एक वक्त था जब टीबी जैसी बीमारी का इलाज नामुमकिन था। लोग एक बार टीबी हो जाने पर अपनी जान तक गंवा देते थे। लेकिन फिर वक्त बदला, कुछ विज्ञान और अनुसंधान आगे बढ़ा तो यह इलाज संभव हुआ। लेकिन इतना तो तय है ही कि टीबी अब भी एक गंभीर बीमारी है। अब आप सोचिए कि क्या टीबी जैसी गंभीर बीमारी का आपके सिर में होने वाली डैंड्रफ से कोई कनेक्शन हो सकता है? दरअसल ऐसा ही है। बालों में डैंड्रफ (dandruff in tuberculosis) जाने का नाम न ले रहे हों तो ये एक टीबी का लक्षण हो सकता है। कैसे और क्या तरीका है बचाव का, यही समझने वाले हैं हम आज एक्सपर्ट की मदद से।
ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अनूप राज ने हमें बताया कि इलाज या निदान के दौरान ही हमने डैंड्रफ और टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) का कोई सीधा संबंध नहीं पाया। डैंड्रफ एक स्किन कंडीशन है, जबकि टीबी एक संक्रामक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। लेकिन दोनों के बीच कुछ परोक्ष तरीके से कनेक्शन हो सकते हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
डैंड्रफ, जो सिर की त्वचा पर सूखी या तेलीय परत के रूप में दिखाई देता है, आमतौर पर सिर की स्किन की सूजन, संक्रमण या अन्य बाहरी कारणों से होता है। टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों से जुड़ा एक बैक्टीरियल इंफेक्शन (dandruff in tuberculosis) है, जो शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। टीबी से कमजोर इम्यून सिस्टम, तनाव, और शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से डैंड्रफ जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। अगर आप यह सोच रहे हैं कि क्या डैंड्रफ टीबी का लक्षण हो सकता है, तो हाँ यह सही है।
खांसी – खांसी जो काफी समय तक रहती है और इसमें खून भी आ सकता है।
बुखार- हल्का से लेकर तेज़ बुखार हो सकता है।
थकान और कमजोरी- शरीर में कमजोरी और थकावट महसूस होती है।
सीने में दर्द- फेफड़ों के संक्रमण के कारण दर्द हो सकता है।
यह एक सामान्य प्रकार का फंगस होता है जो सिर की त्वचा पर प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। टीबी के दौरान यह बहुत बढ़ जाता है और सूजन का कारण बनता है जिससे डैंड्रफ पैदा हो सकती है।
टीबी जैसी गंभीर बीमारियों में यह भी हो सकता है कि आपकी सिर की स्किन अंदरूनी तौर पर सूज जाए। यह इस कारण भी हो सकता है।
डॉक्टर अनूप राज ने बताया कि टीबी का इलाज आमतौर पर एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाइयों से किया जाता है। जब शरीर में संक्रमण होता है, तो शरीर का इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर हो सकता है। इसके अलावा, टीबी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं (जैसे रिफैम्पिसिन, आइसोनियाज़िड) शरीर में पोषक तत्वों को प्रभावित कर सकती हैं।
जब शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है तो सिर की स्किन को भी इस कमी का असर हो सकता है और इससे डैंड्रफ (dandruff in tuberculosis) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अगर कोई व्यक्ति टीबी का इलाज करवा रहा है और उसकी डाइट में मिनरल्स की कमी है तो डैंड्रफ बढ़ने लगता है।
अगर किसी को टीबी के लक्षण दिखें, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और पूरी दवाइयां लेनी चाहिए। टीबी का इलाज लंबा होता है, और इसे समय पर ठीक करना बहुत जरूरी है।
टीबी एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए व्यक्ति को खांसी या छींकते वक्त मुंह ढकना चाहिए और हाथों को नियमित रूप से धोना चाहिए।
शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। विटामिन D, C और Zinc जैसी चीजें इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती हैं।
व्यायाम, योग, और अच्छी नींद टीबी से लड़ने में मदद कर सकती है क्योंकि ये शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।
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