स्तन कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकता है, परन्तु यह महिलाओं में कहीं अधिक सामान्य है। कई कारण हैं जिन्में स्तनों में बढ़ने वाली असामान्य कोशिकाएं गांठ का रूप ले लेती हैं। अगर समय रहते पता चल जाए तो इसका उपचार हो सकता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ (Breast cancer awareness month) के रूप में समर्पित किया गया है। इस माह यह जरूरी है कि आप उन कारकों के बारे में जानें, जो अन्य महिलाओं की तुलना में आपके लिए ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer causes) का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता और वैज्ञानिक शोधों से ब्रेस्ट कैंसर के निदान व इलाज में काफी हद तक प्रगति हुई है। जिसके चलते पहले की तुलना में स्तन कैंसर के रोगियों के जीवित रहने की दर में वृद्धि हुई है।
ब्रेस्ट में गांठ या स्थानीय चमड़ी मोटी होना जो आसपास से अलग दिखना, ब्रेस्ट के आकार या स्वरूप में बदलाव, ब्रेस्ट त्वचा में परिवर्तन, जैसे कि डिंपलिंग, उल्टा निप्पल, निप्पल के आस-पास की त्वचा का छिलना, स्केलिंग, क्रस्टिंग या फ्लेकिंग लाल होना या निप्पल खड़ा होना ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) तब होता है जब कुछ ब्रेस्ट कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेजी से विभाजित होकर असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। एक गांठ बनाकर कोशिकाएं ब्रेस्ट क्षेत्र से लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर ज्यादातर दूध बनाने वाली नलिकाओं (इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा) में या कोशिकाओं में होता है। यह ग्रंथियों में भी शुरू हो सकता है जिन्हें लोब्यूल (इनवेसिव लोब्युलर कार्सिनोमा) कहा जाता है।
अब तक हुए शोधों के आधार पर शोधकर्ताओं ने यह माना है कि यह हार्मोन में गड़बड़ी, जीवन शैली और पर्यावरणीय कारक स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
यह भी कि लगभग 5 से 10 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर परिवार में पीढ़ियों से प्राप्त जीन म्यूटेशन से जुड़े होते हैं। वंशानुगत उत्परिवर्तित कैंसर जीन 1 (बीआरसीए 1) और ब्रेस्ट कैंसर जीन 2 (बीआरसीए 2) हैं, जो दोनों ब्रेस्ट और डिम्बग्रंथि के कैंसर के खतरे को काफी बढ़ाते हैं।
1 महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम पुरुषों से अधिक होता है। बढ़ती उम्र, ब्रेस्ट में इंफेक्शन या चोट से या बायोप्सी में सीटू (एलसीआईएस) या ब्रेस्ट के एटिपिकल हाइपरप्लासिया में लोब्युलर कार्सिनोमा नामक ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
2 अगर एक ब्रेस्ट में कैंसर है, तो दूसरे ब्रेस्ट में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
3 ब्रेस्ट कैंसर (फॅमिली हिस्ट्री) का पारिवारिक इतिहास यदि आपकी मां, बहन या बेटी को ब्रेस्ट कैंसरका पता चला है, खासकर कम उम्र में, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अधिकांश लोगों में बीमारी का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं है।
4 विकिरण यानी रेडिएशन भी स्तन कैंसर का कारण हो सकता है। यदि बचपन या युवावस्था में आपकी छाती को रेडिएशन से गुजरना पड़ा है तो आपके लिए स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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कस्टमाइज़ करें5 छोटी उम्र में पीरियड शुरू होना भी ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है। अगर मासिक धर्म 12 साल की उम्र से पहले शुरू हो गए थे तो आप में स्तन कैंसर का जोखिम औरों की तुलना में अधिक हो सकता है।
6 अर्ली मेनोपॉज भी स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है।
7 लेट प्रेगनेंसी पहला बच्चा 30 साल की उम्र के बाद होने पर भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
8 जो महिलाएं कभी गर्भवती नहीं हुई हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा उन महिलाओं की तुलना में अधिक होता है, जिन्हें एक या अधिक बार गर्भधारण हुआ हो।
9 पोस्टमेनोपॉज़ल हार्मोन थेरेपी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। जो महिलाएं हार्मोन थेरेपी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन लेती हैं, उनमें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
10 अधिक शराब व लम्बे समय तक शराब का सेवन करने से भी खतरा बढाता है।
ध्यान रहें
इनमें से कोई भी हार्ड एंड फास्ट कारण नहीं है, जो यह साबित करे कि आपको स्तन कैंसर होगा ही। ये केवल वे कारण हैं जो आपके लिए स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अगर सही लाइफस्टाइल और जागरुकता हो, तो इनसे बचाव भी संभव है।
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