इन दिनों हो रही लगातार बारिश ने तन और मन को ठंडा कर दिया है। साथ में कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा भी रहा है। आई फ्लू होने का खतरा तो था ही। अब कान में इन्फेक्शन होने के मामले भी खूब दिख रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि बारिश के मौसम में कानों में संक्रमण आम हैं। अगर इनका इलाज न किया जाए, तो ये असुविधाजनक हो सकते हैं। ये हमारी सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके बारे में पुणे के ईएनटी क्लिनिक(मोशी) में ईएनटी एक्सपर्ट (ENT) डॉ. योगेश पाटिल विस्तार से बता रहे हैं।
डॉ. योगेश पाटिल कहते हैं, ‘हाई ह्यूमिड मौसम और नम वातावरण कानों में फंगल संक्रमण को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इस मौसम में हमें अपने कानों की विशेष देखभाल करनी चाहिए। कान का संक्रमण कान के विभिन्न हिस्सों, जिसमें बाहरी, मध्य और आंतरिक कान को भी प्रभावित कर सकता है। नमी का स्तर बढ़ने पर बैक्टीरिया और फंजाई के पनपने का आदर्श वातावरण बनता है। इसके अलावा ईयरबड के उपयोग के कारण लगने वाली चोट और कानों की गंदगी संक्रमण में योगदान देती है। सामान्य सर्दी, फ्लू और एलर्जी से भी संक्रमण हो सकता है। इन स्थितियों के कारण नाक के एयरवेज, गले और मध्य कान में जमाव और सूजन हो जाती है। जब मध्य कान में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, तो यह संक्रमण अधिक तेजी से फैलता है। कान के संक्रमण दो प्रकार: बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण हो सकते हैं।’
कान में संक्रमण होने पर कान में तेज दर्द होना, संक्रमित कान से स्राव होना, बुखार, तेज़ सिरदर्द, कम सुनाई देना और चक्कर आना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
डॉ. योगेश पाटिल के अनुसार, नमी फंगस के लिए प्रजनन स्थल है। इसलिए कानों को सूखा रखना जरूरी है। बारिश में भीगने या तैरने के बाद कानों को मुलायम तौलिये से पोछ लें। धीमी और कोल्ड सेटिंग पर सेट हेअर ड्रायर का उपयोग करके धीरे धीरे कान को सुखाएं। सिर को बगल की ओर झुकाएं, ताकि फंसा हुआ पानी बाहर निकल जाए।
किसी भी ऑब्जेक्ट को कानों में डालने से बचना जरूरी है। जैसे कि रुई के फाहे या नुकीली चीज़। ये नाजुक कान को को नुकसान पहुंचा सकते हैं और फंगल संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसकी बजाय बाहरी कान को एक साफ कपड़े से धीरे-धीरे साफ करें। किसी हेल्थकेयर एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार, विशेष रूप से डिजाइन की गई ईयर ड्रॉप्स से साफ़ करें।
फंगल संक्रमण को रोकने के लिए कान की गुड हायजीन का अभ्यास करना जरूरी है। किसी हेल्थकेयर एक्सपर्ट द्वारा सुझाए गए माइल्ड, नॉन इरिटेटिंग क्लींजर (non-irritating cleanser) से कानों को नियमित रूप से साफ (ear wax) करें। अत्यधिक फ़ोर्स या तेज क्लीनिंग तकनीक का उपयोग करने से बचें। ये कान के कैनाल (ear canal) को क्षति पहुंचा सकते हैं। इसके प्राकृतिक सुरक्षात्मक तंत्र को बाधित कर सकते हैं।
जहां कान में नमी जमा होने का खतरा हो, जैसे कि स्विमिंग पूल, शावर, या हाई हयूमिडिटी वाले क्षेत्र जानें से बचें। ऐसे वातावरण में लंबे समय तक रहना कम करें और यह सुनिश्चित करें कि आपके कान ठीक से सूख जाएं। यदि वाटर स्पोर्ट्स में भाग लेती हैं या पानी में लंबा समय बिताती हैं, तो पानी को बाहर रखने के लिए डिज़ाइन किए गए इयरप्लग का उपयोग करें।
यदि अपने कानों में किसी भी असामान्य लक्षण का अनुभव कर रही हैं, जैसे लगातार खुजली, स्राव, दर्द या सुनने में कठिनाई, तो किसी ईएनटी विशेषज्ञ से जल्दी मेडिकल हेल्प लें। किसी भी प्रकार की घरेलू चिकित्सा आपके कान और सुनने की शक्ति को प्रभावित कर सकती है। फंगल इन्फेक्शन का जल्दी पता लगाने और उपचार से किसी भी प्रकार की समस्या को रोका जा सकता है और सुधार किया जा सकता है।
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