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National Vaccination Day : क्या सुरक्षित है कैंसर रोगियों के लिए वैक्सीन लेना? ऑन्कोलाजिस्ट बता रहे हैं इस बारे में सब कुछ

वैक्सीन लेने से गंभीर रोगों से हमारा बचाव हो पाता है। पर जब कोई व्यक्ति कैंसर से जूझ रहा होता है, तो उसे टीकाकरण में भाग लेना चाहिए या नहीं। जानते हैं कैंसर विशेषज्ञ से।
एक्सपर्ट की बताई कुछ सलाह पर ध्यान देकर कैंसर को शुरुआत में ही पहचाना जा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:11 am IST
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कैंसर एक खतरनाक रोग है। दुनिया भर में इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कैंसर के कारण न केवल व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, बल्कि इसका उपचार लंबा चलता है। कई चरणों में होने वाले इस उपचार के दौरान रोगी को किसी भी तरह के संक्रमण के जोखिम से बचाना जरूरी होता है। तब क्या ऐसे में कैंसर रोगियों को किसी तरह की वैक्सीन दिलवानी (vaccination for cancer patient) चाहिए? अगर आपके मन में भी यह सवाल है, तो आइए आज नेशनल वैक्सीनेशन डे के अवसर पर इस जरूरी सवाल का जवाब जानते हैं एक सीनियर ऑन्कोलॉजिस्ट से।

कैंसर पेशेंट टीका लगायें या नहीं (vaccination for cancer patient) यह जानने के लिए हमने बात की नई दिल्ली स्थित प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. निखिल हिमथानी से।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (National Vaccination Day 16 March)

जानलेवा बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण के महत्व को सामने लाने के लिए भारत सरकार हर वर्ष 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के रूप में मनाती है। हर बच्चे का टीकाकरण सुनिश्चित हो सके। इसके लिए अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मचारियों की कड़ी मेहनत को स्वीकार करने और उनकी सराहना करने के लिए भी यह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘वैक्सीन्स वर्क फॉर ऑल’ (Vaccines for all) है। वास्तव में पोलियो पर अंकुश लगाने के लिए इस दिवस को शुरू किया गया था। पर अब सभी तरह की वैक्सीन्स के बारे में इस दिन बात की जा सकती है।

कैंसर के मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली हो सकती है कमजोर

डॉ. निखिल हिमथानी बताते हैं, ‘यदि किसी व्यक्ति का हाल में ही कैंसर का उपचार हुआ है, तो उसे टीकाकरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होनी जरूरी है। कैंसर के उपचार में जो प्रक्रिया काम में लाई जाती है, वह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है।

कैंसर पेशेंट की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

इससे उन्हें संक्रमण हो सकता है। कीमोथेरेपी, स्टेम सेल या बोन मैरो ट्रांसप्लांट या सेल थेरेपी लेने पर ऐसा हो सकता है।

रोगी के चिकित्सा इतिहास पर भी निर्भर कर सकता है टीका लगवाना 

टीका लगवाने से पहले कैंसर के रोगियों को टीका उनके लिए सुरक्षित है, यह सुनिश्चित करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। किसी भी संभावित जोखिम से निपटने के लिए यह जरूरी है। टीकाकरण से पहले प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना होगा, तभी वैक्सीन लगाई जा सकती है। यह कैंसर के प्रकार और अवस्था, ली जा रही चिकित्सा और रोगी के चिकित्सा इतिहास पर भी निर्भर कर सकता है।

डॉ. निखिल हिमथानी टीका लगवाने से पहले कैंसर रोगियों को कुछ बातों पर ध्यान देने की सलाह देते हैं

1. टीका लगवाने से पहले अपने ऑन्कोलॉजिस्ट या प्राथमिक देखभाल करने वाले व्यक्ति से बात करें।
2. रेडिएशन या कीमोथेरेपी जैसे चल रहे किसी भी कैंसर उपचार का उल्लेख करने में सावधानी बरतें।
3. यदि आप सर्जरी या अन्य चिकित्सा उपचार कराने की योजना बना रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या टीकाकरण के लिए कोई समय निर्धारित हो सकता है।
4. यदि आपको बुखार या बीमारी के अन्य लक्षण हैं, तो आपको टीका लगवाना तब तक के लिए स्थगित कर देना चाहिए जब तक कि आप ऐसा करने के लिए पर्याप्त रूप से स्वस्थ न हो जाएं
5. यदि आपको वैक्सीन के कॉम्पोनेन्ट से कोई ज्ञात एलर्जी है, तो अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर को सूचित करना सुनिश्चित करें।
6. यदि संभव हो तो अपने कैंसर के उपचार में कम जोखिम वाली अवधि के दौरान टीका लगवाने पर विचार करें।
7. टीका लगवाने के बाद आपको जो भी सावधानियां बरतनी चाहिए, उनके बारे में अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर के मार्गदर्शन का पालन करें, जैसे कि बीमार लोगों के संपर्क से बचना।’

यदि संभव हो तो कैंसर के उपचार में कम जोखिम वाली अवधि के दौरान टीका लगवाने पर विचार करें। चित्र: शटरस्टॉक

अंत में

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कैंसर के मरीज जिन्होंने अपनी चिकित्सा पूरी कर ली है या उपचार ले रहे हैं, उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए। तभी COVID-19 वैक्सीन लेनी चाहिए। हालांकि कैंसर रोगियों के लिए टीकाकरण आम तौर पर सुरक्षित है, लेकिन किसी भी प्रकार की आशंका के बारे में चिकित्सा विशेषज्ञ के साथ चर्चा करना महत्वपूर्ण है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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