कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने हाथों को बार-बार धोएं या सेनिटाइज करें। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि हम बार-बार मुंह को छूने से बचें। पर तब क्या हो जब आपके बच्चे को नाखून चबाने या अंगुली के पोरों को कुतरने की आदत हो? क्या आप जानती हैं कि यह आदत किसी के लिए जान का जोखिम भी ला सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप समय रहते इस पर ध्यान देकर इस बुरी आदत को छुड़वाने की दिशा में पहल करें।
नाखून बहुत सारे बैक्टीरिया का अड्डा होते हैं। यही वजह है कि जिन बच्चों को नाखून चबाने की आदत होती है, वे जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं। मौसमी संक्रमण से लेकर कोरोनावायरस तक, वे बीमारियां जो छूने से फैलती हैं, नाखून चबाना उनके प्रसार में मददगार हो सकता है।
ऐसे में मां-बाप की जिम्मेदारी होती है कि अपने बच्चे को ऐसी बुरी आदतों के प्रभाव से बचाएं। हमारे पास कुछ ऐसे टिप्स है जो आपके बच्चों को इस आदत से छुटकारा दिलवा सकते हैं।
ग्लोबल जर्नल फॉर रिसर्च एनालिसिस के मुताबिक, यह आदत 4 से 6 साल तक के बच्चों में अधिक होती है, जो किशोरावस्था में और बढ़ सकती है।
ऐसा देखा गया है कि ज्यादातर लोग जो नाखून चबाते हैं वह तनाव के दौरान इसे ज़्यादा करते हैं। जब वे किसी चीज के बारे में सोच रहे होते हैं, तब अपना नाखून चबाने लगते हैं। यह आदत उनके शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। अकसर ऐसे बच्चों में सोशल फोबिया और आत्मविश्वास की कमी देखी जाती है।
नाखून चबाने की आदत से बैक्टीरियल इनफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है, इसके कारण चेहरे पर रेडनेस, सूजन व अन्य समस्याएं होने लगती है। कई बार तो नाखून के नीचे भी बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की वजह से वहां पस बन जाती है और असहनीय दर्द हो सकता है।
नेल बाइटिंग या नाखून चबाने का सीधा हमारे पेट के स्वास्थ्य पर पड़ता है। नाखून की सारी गंदगी हमारे पेट में पहुंच जाती है, जिससे हमारा पेट खराब हो सकता है। इससे पाचन संबंबधी अन्य समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं।
कई बार नाखून चबाने से बच्चों के मसूड़ों में नाखून लग जाता है या कट के फस जाता है। इसकी वजह से मसूड़ों में दर्द की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कभी-कभी इसमें खून भी बहने लगता है।
नाखून छोटे रखना बच्चों की नाखून चबाने की आदत को छुड़ाने में मदद कर सकता है। ऐसे में अपने बच्चों के नाखून समय-समय पर काटते रहें। जब नाखून बड़े नहीं होंगे, तो बच्चे चबाने का प्रयास नहीं करेंगे।
अगर बच्चा छोटा है और उसने नाखून चबाना शुरू कर दिया है, तो नीम का तेल आपकी मदद कर सकता है। असल में नीम का तेल कड़वा और हानिरहित होता है। आप बच्चे की उंगलियों पर नीम का तेल चुपड़ सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंइससे जब भी बच्चा नाखून चबाने का प्रयास करेगा, तो इसके स्वाद से दोबारा नाखून नहीं चबाएगा। नीम का तेल बच्चों को संक्रमण से दूर रखने में भी मदद कर सकता है।
यह बहुत जरूरी है, कि अपने बच्चों को नाखून चबाने के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करें। उन्हें नाखून चबाने से होने वाली बीमारी और समस्याओं के बारे में बताएं। बच्चों के दिमाग में एक ऐसा स्ट्रक्चर बनाएं, जिससे बच्चे यह बात समझ जाएं कि नाखून चबाना एक बुरी आदत है और इससे कई समस्याएं हो सकती हैं।
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