खाली पेट या खाना खाने के बाद, कैसे करना चाहिए इम्यूनिटी बढ़ाने वाली औषधि गिलोय का सेवन

मानसून और कोरोना वायरस के समय में सिर्फ हमारी इम्यूनिटी ही हमारा हथियार है। इसे बढ़ाने में आयुर्वेदिक औषधि गिलोय बहुत महत्वपूर्ण है। पर ज्यादातर लोग नहीं जानते कि बेहतर लाभ लेने के लिए कैसे करना चाहिए गिलोय का सेवन!
गिलोय डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ ही इम्‍यूनिटी भी बढा़ती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
योगिता यादव Updated: 10 Dec 2020, 01:08 pm IST
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कोविड-19 महामारी के समय में रोग प्रतिरोधक क्षमता ही हमारा सुरक्षात्मक कवच है। फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाली इस बीमारी के लिए जब तक कोई वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक आपको अपनी इम्यूनिटी के सहारे ही इसका मुकाबला करना है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक औषधियां आसान और कारगर विकल्प हैं। ऐसी ही एक आयुर्वेदिक औषधि है गिलोय।

गिलोय बुखार, सिर दर्द, संक्रमण आदि से बचाने के साथ ही इम्यूनिटी बढ़ाने में भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका अदा करती है। पर ज्यादातर लोग नहीं जानते कि इसका सेवन कैसे करना चाहिए। तो आज हम आपकी इसी कन्फ्यूजन को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या है गिलोय

आयुर्वेद में गिलोय को रसायन की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसका आयुर्वेदिक नाम अमृता या अमृतवल्ली है। इसके पत्तों का आकार पान के पत्तों से मिलता-जुलता होता है। पर स्वाद में ये थोड़े कड़वे, कसैले और तीखे होते हैं। यह संक्रमण, कफ आदि से बचाने में मानी हुई दवा है।

इसके अलावा यह पाचन संबंधी समस्याओं, डायबिटीज, हार्ट बर्न, पीलिया आदि से आराम दिलाने में भी लाभकारी है। महिलाओं में होने वाली कमजोरी में भी यह राहत पहुंचाती है। इसकी बेल साल भर हरी रहती है और इस पर मटर के दाने के आकार के फल लगते हैं।

आयुर्वेद में गिलोय को अमृता या अमृतवल्‍ली कहा गया है। चित्र: शटरस्‍टॉक

गिलोय की बेल की खासियत यह है कि यह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उसके गुण भी इसमें आ जाते हैं। इसलिए जो गिलोय नीम के पेड़ पर चढ़ी होती है, उसे ज्‍यादा औषधीय माना जाता है। मानसून संबंधी समस्याओं से निजात पाने में इसी का इस्तेमाल किया जाता है।

कैसे करना चाहिए गिलोय का सेवन

आयुर्वेद में औषधियों के साथ-साथ उसके सेवन का समय और तरीका भी निश्चित किया गया है। किसी भी औषधि का लाभ तभी मिल सकता है जब उसे उसकी सही मात्रा, समय और विधि से लिया जाए। कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए अगर आप गिलोय का इस्तेमाल कर रहीं हैं, तो आपको भी यह जानना चाहिए कि इसका सेवन कब और कैसे करना है।

कैसे करें इसका सेवन

गिलोय को आप अर्क, काढ़ा, रस या चटनी के रूप में भी सेवन कर सकती हैं। पर आजकल गिलोय की गोलियां भी तैयार मिलती हैं। आप अपनी सुविधानुसार इनमें से किसी भी विकल्प का चयन कर सकती हैं। पर हमारी आपको सलाह है कि आप ताजी गिलोय का सेवन करें। ताकि इसकी गुडनेस का भरपूर लाभ लिया जा सके।

पाचन संबंधी समस्या में

अगर आपको अपच, कब्ज आदि समस्याएं हैं तो आपके लिए गिलोय की चटनी का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद होगा। इसका स्वाद थोड़ा कसैला होता है इसलिए इसमें आप मिश्री मिला सकती हैं। पर इसके अलावा और कोई भी मसाला इसमें नहीं मिलाना चाहिए।

पाचन संबंधी समस्‍या होने पर आपको गिलोय की चटनी खानी चाहिए। चित्र: शटरस्‍टॉक

बुखार एवं अन्य मौसमी संक्रमण में

संक्रमण और बुखार से निजात पाने में गिलोय का काढ़ा ज्यादा असरदार है। इसका सेवन हमेशा खाली पेट किया जाना चाहिए।

अगर आपको बुखार है तो आप 40 ग्राम गिलोय की ताजी पत्तियों को मसलकर उसमें लगभग 250 मिली पानी मिलाकर रात भर किसी मिट्टी के बर्तन में रख दें। सुबह इस पानी को छानकर उसका सेवन करें। दिन में तीन बार इसकी दवा बराबर मात्रा यानी 20 मिली का सेवन करने से बुखार चला जाता है।

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इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए

अगर आप अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए गिलोय अर्क, गिलोय रस या गिलोय की गोलियों को सेवन कर रहीं हैं, तो इसे हमेशा खाली पेट ही सेवन करें। इससे इसका ज्यादा लाभ लिया जा सकता है।

ध्यान रहे

  • अगर आपको डायबिटीज है और शुगर लो रहती है तो आपको गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह शुगर को और ज्यादा डाउन कर देती है।
  • प्रेगनेंसी में भी आपको गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।

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लेखक के बारे में

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

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