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कोई भी मिसकैरेज आपको दोबारा मां बनने से नहीं रोक सकता, जानिए कैसे

गर्भपात एक महिला के लिए भावनात्मक रूप से दर्दनाक अनुभव होता है। यह फिर से गर्भवती होने के बारे में डर पैदा कर सकता है। एक विशेषज्ञ से जानिए कि आपको क्यों दोबारा ट्राइ करना चाहिए।
Published On: 26 Dec 2021, 02:00 pm IST
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miscarriage ke prabhav
मिस्कैरेज के बाद अक्सर महिलाएं अवसाद, गिल्ट, क्रोध का सामना कर सकती हैं. चित्र : शटरस्टॉक

33 साल की अंकिता सिंह नें जब मां बनने का फैसला लिया तो उन्होनें नहीं सोचा था कि उन्हें मिसकैरेज का सामना भी करना पड़ेगा। भ्रूण और शुक्राणु के मिलने के 5-6 सप्ताह के भीतर ही उन्हें पता चला कि यह प्रारंभिक मिसकैरेज है। अंकिता का दिल टूट गया। लेकिन इससे भी ज्यादा, उसे फिर से गर्भवती होने की कोशिश करने का डर पैदा हो गया।

ऐसा सोचने वाली वह अकेली नहीं है। बहुत सी महिलाएं जो अपनी उम्र के किसी भी चरण में मिसकैरेज से गुज़रती हैं। जिसके बाद उनके मन में भय और संदेह पैदा हो जाता है। क्या मैं फिर से गर्भवती हो पाऊंगी? क्या मेरा एक स्वस्थ बच्चा होगा? क्या मेरे साथ कोई समस्या है? मेरा गर्भपात क्यों हुआ? ऐसे और बहुत से प्रश्न मन को झकझोर कर रख देते हैं। दंपति को फिर से प्रयास करने के बारे में सामान्य से अधिक विचार करना पड़ सकता है, फिर से प्रयास करना है या नहीं, और एक बार फिर कोशिश करने से पहले कोई सावधानी बरतनी है या नहीं।

इससे पहले कि हम यह समझने की कोशिश करें कि मिसकैरेज के बाद प्रेगनेंट होने से क्यों डरना नहीं चाहिए। आइए पहले यह समझें कि गर्भपात क्या है।

miscarriage ke prabhav
क्या गर्भपात का प्रेगनेंसी या प्रजनन क्षमता पर कोई असर पड़ता है? चित्र ; शटरस्टॉक

मिसकैरेज क्या है?

प्रेगनेंसी लॉस को मिसकैरेज कहा जाता है। आमतौर पर यह गर्भावस्था के पहले भाग में होता है, जो कि 5 महीने या 20 सप्ताह से पहले होता है।

कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल, मुंबई, की वरिष्ठ प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ वैशाली जोशी हेल्थशॉट्स को बताती हैं – ”दुर्भाग्य से, गर्भपात बहुत आम है। चार गर्भधारण में से हर एक का गर्भपात हो सकता है।”

विशेषज्ञ बताते हैं – “प्रारंभिक गर्भावस्था में गर्भपात का सबसे आम कारण भ्रूण में एक दोषपूर्ण जेनेटिक माटेरियल है। यह भ्रूण की एक नई अनूठी क्रोमोसोमल असेंबली बनाने के लिए माता-पिता दोनों से जेनेटिक माटेरियल के मिश्रण के दौरान होता है। जब प्रकृति को अपनी गलती का एहसास होता है, तो गर्भावस्था की वृद्धि रुक ​​जाती है और गर्भपात हो जाता है।”

गर्भपात का एक अन्य कारण संक्रमण भी हो सकता है। ये कारण एकल या गैर-आवर्ती गर्भपात को जन्म दे सकते हैं

