व्रत का समय हो या टेस्टी स्नैकिंग का, मखाने हर जगह परफेक्ट हैं। मखाने में मौजूद कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन इसे बेस्ट वेट लॉस फूड में शामिल करता है। पर क्या आप जानती हैं कि मखाना प्रेगनेंसी में आपके लिए कितना फायदेमंद हो सकता है।
मखाना लाइट वेट फूड है और प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम ( जो स्वस्थ दिल के लिए बेहद जरूरी है), कैल्शियम, पोटैसियम और सोडियम में रिच है। यह आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को भी नियंत्रित रखता है और मोटापे से भी बचाता है। फूल मखाने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, जिसके कारण डॉक्टर मधुमेह से पीड़ित रोगी को मखाने खाने की सलाह देते है।
अगर बात आयुर्वेद की करें तो मखाने में गुर्दे को लाभ पहुंचाने वाले पदार्थ भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। इसके अलावा, मखाने में एक प्राकृतिक घटक भी मौजूद है जिसे कैम्प्फेरोल कहा जाता है, जो सूजन और उम्र के बढ़ने को रोकने में आपकी मदद करता है।
1. गर्भ में पल रहे शिशु की हड्डियों को मखाना द्वारा मजबूती मिलती है और दांतों के विकास के लिए विटामिन डी का सेवन आवश्यक होता है, जो मखाने में मौजूद होता है।
2. मखाने आयरन युक्त भोजन है। जब शिशु गर्भ में होता है, तो उसके विकास के लिए आयरन की आवश्यकता होती है, ऐसे में मखाना काफी फायदेमंद साबित होता है।
3. मखाने में मौजूद पोटेशियम आपके लिए एंटी एजिंग के रूप में कार्य करता है, जिससे चेहरे पर आने वाले मुंहासे और झुर्रियों से छुटकारा मिलता है।
4. मखाने के सेवन से नींद बहुत अच्छी आती है और गर्भावस्था में पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बहुत आवश्यक होता है। ऐसे में मखाने के सेवन से आप बेचैनी व घबराहट से बच कर चैन की नींद सो सकती है।
5. अगर आपको कब्ज की शिकायत रहती है, तो भी आपको मखाने को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या से राहत दिलाते हैं।
6.मखाना मां और शिशु दोनों के लिए ही लाभदायक है, गर्भावस्था के बाद भी मखाना के सेवन से नई मां को होने वाली कमजोरी से दूर रखा जा सकता है।
मखाना लाइट वेट होता है, परन्तु इसका मतलब यह नहीं है कि आप जितना मन चाहों उतना मखाना खा लें। आप एक दिन में 2-3 मुठ्ठी मखाने खा सकते या लगभग 30 ग्राम तक मखाने का सेवन सही है। इससे ज्यादा मात्रा में मखाना खाने से पेट फूलने की समस्या हो सकती है।
प्रेगनेंसी की जर्नी सिर्फ नौ महीने की ही नहीं होती है, बल्कि आपको प्रसव के बाद भी अपना ध्यान रखना होता है। प्रसव के बाद महिलाओं में सबसे बड़ी समस्या होती है पोषण की कमी, तनाव और गर्भावस्था में बढ़ा हुआ वजन। इन तीनों समस्याओं का समाधान है मखाना।
मखाने में बहुत कम कैलोरी पाई जाती है। इसलिए यह पोस्ट प्रेगनेंसी वेट लॉस में काफी मददगार है। शाम के नाश्ते में अगर आप 50 ग्राम भुने हुए मखाने खाती हैं तो आपको केवल 180 कैलोरी मिलेंगी। जबकि इसके साथ ही आपको पोटेशियम, केल्शियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी तत्व भी मिलेंगे।
पाचन में सुधार – मखाना में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर पाई जाती हैं जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आसानी से पच जाती है।
किडनी को मजबूत करता है – किडनी मजबूत करने के लिए मखाने का सेवन खाली पेट अवश्य करे क्योंकि इसमें मीठा का मात्रा कम रहता है और इसके कारण यह स्प्लीन को डिक्टॉक्सिफाई करता है।
जोड़ों के दर्द से बचाव – मखाने में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। इसके सेवन से जोड़ों के दर्द, गठिया जैसी बीमारी ठीक होने की संभावना हो जाती है।
तनाव से दूर करता है – मखाने का खाली पेट सेवन करने से आपका तनाव भी कम हो जाता है।
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