मेरी बचपन की स्मृतियों में जो एक चीज मुझे सबसे ज्यादा याद है, वह ये कि मेरी नानी अकसर जोड़ों के दर्द की शिकायत किया करती थीं। उस समय, जागरूकता की कमी के कारण, हमने मान लिया कि यह गठिया होगा और इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि यह बुढ़ापे से संबंधित है। हाल ही में, जब मेरी मां ने भी इसी तरह के दर्द को महसूस करना शुरू कर दिया, तो हमने महसूस किया कि हमें इसके मूल कारण की जांच करनी चाहिए।
तब हमने एक डॉक्टर से मिलने का निर्णया किया। तब डॉक्टर ने हमें यूरिक एसिड टेस्ट करवाने की सलाह दी। जो वास्तव में ब्लड में यूरिक एसिड लेवल को चैक करने के लिए किया जाता है। जब हमें रिपोर्ट मिली, तो हमने पाया कि मम्मी का यूरिक एसिड लेवल काफी बढ़ा हुआ था। हालांकि मम्मी को गाउट नहीं था, जो ऑर्थराइटिस का ही एक जटिल रूप है। इसमें शरीर में सूजन बढ़ जाती है और बहुत ज्यादा दर्द होता है। इसे बिल्कुल भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
मम्मी को आई इस समस्या के बारे में मेरे पास कई सवाल थे। मैंने कुछ ठोस उत्तरों के लिए फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुड़गांव में नेफ्रोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. सलील जैन से बात की और इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश की।
डॉ. सलिल कहते हैं, “जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो जाता है, हमारा यूरिन यूरिक एसिड से बना होता है। हम सभी यूरिन पास करते समय या मोशन में ये यूरिक एसिड रिलीज करते हैं। यूरिक एसिड और कुछ नहीं है, बल्कि हमारे शरीर में मौजूद प्यूरीन के टूटने से बना बाई प्रोडक्ट है। यह भी प्रोटीन की ही एक फॉर्म है जो ज्यादातर मांस, मशरूम में पाया जाता है।”
हमारे शरीर में बनने वाला यूरिक एसिड जब किडनियों से रिलीज नहीं हो पाता है, तब यह ब्लड में शामिल होने लगता है। इसकी कई वजहें हो सकती हैं। जब आप आवश्यकता से अधिक प्रोटीन का सेवन करें, खासकर ऐसे फूड जिनमें प्यूरीन हो। या फिर ऐसी दवाओं का सेवन करना, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं।
हमने डॉक्टर से पूछा कि बुजुर्गों के लिए यह कितना खतरनाक है और अगर हम इससे पीड़ित हैं तो हम अपने माता-पिता की मदद कैसे कर सकते हैं
डॉ. सलिल अपने पेरेंट्स को डॉक्टर से मिलने और उनके आहार पर ध्यान देने की बात कहते हैं। ताकि डॉक्टर यह आकलन कर सकें कि यह आहार कहीं उनकी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार तो नहीं। मेडिकल प्रोफेशन किडनी की जांच करके या सीटी स्कैन के माध्यम से यह पता लगाते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है।
“ समस्या को शरीर को हाइड्रेटेड रखने, प्रोटीन को कम मात्रा में रखते हुए, कम प्यूरीन लेने और यदि यह सब नियंत्रण में है, तो किडनी में स्टोन की जांच करने की सलाह दी जाती है।”
डॉ. सलिल ने सुझाव देते हैं कि इसमें ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है, लेकिन अगर इस स्थिति को लंबे समय तक नजरदाज किया जाए तो यह आपके पेरेंट्स के लिए खतरनाक हो सकता है।
जब समस्या एक बहुत लंबे समय के लिए पहुंच से बाहर छोड़ दिया है, यूरिक एसिड या तो जोड़ों पर या स्टोन के रूप में किडनी में जमा होने लगता है। इससे तेज और असहनीय दर्द हो सकता है और यदि सही समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो किडनी के फंक्शन पर भी असर पड़ता है।
डॉ सलिल ने निष्कर्ष देते हैं कि “यदि जोड़ों में लगातार दर्द होता है, तो टेस्ट करवाना जरूरी है और प्रोटीन का सेवन कम करें। किसी भी प्रोटीन सप्लीमेंट को डॉक्टर की सलाह के बगैर न लें। हृदय रोगियों को हमेशा खास अहतियात बरतनी चाहिए। और उन्हीं चीजों का पालन करना चाहिए, जिसकी सलाह उनके डॉक्टर दें।
इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जब हमारे माता-पिता इस मुद्दे का सामना कर रहे हों तो डॉक्टर से मिलें ताकि इस संदर्भ में सही टेस्ट करवाकर उपचार की दिशा में बढ़ा जा सके।
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