जानिए डायबिटीज के मरीजों के लिए क्या है बेहतर मटन या चिकन!

शुगर के मरीजों के लिए खानपान पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। खासतौर से अगर आप नॉनवेज खाना चाहती हैं, तो आपको इसके सही विकल्प के बारे में पता होना चाहिए।
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कोशिश करें कि कच्चे चिकन को लीक प्रुफ कंटेनर में रखें। चित्र : शटरस्टोक

डायबिटीज एक विकार है, जिसमें रक्त शर्करा का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है, क्योंकि व्यक्ति का शरीर पर्याप्त इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है। मधुमेह विकार वाले लोगों को अपनी दैनिक जीवन शैली में स्वस्थ आहार को शामिल करना बेहद ज़रूरी है, जिसमें कम से कम, कार्बोहाइड्रेट, संतृप्त वसा और प्रोसेसिंग हो।

इसलिए, आज हम आपको बताएंगे कि अगर आपको डायबिटीज है, तो क्या आप मटन या चिकन का सेवन कर सकते हैं? और यह भी बताएंगे कि इनमें से क्या बेहतर है!

पहले जानते हैं रेड मीट के बारे में

रेड मीट में सूअर का मांस, बीफ, मटन, बकरी और भेड़ का मांस होता है। इनमें मटन भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला रेड मीट है। जब हम मटन कहते हैं, तो भारत में इसका मतलब बकरी का मांस होता है, भेड़ का नहीं। रेड मीट लोगों द्वारा पसंद किया जाता है क्योंकि यह पोषक तत्वों का भार प्रदान करता है जैसे:

रेड मीट में कई पोषक तत्व भी होते हैं . चित्र : शटरस्टॉक
रेड मीट में कई पोषक तत्व भी होते हैं . चित्र : शटरस्टॉक

आयरन
जिंक
फ़ॉस्फोरस
राइबोफ्लेविन
थायमिन
विटामिन B12

रेड मीट का सेवन मधुमेह और हृदय रोगों से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का कारण बन सकता है। रेड मीट में सोडियम और नाइट्राइट इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह का कारण बनते हैं। ये इन्फ्लेमेशन का कारण बनता है जो कुछ प्रकार के कैंसर को जन्म दे सकता है। हालांकि, मटन के मामले में ये जोखिम कम हो सकते हैं!

क्या डायबिटीज वाले लोग मटन खा सकते हैं

नए शोध से पता चलता है कि बकरी के मांस में वास्तव में अधिक पोषक तत्व हो सकते हैं और यह पोल्ट्री की तुलना में ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक है। बकरी के मांस को अन्य रेड मीट की तुलना में बेहतर विकल्प माना जाता है।

इसमें सोडियम की तुलना में अधिक पोटेशियम है और इसलिए मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। परंतु, यदि आपको डायबिटीज है तो मॉडरेशन में खाएं और खाने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

अब जानिए कि क्या डायबिटीज के मरीज चिकन खा सकते हैं?

चिकन मधुमेह की बीमारी वाले लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है क्योंकि चिकन प्रोटीन का एक उच्च स्रोत है और इसमें वसा की मात्रा बहुत कम होती है। यदि हम चिकन को हेल्दी तरीके से पकाते हैं, तो चिकन मधुमेह विकार वाले लोगों के लिए एक स्वस्थ विकल्प बन सकता है।

डायबिटीज के मरीज़ चिकन और मटन दोनों खा सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक
डायबिटीज के मरीज़ चिकन और मटन दोनों खा सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स का कम मूल्य होता है। इसलिए हमारे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर कभी नहीं बढ़ेगा। चिकन प्रोटीन से भरपूर और वसा में कम होता है और आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिजों और विटामिन B, A और D जैसे विटामिनों से भरपूर होता है।

डायबिटीज में मटन या चिकन क्या है बेहतर

जैसा की आप समझ ही गये होंगे कि मटन मूल रूप से रेड मीट है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए स्वास्थ्यवर्धक नहीं है। मगर फिर भी आप मॉडरेशन में इसे भी खा सकते हैं। बात रही चिकन की तो इसके साथ ऐसी कोई समस्याएं नहीं हैं। इसका मतलब है कि आप चिकन बेफिक्र होकर खा सकती हैं और मटन को कम ही खाएं!

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मगर याद रहे कि दोनों हेल्दी तरह से ही पका कर खाएं!

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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