सांसों में बदबू और आवाज़ खराब होना हो सकता है ओरल कैंसर का संकेत, जानिए इससे कैसे बचना है

समय रहते ओरल कैंसर का पता लगने से बच सकती है आपकी जान, जानें इसके शुरुआती लक्षण। सभी को ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण पता होने चाहिए ताकि आप बिना देर किए अपना इलाज शुरू करवा सकें।
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समय रहते ओरल कैंसर का पता लगने से बच सकती है आपकी जान. चित्र : अडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 27 Aug 2024, 02:48 pm IST
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ओरल कैंसर एक बेहद ख़तरनाक स्थिति है, जो मुंह और गले के टिश्यू में विकसित होती है। यह आपके जीभ, टॉन्सिल, मसूड़े और मुंह के अन्य जगहों को प्रभावित करते हैं। हालांकि, टेक्नोलॉजी के बढ़ने से माउथ कैंसर को जल्दी डायग्नोज कर लिया जा रहा है, जिसके कारण पिछले 30 वर्षों में माउथ कैंसर से होने वाले मृत्यु दर में कमी आई है। वहीं समय पर इस बीमारी का पता लगने और इलाज शुरू होने के से सर्वाइवल रेट भी बढ़ा है। इसलिए सभी को ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण पता होने चाहिए ताकि आप बिना देर किए अपना इलाज शुरू करवा सकें।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल न्यू दिल्ली के कंसलटेंट हेड एंड नेक ओंकोसर्जन डॉक्टर अक्षत मलिक ने ओरल कैंसर के लक्षण (symptoms of oral cancer) बताने के साथ ही इससे जुड़ी कई अन्य जानकारी भी दी है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में अधिक विस्तार से।

ओरल कैंसर क्या है?

ओरल कैंसर (माउथ कैंसर) कैंसर के लिए एक व्यापक शब्द है जो आपके मुंह के अंदर के हिस्सों को प्रभावित करता है। ओरल कैंसर होठों या मुंह के आम समस्या की तरह नजर आता है, जैसे कि सफेद धब्बे या घाव जिनसे खून निकलता है। एक आम समस्या और संभावित कैंसर के बीच का अंतर यह है, कि ये परिवर्तन दूर नहीं होते हैं।

अगर इसका इलाज न किया जाए, तो ओरल कैंसर आपके मुंह और गले से होते हुए आपके सिर और गर्दन के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है। ओरल कैविटी कैंसर से पीड़ित लगभग 63% लोग निदान के 5 साल बाद तक जीवित रहते हैं।

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फौरन डॉक्टर से मिले और सलाह लें। चित्र : अडॉबीस्टॉक

ओरल कैंसर का कारण क्या है?

ओरल कैंसर आपके ओरल कैविटी में स्क्वैमस सेल्स (squamous cells) में शुरू होता है। स्क्वैमस सेल्स चपटी होती हैं। सामान्य स्क्वैमस सेल्स तब कैंसरग्रस्त हो जाती हैं, जब उनका डीएनए बदलता है और फिर ये सेल्स बढ़ने लगती हैं। समय के साथ, ये कैंसिरियस सेल्स आपके मुंह के अंदर के अन्य क्षेत्रों और फिर आपके सिर और गर्दन के अन्य क्षेत्रों या आपके शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकती हैं।

ओरल कैंसर के इन शुरुआती लक्षण को न करें नजरंदाज (symptoms of oral cancer)

1. घाव: आपके मुंह या गले में घाव, जलन जो ठीक नहीं हो रहा हो। इनसे आसानी से खून आना, या खुरदरे धब्बे या पपड़ीदार क्षेत्र के तौर पर नजर आ सकते हैं।

2. धब्बे: आपके मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग के धब्बे नजर आना। जो समय के साथ हिल न हो रहे हों।

3. दर्द: आपके मुंह में दर्द महसूस होता है, जो दूर नहीं होता। यदि लंबे समय से निगलने, मुंह खोलने या चबाने में दर्द या कठिनाई का अनुभव हो रहा तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है।

