स्वीडन में करोलिंस्का इंस्टीट्यूट (Karolinska Institute) में एक बड़े अध्ययन में एडीएचडी (ADHD) और डिमेंशिया के बीच लिंक पाया गया है। अल्जाइमर एंड डिमेंशिया: द जर्नल ऑफ द अल्जाइमर एसोसिएशन (The Journal of the Alzheimer’s Association) में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि एडीएचडी वाले व्यक्तियों के माता-पिता और दादा-दादी को डिमेंशिया का ज़्यादा जोखिम है।
करोलिंस्का इंस्टीट्यूट में मेडिकल एपिडेमियोलॉजी और बायोस्टैटिस्टिक्स विभाग में पीएचडी छात्र और अध्ययन के पहले लेखक ले झांग, कहते हैं – “निष्कर्ष बताते हैं कि एडीएचडी और डिमेंशिया के बीच संबंध में सामान्य जेनेटिक्स या पर्यावरणीय योगदान हैं। मगर हमें सही कारण जानने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है।”
अटेंशन-डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) एक न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति अति सक्रिय रहता है। यह दुनिया भर में अनुमानित 3 प्रतिशत वयस्कों को प्रभावित करता है।
विकार के बारे में बढ़ती जागरूकता और ज्ञान के बीच पिछले दशकों में एडीएचडी के इलाज की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि, इसका इलाज अभी भी नया है, एडीएचडी वाले लोगों में डिमेंशिया के विकास पर अभी सीमित संख्या में अध्ययन हुए हैं।
वर्तमान अध्ययन में, शोधकर्ता इस बात की जांच करना चाहते थे कि एडीएचडी वाले व्यक्तियों की पुरानी पीढ़ी को किस हद तक डिमेंशिया का सामना करना पड़ा है। अध्ययन में स्वीडन में 1980 और 2001 के बीच पैदा हुए दो मिलियन से अधिक लोगों को देखा गया, जिनमें से लगभग 3.2 प्रतिशत को एडीएचडी का पता चला था।
राष्ट्रीय स्तर पर इकट्ठे किए गए विवरणों का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने इन व्यक्तियों को माता-पिता, दादा-दादी और चाचा और चाची सहित पांच मिलियन से अधिक रिश्तेदारों से जोड़ा, और जांच की कि इन रिश्तेदारों ने किस हद तक डिमेंशिया विकसित किया है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि एडीएचडी वाले व्यक्तियों के माता-पिता में एडीएचडी के बिना व्यक्तियों के माता-पिता की तुलना में डिमेंशिया का 34 प्रतिशत अधिक जोखिम था। एडीएचडी वाले व्यक्तियों के माता-पिता में अल्जाइमर रोग का जोखिम, 55 प्रतिशत अधिक था।
करोलिंस्का इंस्टीट्यूट में बायोस्टैटिस्टिक्स, अध्ययन के लेखक और शोधकर्ता झेंग चांग कहते हैं ” एडीएचडी शारीरिक स्वास्थ्य स्थितियों के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है।”
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