प्रेगनेंसी एक महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है। इसमें मां और बच्चे दोनों की सेहत का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। कोई भी गलत कदम बच्चे और मां दोनों की सेहत और जान के लिए नुकसानदेह हो सकता है। यही वजह है कि मां, बहनें, दादी-नानी ही नहीं आपके पड़ोसी और सहकर्मी भी आपको कोई न कोई सलाह देते ही रहेंगे। कुछ लोग कुछ फूड्स खाने के लिए इस दौरान मना करते हैं, तो कुछ आपको दो लोगों का खाना खाने के लिए कहेंगे। आइए इस पोषण सप्ताह (National nutrition week) में गर्भावस्था में पोषण (Nutrition during pregnancy) से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के सही-सही जवाब जानते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के अनुसार कैफीन आपके रक्तचाप और हृदय गति और शरीर द्वारा बनाए जाने वाले मूत्र की मात्रा को थोड़ा बढ़ा देता है। कैफीन के कारण आपको जलन, अपच या सोने में परेशानी हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान, आप विशेष रूप से कैफीन के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं। यदि आप गर्भवती हैं तो इसे आपके शरीर से निकालने में आपको अधिक समय लग सकता है। यह आपको घबराहट या हल्का सिरदर्द भी महसूस करा सकती है।
ध्यान रहे कि गर्भावस्था के दौरान कैफीन को प्रतिदिन 200 मिलीग्राम तक सीमित करें। पूरे दिन में एक कप कॉफी पर्याप्त है। यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो एक दिन में दो बार कॉफी पीना काफी है।
जी हां, ये सही है कि गर्भावस्था के दौरान आपको कुछ खास तरह के आहार से बचना चाहिए। मेयो क्लीनिक के अनुसार उन फूड्स की सूची भी दी गई है, जो आपकेा प्रेगनेंसी में नहीं लेने चाहिए।
कच्ची मछली से बचें। बचने के लिए कच्चे या अधपके खाद्य पदार्थों के उदाहरणों में सुशी, साशिमी, केविच और कच्चे सीप, स्कैलप्स या क्लैम शामिल हैं। बिना पके समुद्री भोजन से बचें। इसमें सीफूड लेबल वाला नोवा स्टाइल, लॉक्स, किपर्ड, स्मोक्ड या जर्की शामिल हैं।
बैंगन सभी भारतीय घरों में खाया जाने वाला एक आम भोजन है। इसे एमेनोरिया और प्रीमेंस्ट्रुअल डिसऑर्डर के इलाज में मददगार माना जाता है। नतीजतन, इस आधार पर यह सलाह दी जाती है कि गर्भावस्था के दौरान बैंगन का सेवन न करें।
दूध को सेवन करने से पहले थोड़ा उबाल लेना चाहिए, क्योंकि उबालने की प्रक्रिया में दूध के कीटाणु मर जाते हैं। उबालना रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं को रोकता है, जो बच्चे के विकास के लिए हानिकारक हो सकते हैं। दूध निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे पास्चुरीकृत किया जाना चाहिए।
नहीं, यह एक मिथ है कि एक गर्भवती महिला को “दो लोगों के लिए खाना चाहिए।” हालांकि गर्भावस्था शरीर की कैलोरी और पोषण की आवश्यकता को बढ़ाती है, लेकिन कैलोरी या पोषक तत्वों की मात्रा दोगुनी नहीं होती है।
CDC के अनुसारा गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान आपके सामान्य सेवन से प्रति दिन लगभग 300 कैलोरी की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए आप ब्रेड का एक टुकड़ा, एक औंस चेडर चीज़ खाकर आठ आउंस पूरा कर सकती हैं।
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