बारिश के मौसम जिस प्रकार आपकी त्वचा अधिक संवेदनशील हो जाती है, ठीक उसी प्रकार आपकी आंखें भी सेंसिटिव हो जाती हैं, और आई इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। आई रेडनेस, इचिंग, आंखों से पानी आना, आदि जैसे लक्षण (symptoms of eye infection) अधिक फ्रिक्वेंटली आपको परेशान कर सकते हैं। आंखों के संक्रमण को अवॉइड करने के लिए आपकी आंखों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। यदि आप मानसून में नियमित रूप से आई केयर पर ध्यान देती हैं, तो आपके लिए इस तरह की समस्याओं से डील करना आसान हो जाता है।
मौरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम, आप्थाल्मालॉजी के सीनियर कंसलटेंट डॉ धीरज गुप्ता ने मानसून में आंखों की देखभाल से जुड़े कुछ जरुरी टिप्स दिए हैं। डॉक्टर ने मानसून में आंखों के संक्रमण के कारणों (causes of eye infection in monsoon) पर बात करते हुए इससे बचाव के कुछ जरुरी टिप्स भी सुझाए हैं (how to avoid eye mistakes in monsoon)। तो चलिए जानते हैं, इसके बारे में अधिक विस्तार से।
मानसून के मौसम में ह्यूमिडिटी के बढ़ते स्तर से हवा में अतिरिक्त नमी हो सकती है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस के ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है। ये वातावरण संक्रमण फ़ैलाने वाले कीटाणुओं के विकास के लिए उपयुक्त होता है, इस प्रकार ये आपकी आंखों को संक्रमित कर सकते हैं।
बारिश का पानी अक्सर प्रदूषकों और टॉक्सिक पदार्थों के साथ मिल जाता है, जिससे बैक्टीरिया के लिए प्रजनन का वातावरण बनता है। बारिश की बूंदें या दूषित पानी के संपर्क में आने से आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
गंदे हाथों से अपनी आखों को छूने से आपकी आंखों में बैक्टीरिया और वायरस प्रवेश कर सकते हैं। खराब स्वच्छता की आदतें आखों में संक्रमण के प्रसार में योगदान दे सकती हैं।
मानसून कई प्रकार के एलर्जी के खतरे को बढ़ा देता है। ये एलर्जी जलन पैदा कर सकती हैं और इसके परिणामस्वरूप कंजंक्टिवाइटिस जैसी बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिसे पिंक आई के रूप में जाना जाता है।
मानसून के मौसम में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के लिए अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है। कॉन्टैक्ट लेंसों के अनुचित और लंबे उपयोग से लेंसों पर बैक्टीरिया जमा होने के कारण आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
आंखों के संक्रमण से बचाव के लिए नियमित रूप से एक उचित अंतराल पर हाथों को धोना कारगर तरीकों में से एक है। हमारे हाथ जिन सतहों के संपर्क में आते हैं, उनमें खतरनाक वायरस हो सकते हैं। अपने चेहरे या आंखों को छूने से पहले अपने हाथ को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ़ करें। ऐसा करने से, आप अपनी आंखों में बैक्टीरिया और वायरस के प्रवेश की संभावना को कम सकती हैं।
बारिश के दौरान अपने हाथों को अपनी आंख से जितना हो सके उतना दूर रखने का प्रयास करें। अपनी आंखों को छूने से पहले अपने हाथों को साफ रखना सुनिश्चित करें, जैसे कि कॉन्टैक्ट लेंस लगाते समय। ऐसी स्थितियों में जहां साबुन और पानी उपलब्ध न हो, वहां अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करना भी उतना ही फायदेमंद हो सकता है।
बारिश के मौसम में खुले पूल में तैरने से वायरल कंजंक्टिवाइटिस होने की संभावना बढ़ सकती है, इसलिए इनसे बचने का प्रयास करें। वहीं यदि आप फिर भी पूल में जा रही हैं, तो आंखों को पूरी तरह से प्रोटेक्ट करना न भूलें।
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अपनी आंख या कॉन्टैक्ट लेंस को कभी भी गंदे हाथ से न छुएं। गंदे हाथ का मतलब केवल हाथों पर नज़र आने वाली गंदगी नहीं होती, कभी कभार हम तरह तरह की चीजें छूते हैं और लंबे समय तक हाथ नहीं धुलते जिसकी वजह से आपके हाथों पर कई बैक्टीरया और जर्म्स का जमाव हो जाता है, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं। संक्रमण से बचने के लिए लेंस को निकालने और लगाने या इन्हे स्टोर करने से पहले हमेशा अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं। वहीं लेंस के सोल्यूशन को भी समय समय पर बदलती रहें।
आईलाइनर या मस्कारा जैसे आंखों के कॉस्मेटिक्स को शेयर करने से संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है। यह अनुशंसा की जाती है कि आप अपने खुद के सैनिटाइज़्ड ऐप्लिकेटर का उपयोग करें और मानसून के दौरान किसी भी मेकअप उत्पाद को शेयर करने से बचें। सोने से पहले हमेशा अपनी आंखों के मेकअप को पूरी तरह से रिमूव करना सुनिश्चित करें। मेकअप रिमूव करने के लिए एक हल्के मेकअप रिमूवर का उपयोग करें।
आंखों के संक्रमण के शुरुआती लक्षणों जैसे कि डिस्चार्ज, सूजन, खुजली या लालिमा पर ध्यान दें। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत मदद लें। संक्रमण को अवॉयड करने और इसे जल्दी ट्रीट करने के लिए इसपर फ़ौरन ध्यान दें।
डॉक्टर को दिखाए बिना खुद से ओवर-द-काउंटर आई ड्रॉप या घरेलू उपचार का उपयोग करने से बचें। आई ड्राप की कुछ बूंदें आपकी स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकती हैं।
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