कभी आपने सोचा है कि आपके पीने का पानी कहां से आ रहा है। नल के पानी और पैकेज्ड बोतलबंद पानी में क्या अंतर है? यदि नहीं, तो निश्चित रूप से ध्यान देने का यह सही समय है। यदि आप पैकेज्ड पीने का पानी पीते हैं तो, फ्लोराइड की कमी के कारण कैविटी होने का जोखिम अधिक होता है।
हाल के वर्षों में बदलती जीवनशैली, जंक फूड के सेवन और बोतलबंद पानी के कारण दांतों के सड़ने की संभावना बढ़ गई है।
जैसा कि अधिक उपभोक्ता पैकेज्ड पानी पीते हैं, उनमें से केवल कुछ ही पर्याप्त फ्लोराइड का सेवन करते हैं। दंत क्षय को रोकने के लिए पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा लगभग 1.2 पीपीएम/लीटर होनी चाहिए। पैकेज्ड पानी की बोतलों में केवल 0.11 पीपीएम/लीटर होता है। अध्ययन बताते हैं कि 10% से कम पैकेज्ड बोतलबंद पानी में 0.3 पीपीएम फ्लोराइड प्रति लीटर से अधिक होता है।
पैकेज्ड पानी में फ्लोराइड की कमी से कैविटी हो सकती है। यदि बोतलबंद पानी आपके पीने के पानी का मुख्य स्रोत है, तो संभावना है कि आप फ्लोराइड के क्षय-निवारक लाभों (decay-preventive benefits) से वंचित हो सकते हैं।
बेशक, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको नल का पानी पीना है। आखिरकार, यह अब भी बहस की मुद्दा है कि क्या नल के पानी में फ्लोराइड वास्तव में मदद करता है, या अगर यह दांतों के एनेमल को तोड़ता है और दांतों को नुकसान पहुंचाता है। इन मुद्दों पर और गंभीरता से शोध किए जाने की जरूरत है।
एक मजबूत खनिज होने के कारण, फ्लोराइड इनैमल में एक परत जोड़ता है और इसे मजबूत करता है।
फ्लोराइड बैक्टीरिया को रोकता है और बैक्टीरिया की एसिड सहनशीलता को कम कर देता है। यह इस प्रकार हमारे दांतों की सुरक्षा करता है।
दंत क्षय को रोकने के लिए, फ्लोराइड मिनरलाइजेशन को बढ़ावा देता है, यानी, टूथ इनैमल को फिर से मजबूत करना।
शरीर में फ्लोराइड प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका है सप्लिमेंट लेना। विशेष रूप से पैकेज्ड बोतलबंद पानी का सेवन करने वाले बच्चों के लिए। हालांकि, यह एक विशेषज्ञ की देखरेख में होना चाहिए।
अपनी मौखिक समस्याओं का जल्द पता लगाना महत्वपूर्ण है। तो, आप भी फ्लोराइड की कमी का पता लगाएं और तुरंत सही कदम उठाएं।
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