपकी आर्थिक योजनाएं क्या हैं, परिवार या कपल नए आर्थिक खर्च को कैसे मैनेज करेगा। साथ ही यह भी कि आपके द्वारा चुना गया हेल्थ इंश्योरेंस मेटरनिटी कवर करता है या नहीं।
मस्तिष्क के विकास के लिए फोलिक एसिड अनिवार्य है। यह सलाह दी जाती है कि गर्भ धारण करने से पहले आप फोलिक एसिड लेना शुरू करें, जिससे जब बच्चा गर्भ में आए तो उसे बेहतर फोलिक एसिड लेवल का लाभ मिल सके। फोलिक एसिड बच्चे के विकास के लिए बहुत जरूरी है, खासतौर पर उसके न्यूलरोलॉजिकल डेवलपमेंट के लिए।
डॉ. जोशी सलाह देती हैं कि अगर दंपत्ति किसी तरह गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करता रहा है, तो इसकी जानकारी अपनी गाइनीकोलॉजिस्ट को जरूर दें, ताकि वह आपको यह बता सकें कि आपको बेबी प्लान करने से कितने समय पहले इसे बंद करने की जरूरत है।
यह सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से ही जरूरी नहीं है, बल्कि आपके समग्र स्वास्थ्य और बेबी की हेल्दी ग्रोथ के लिए भी यह जरूरी है कि आप बेबी प्लान करने से पहले अपने लाइस्टाइल पर ध्यान दें। इसमें व्यायाम, स्वस्थ आहार और होलिस्टिक अप्रोच को शामिल करें। क्योंकि आप अपने बेबी को बेस्ट देना चाहती हैं।
यही बात गर्भावस्था में भी लागू होती है। अगर आपके लाइफस्टाइल में स्मोकिंग, अल्कोहल, पान मसाला, गुटका और किसी तरह की कोई ड्रग शामिल है तो इससे पुरुषों के स्पर्म काउंट और सेक्सुअल डिजायर पर असर पड़ता है। जिससे लिबिडो और सेक्स संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
इसलिए हमेशा यह जरूरी है कि बेबी प्लान करने के पहले खुद को इन सब चीजों से डिटॉक्स करें।
कुल मिलाकर ये कुछ खास बातें हैं, जिनका ध्यान रखकर आप अपने नन्हें मेहमान का बिना किसी परेशानी के स्वागत करने के लिए तैयार हो सकते हैं।