डॉ जोशी साझा करती हैं – असामान्य कारण मां में प्रतिरक्षा संबंधी समस्याएं, या महिला में जन्म से गर्भाशय या जननांग अंगों का दोषपूर्ण या असामान्य विकास है। आमतौर पर इन परिस्थितियों में, गर्भपात बार-बार होता है और सही चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपचार द्वारा इसे रोका जा सकता है।

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मिसकैरेज का प्रभाव

जिस तरह गर्भावस्था एक महिला के लिए जीवन बदलने वाला अनुभव है, उसी तरह गर्भपात भी उसके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक जीवन पर स्थायी प्रभाव छोड़ सकता है।

जबकि मासिक धर्म की शुरुआत के बाद 4-6 सप्ताह में शारीरिक परिवर्तन वापस आ जाते हैं, शोक की प्रक्रिया से उबरने में अधिक समय लग सकता है।

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क्या मिसकैरेज के बाद मां बनना मुश्किल हो जाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

इसलिए डॉक्टर जोशी की सलाह है कि जब महिला मानसिक और भावनात्मक रूप से ठीक हो जाए तो उसे दोबारा गर्भधारण करने की कोशिश शुरू कर देनी चाहिए।

वह आगे कहती हैं “यदि पिछली गर्भावस्था के नुकसान एक्टोपिक प्रेगनेंसी या मोलर प्रेगनेंसी के कारण होते हैं, तो ऐसे मामलों में आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच के बाद भविष्य की गर्भधारण की कोशिश की जानी चाहिए।”

हर गर्भावस्था अलग होती है

हां य़ह सही हैं। सिर्फ इसलिए कि एक मिसकैरेज हो गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि आपका दृष्टिकोण नकारात्मक हो गया है।

डॉ जोशी का सुझाव है – “यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर गर्भावस्था अलग होती है और सकारात्मक और सतर्क दृष्टिकोण रखने से महिलाओं को भविष्य की गर्भावस्था में चिंताजनक समय से निपटने में मदद मिलती है।”

वह कहती हैं कि चिकित्सकीय साक्ष्यों से पता चला है कि सफल गर्भधारण की संभावना गर्भपात के बाद भी उतनी ही होती है। वह अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन (एपीए) के तथ्यों का हवाला देते हुए कहती हैं: “गर्भपात का सामना करने वाली कम से कम 85 प्रतिशत महिलाओं को बाद में स्वस्थ गर्भावस्था होती है।”

गर्भपात के बाद आप दोबारा गर्भवती होने की कोशिश कब शुरू कर सकती हैं?

ओव्यूलेशन की प्रक्रिया गर्भपात के बाद मासिक धर्म की शुरुआत के साथ शुरू होती है। यह गर्भपात के पहले छह महीनों के भीतर कभी भी हो सकता है।

डॉ जोशी कहती हैं – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एक अध्ययन के अनुसार, गर्भपात के तुरंत बाद गर्भवती होने वाली महिलाओं की जीवित जन्म दर अधिक समय तक प्रतीक्षा करने वालों की तुलना में अधिक थी – 36 प्रतिशत की तुलना में 53 प्रतिशत। अतिरिक्त शोध में पाया गया कि जो लोग गर्भपात के तीन महीने के भीतर फिर से गर्भवती हो गए, उन्होंने तीन महीने के बाद गर्भधारण करने वालों की तुलना में एक और गर्भावस्था के नुकसान के जोखिम को कम किया।

मिसकैरेज के बाद महिला को क्या करना चाहिए?

विशेषज्ञ कहती हैं – “भविष्य की गर्भावस्था की योजना, आत्मविश्वास और वैज्ञानिक ज्ञान के साथ बनाएं। एक अच्छे डॉक्टर की सलाह और पार्टनर के सपोर्ट के साथ आप फिर से गर्भवती होने क एबारे में सोच सकती हैं।

इसलिए आशान्वित रहें और मजबूत बने रहें।

यह भी पढ़ें : Infertility mythbuster : बेफिक्र रहें, बर्थ कंट्रोल प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करता

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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