अगर हम खुद ही अपना ख्याल नहीं रखेंगे, तो भला और कौन रखेगा ? कोविड 19 के कारण लोग अपने और अपनों के स्वायस्य्ें के प्रति सचेत हो गए हैं। लेकिन अब तक के समय में जो नुकसान हम अपने मन मस्तिष्क और शरीर को दे चुके है उसका क्या? सवाल है अब सभी चीज़ों को एक साथ कैसे संभाला जाए? इस समय ज़रूरत है ध्यान लगाने की और योग करने की।
जी हाँ ! योग ना सिर्फ आपके शरीर के सभी विकारो से लड़ता है बल्कि उसे खूबसूरत बनाता है और मन शांत रखता है। योग में वह सभी गुण मौजूद हैं जिनकी फिलहाल हमे सख्त ज़रूरत है।
हम आपके लिए यहां योग का ऐसा ही एक आसन लाए हैं जो बहुत आसान होने के साथ-साथ बहुत उपयोगी भी है। इसे बौद्ध और जैन धर्म में भी मान्यता प्राप्त हैं। इसे बड़े-बड़े ऋषि मुनि करते हैं। इस योगासन का नाम है पद्मासन:
अगर आप किसी योगी ऋषि का ध्यान करें तो पाएंगी हुए देंखें तो वह आपको हमेशा पद्मासन में ही दिखेंगे। पद्मासन या कमल आसन बैठ कर की जाने वाली मुद्रा है। इसे कमल आसन इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसे करने से व्यक्ति कमल के समान खिल जाता है। इस आसन को करने से कई प्रकार के शारीरिक विकारों में आराम मिलता है। बैठ कर किये जाने वाला ये सबसे अच्छा व आसान पोज है।
कई बार बहुत से मुश्किल आसन करने के कारण हम आसानी से हो जाने वाले ऐसे आसनो को इग्नोरर कर देते है। लेकिन यही सामान्य से दिखने वाले आसान हमें जो लाभ दे सकते हैं, हमें इसका अंदाज़ा भी नहीं होता। यह आसन करने में जितना सहज है उतना ही आसान भी। साथ ही इस आसन से बॉडी को काफी हेल्थ बेनिफिट्स मिल सकते हैं।
बहुत से लोग शायद इस सामान्य से दिखने वाले आसान को भी ना कर सके। थाई पर एक्स्ट्रा फैट या घुटनो की समस्या इसका कारण हो सकता है। यदि आपको किसी डॉक्टर द्वारा निर्देश नहीं मिला है तो आपको इसे ज़रूर करना चाहिए। इन समस्याओं का बहाना बनाकर आप इसे करने से न बचें। बल्कि नियमित रूप से इसे करने से आपकी मासपेशियां खुलने लगेगी और आपके शरीर में लचीलापन भी आएगा।
• यदि आपको दोनों पैरों को मोड़ कर पद्मासन में बैठने में परेशानी है तो आप अर्ध पद्मासन में बैठ सकते हैं, किसी भी पैर को विपरीत जांघ पर रखकर आप यह आसन कर सकते हैं।
• पद्मासन करने के लिए शरीर में लचीलापन होना आवश्यक है। जब तक आपके शरीर में लचीलापन न आ जाए, तब तक अर्ध पद्मासन का ही अभ्यास करें।
एक बार यदि आप इस आसन को करना सीख जायेंगे, तो आप इसमें विभिन्न मुद्राएं शामिल कर सकती हैं। मुद्राएँ शरीर में ऊर्जा के संचार को बढ़ाती हैं और यदि पद्मासन के साथ इन मुद्राओं को किया जाये तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। हर मुद्रा दूसरी मुद्रा से अलग होती है। उनसे होने वाले लाभ भी अलग होते हैं। पद्मासन में आदि मुद्रा या ब्रह्म मुद्रा को अपनाकर आप अपने ध्यान में और गहराई ला सकते हैं। कुछ देर तक मुद्रा की स्थिति में रहते हुए, साँस ले व् शरीर में ऊर्जा के संचार को महसूस करें।
• पैरों को सामने की ओर फैलाकर योगा मैट अथवा ज़मीन पर बैठ जाएँ, रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
• दाहिने घुटने को मोड़े और बहिनी जांघ पर रख दें, ध्यान रहे की एड़ी पेट के पास हो और पाँव का तलवा ऊपर की ओर हो।
• अब यही प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ दोहराएँ।
• दोनों पैरों को मोड़ें, पाँव विपरीत जांघो पर,हाथों को मुद्रा स्थिति में घुटनो पर रखें।
• सिर सीधा व् रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
• इसी स्थिति में बने रहकर गहरी साँस लेते रहें।
अगर कोई भी योग को निरंतर किया जाए तो उसके फायदे अवश्य ही मिलते हैं। पद्मासन बहुत ही प्रचलित योग आसन है। जिसे आसानी से किया जा सकता है। पद्मासन मुद्रा में बैठना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इससे पैर और कुल्हे की मांसपेशियों के साथ-साथ जोड़ों को भी काफी फायदा मिलता है। आर्युवेद के जानकार कहते हैं कि अगर व्यक्ति हमेशा पद्मासन में बैठे तो वो अनेक रोगों से मुक्ति पा सकते हैंंं।
कमर और खासकर कमर से नीचे के भाग को यह आसन काफी फायदा पहुंचाता है। घुटनों के साथ-साथ कूल्हों के जोड़ों का लचीलापन पढ़ाता है। यह मांसपेशियां और रीढ़ की हड्डी मजबूत बनता है।
महिलाओं के लिए यह आसन रामबाण की तरह काम करता है। मासिक धर्म के दौरान होने वाली दिक्कतों में पद्मासन राहत पहुंचाता है। योग और आयुर्वेद के विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं को पद्मासन करने की सलाह देते हैं। इससे डिलेवरी बड़ी ही आसानी से होती है। पद्मासन में प्राणायाम करने से मन में स्थिरता आती है। मन शांत होता है कॉन्सेंट्रेशन बढ़ती है। मैडिटेशन करने के लिए यह आसन सबसे बेहतरीन माना जाता है।
• पाचन क्रिया में सहायता करता है।
• मांसपेशियों के तनाव को कम करता है व् रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
• मन को शांति प्रदान करता है।
• गर्भवती महिलाओं के प्रसव में सहायता करता है।
• मासिक चक्र की परेशानी को कम करता है।
पद्मासन सभी उम्र के लोगो के लिए हर प्रकार से लाभकारी है। इस पर हुए सभी शोध, योग विशेषज्ञ और आयुर्वेद विशेषज्ञ भी यही कहतें हैं। यहां तक की विदेशों ने भी योग कि विशेषता को समझा है। तो ज़रा सोचिये भारत में रहकर आप योग को क्यों नहीं अपनाते ? यदि योग के कठिन नाम और आसन आपको कंफ्यूज कर देते हैं। तब आप इस पद्मासन से अपने योग को शुरुआत कर सकतें है।