अर्थराइटिस यानी की गठिया ज्वाइंट से जुड़ी दर्दनाक इन्फ्लेमेटरी डिजीज है। यह किसी भी उम्र में व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है। बहुत से लोगों को अर्थराइटिस के लक्षणों से जुड़ी जानकारी नहीं होती, जिसकी वजह से उन्हें इसका पता बहुत देर से लगता है और तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। इसलिए सभी को गठिया के शुरुआती लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए ताकि इसे शुरुआत में ही आसानी से रोका जा सके।
इस विषय पर अधिक जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने आर्टिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन से सलाह ली। डॉक्टर ने गठिया के शुरुआती लक्षण बताते हुए, इन लक्षणों को नजरंदाज न करने की सलाह दी है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में (Arthritis Symptoms)।
अर्थराइटिस एक प्रकार का ज्वाइंट डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी विपरीत कार्य करते हुए बॉडी में हेल्दी टिशूज को प्रभावित करती है। वहीं इस समस्या को इन्फ्लेमेटरी डिजीज के नाम से भी जानते हैं। दरअसल, इम्यून सिस्टम ज्वाइंट्स की लाइनिंग पर हमला करता है, जिसके चलते जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द महसूस होता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस जोड़ों के साथ साथ शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है।
यह ऐसी बीमारी है जिसमें बॉडी खुद को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। ये समस्या ऑटो इम्यून कंडीशन है जो पुरूषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। यदि संख्या की बात करें तो 50 गठिया के मरीजों में से 35 मैरिज महिलाएं होती हैं। अगर आपके हाथ पैर के जोड़ों में तीन महीने से ज्यादा समय तक दर्द बना हुआ है, तो डाक्टर से मिलें। इससे आपकी स्थिति का पता लगाया जा सकेगा और उचित ट्रीटमेंट शुरू की जाएगी।
यदि जॉइंट पेन धीरे-धीरे समय के साथ बदतर होता जा रहा है, तो यह गठिया का एक क्लासिक लक्षण है। ये दर्द किसी भी शारीरिक गतिविधियों को करते हुए या उन्हें करने के बाद या लंबे दिन के अंत में शुरू हो सकता है। यदि आपको भी इसका अनुभव हो रहा है तो इसे नजरंदाज न करें, यह अर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है।
जैसे-जैसे गठिया की स्थिति बदतर होती जाती है, यह जोड़ों में सूजन और टेंडरनेस पैदा कर सकती है। जब आप जोड़ों पर दबाव डालती हैं और आपको दर्द महसूस होता है, या आस पास कोमलता महसूस होती है, तो ये गठिया का संकेत हो सकता है। इस लक्षण को भूलकर भी नजरंदाज न करें।
बहुत से लोगों को यह मालूम नहीं होता है कि हिप अर्थराइटिस का दर्द कमर तक फैल सकता है। हिप अर्थराइटिस के कारण आपकी जांघ या नितंबों में भी दर्द हो सकता है। लंबे समय तक बैठने या लेते हुए साथ ही किसी भी गतिविधियों को करने में कमर दर्द होने लगता है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह गठिया का लक्षण हो सकता है।
आपके शरीर के दोनों किनारों पर समान जोड़, जैसे दोनों कलाई और दोनों घुटने का दर्द, अक्सर रूमेटॉयड अर्थराइटिस से प्रभावित होते हैं। समय रहते इन पर ध्यान देना जरूरी है। अन्यथा स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है, जिसकी वजह से इलाज अधिक मुश्किल हो जाता है।
आपके हाथ, कलाइयों और टखनों के छोटे जोड़ अक्सर सबसे पहले प्रभावित होते हैं। इन जगहों पर रूमेटॉयड अर्थराइटिस सहित अन्य प्रकार के इन्फ्लेमेटरी अर्थराइटिस की स्थिति सबसे पहले देखने को मिलती है। यदि इन जगहों में अकड़न महसूस होता रहता है तो इसे हल्के में न लें। डॉक्टर से मिलकर इस बारे में सलाह लें।
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कस्टमाइज़ करेंथकान की कई कारण है जैसे की नींद की कमी, लंबे समय तक शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, डिहाइड्रेशन आदि, परंतु इन सभी समस्याओं के अलावा यह रूमेटॉयड अर्थराइटिस का संकेत हो सकती है। अगर थकान के साथ वजन कम हो, बुखार हो और भूख न लगे तो यह गठिया का संकेत है इसे भूलकर भी नजरंदाज न करें।
सोरायसिस एक स्किन कंडीशन है, जो त्वचा पर सेल्स के लाइफ साइकिल को बढ़ा देती है, जिससे त्वचा की कोशिकाएं सतह पर बनने लगती हैं। यह लाल और धब्बेदार त्वचा की सतह के रूप में दिखाई देती है। सोरायसिस से पीड़ित लोगों को अक्सर सोरियाटिक अर्थराइटिस भी होता है, जो जोड़ों और त्वचा की सूजन का कारण होता है। त्वचा संबंधी इस प्रकार की समस्या होने पर अर्थराइटिस की जांच जरुर करवाएं।
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