अन्य लक्षण: आपके मुंह में, आपके होंठ पर, आपकी गर्दन पर या आपके गले में गांठ, सूजे हुए लिम्फ नोड्स, आपके जबड़े को हिलाने में कठिनाई, आपके मुंह में सुन्नता, कान में दर्द, पुरानी बदबूदार सांस, या कर्कश आवाज, ये सभी ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण की ओर इशारा करते हैं।

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ओरल हाइजीन का रखें खास ख्याल। चित्र: शटरस्‍टॉक

अब जानें कब होता है ओरल कैंसर का अधिक खतरा

तंबाकू पदार्थों का अधिक सेवन
स्मोकिंग की आदत
नियमित रूप से शराब का सेवन
HPV के मरीजों में होता है ओरल कैंसर का अधिक खतरा
होठों को सन एक्सपोजर से बचाएं
पुरुषों में होता है ओरल कैंसर का अधिक खतरा
ओरल हाइजीन के प्रति लंबे समय तक बरती जाने वाली लापरवाही भी ओरल कैंसर के खतरे को बढ़ा देती है।

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जानें ओरल कैंसर से बचाव के तरीके (How to avoid oral cancer)

1.तम्बाकू सेवन से बचें: धूम्रपान, तम्बाकू चबाना, सूंघना, और पाइप और सिगार का उपयोग करना छोड़ दें। सेकेंड हैंड धूम्रपान भी आपके जोखिम को बढ़ा सकता है। आप तम्बाकू का उपयोग जितना कम करेंगी, इसका जोखिम उतना ही कम होगा।

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2.सीमित रखें शराब का सेवन: जितना हो सके उतने कम मात्रा में शराब पिएं। धीरे धीरे कर के इसके सेवन को पूरी तरह छोड़ दें।

3.स्वस्थ आहार लें: प्रतिदिन फल और सब्जियों का सेवन करें। इससे आपके शरीर को आवश्यक विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं जो कैंसर सेल्स के ग्रोथ को रोकते हैं।

4.रोजाना व्यायाम करें: प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम जरूर करें। अधिक वजन होने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। वेट मैनेजमेंट के लिए डाइट पर ध्यान दें साथ ही नियमित रूप से उचित समय के लिए एक्सरसाइज करें।

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ओरल हाइजीन सही नहीं रहने पर मुंह की सारी गंदगी लार के माध्यम से पेट में चली जाती है। यही गंदगी खराब पाचन का कारण बनती है। चित्र:शटरस्टॉक

5.खुद को धूप से प्रोटेक्शन दें: सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच धूप में कम निकलें, और कम से कम धूप में जानें से पहले SPF 30 वाले सनस्क्रीन और लिप बाम का उपयोग करें। वहीं इन्हे हर दो घंटे में दोबारा अप्लाई करें।

6.HPV वैक्सीन है जरूरी: ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) एक सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज है, जो कुछ प्रकार के ऑरोफरीन्जियल कैंसर का कारण बन सकता है। सी.डी.सी. की सलाह है कि लड़के और लड़कियों को 11 या 12 साल की उम्र में इसकी वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।

7.ओरल हाइजीन का ध्यान रखें: हर भोजन के बाद और सोने से पहले फ्लोराइड टूथपेस्ट और मुलायम ब्रिसल वाले ब्रश से अपने दांत और मसूड़े साफ करें। गर्म पानी, नमक और बेकिंग सोडा से बने होममेड माउथवॉश से भी अपना मुंह धो सकती हैं।

8.नियमित डेंटल चेकअप है जरूरी: डेंटिस्ट आपके मुंह की जांच करते हैं, कि कहीं उसमें कोई असामान्यता तो नहीं है, जो कैंसर से पहले या कैंसर जैसी हो सकती है।

9.अपने मुंह की खुद जांच करें: इयामित रूप से अपने मुंह की जांच करें, यदि किसी भी प्रकार का असामान्य गांठ या लंप्स नजर आ रहा है, तो फौरन डॉक्टर से मिले और सलाह लें।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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