अर्थराइटिस पेशेंट्स के लिए मुश्किल भरा हो सकता है ठंडे पानी में नहाना, डॉक्टर बता रहे हैं बचाव के तरीके

कुम्भ स्नान अर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह मुश्किल भरा हो सकता है। गठिया होने पर डॉक्टर अकसर ठंडे पानी से नहाने की मनाही करते हैं। तब ऐसे में क्या किया जाए (Arthritis safety tips for Maha kumbh) , जानते हैं एक विशेषज्ञ से।
Arthritis safety tips for Maha kumbh
Published On: 11 Jan 2025, 10:00 am IST
  • 135

अंदर क्या है

  • अर्थराइटिस पेशेंट्स को क्यों नहीं करना चाहिए ठंडे पानी से स्नान
  • ठंडे पानी में नहाने से हड्डियों को नुकसान 
  • कुम्भ स्नान करने वाले अर्थराइटिस पेशेंट्स के लिए ज़रूरी सलाह

12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहा है। प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी होने का दावा भी कर लिया है। हिन्दू धर्म के इस महत्वपूर्ण आयोजन में करोड़ो लोगों के जुटने की उम्मीद है। इस दौरान स्नान का एक विशेष धार्मिक महत्व है। लेकिन इस विशेष मौके पर ये उनके लिए मुसीबत है जिनकी बीमारी उन्हें ठंडे पानी में नहाने की इजाज़त नहीं देती। जैसे – अर्थराइटिस के मरीज। ऐसे लोगों में जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ जाने के खतरे हैं। क्या ऐसे में कुम्भ स्नान उनके लिए सही विकल्प है? कैसे इन खतरों से बचते हुए वे कुम्भ स्नान (Arthritis safety tips for Maha kumbh) कर सकते हैं। आज हम आपको यही बताने वाले हैं।

अर्थराइटिस पेशेंट्स को क्यों नहीं करना चाहिए ठंडे पानी से स्नान (Health Hazards of bathing with cold water in arthritis)

1.कम हो सकता है जोड़ों में खून का संचार

सर्दियों में अक्सर कुम्भ के दौरान नदी का पानी ठंडा होता है। ऑर्थो सर्जन डॉक्टर वत्सल खेतान के अनुसार, ठंडे पानी में स्नान करने से शरीर का टेम्परेचर अचानक गिर सकता है जिससे जोड़ों में खून का संचार धीमा हो जाता है। इससे जोड़ों में दर्द और सूजन बढ़ सकती है। खासकर रुमेटॉयड अर्थराइटिस या ऑस्टियोआर्थराइटिस के पेशेंट्स में ऐसा अक्सर होता है। इसके अलावा ठंडा पानी जोड़ों और मांसपेशियों को कठोर बना सकता है जिससे आपकी ये समस्या और बढ़ जाएगी।

2. जोड़ों में सूजन आ सकती है (Joint swelling)

ठंडे पानी में स्नान करने से शरीर की मांसपेशियाँ और जोड़ कठोर हो जाते हैं। ऐसे में यह किसी के लिए समस्या बन सकती है। लेकिन जो लोग पहले से ही अर्थराइटिस जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। उनके लिए ये मुसीबत और बड़ी बन सकती है।

Arthritis safety tips for Maha kumbh
ठंडे पानी में नहाने के बाद हाथ जोड़ों में सूजन हो सकती है। फोटो -एडोबीस्टॉक

कई बार ऐसी स्थिति में उनके पैर में तुरन्त सूजन और तेज़ दर्द होने लगता है। ये दर्द इतना बढ़ सकता है कि ऐसे लोगों को चलने फिरने में भी दिक्कत हो सकती है।

3. इंफेक्शन फैलने का खतरा (Threats of Infection)

डॉक्टर वत्सल बताते हैं कि कई बार अर्थराइटिस बैक्टीरियल, वायरल इन्फेक्शन की वजह से भी होता है। ठंडे पानी में जाने पर ये आपके शरीर मे फैल भी सकता है और शरीर की अन्य हड्डियों को भी प्रभावित करता है क्योंकि बैक्टीरिया और वायरस के लिए ठंडा माहौल वरदान से कम नहीं है। ऐसी स्थिति में आपकी अर्थराइटिस की समस्या और गम्भीर होती जाएगी।

4. थकान और कमजोरी

अर्थराइटिस के पेशेंट्स की हड्डियां पहले से ही कमजोर होती हैं। ठंडे माहौल में इन पर बुरा असर तो पड़ता ही है लेकिन ठंडे पानी मे नहाने के बाद जब आप कुम्भ जैसी जगहों पर होते हैं जहाँ पैदल चलना आपकी मजबूरी हो। तब आपको थकान और कमजोरी ज्यादा महसूस हो सकती है क्योंकि हड्डियां पहले से ही आपका साथ नहीं दे रही होतीं।

Arthritis safety tips for Maha kumbh
ठंडे पानी में नहाने के बाद आर्थराइटीस के मरीजों को थकान हो सकती है। – अडोबीस्टॉक

एक स्टडी  जिसमें 3000 से भी ज्यादा लोग शामिल थे, उसके नतीजों के अनुसार, ऐसे लोग जिन्हें रूमेटाइड अर्थराइटिस था, सर्द माहौल में उन्हें दर्द में बढ़ोतरी, सूजन और शारीरिक थकान जैसी समस्याओं से ज्यादा जूझना पड़ा।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

5. चोट का खतरा

वैसे तो पानी मे या फिसलन भरे माहौल में ऐसे खतरे किसी भी इंसान को हो सकते हैं। लेकिन अर्थराइटिस या हड्डियों की किसी भी समस्या से जूझ रहे व्यक्ति में ये खतरे और बढ़ जाते हैं क्योंकि जरा सी चोट उनकी समस्या में और इजाफा कर सकती है।

कुम्भ स्नान करने वाले अर्थराइटिस पेशेंट्स के लिए ज़रूरी सलाह (safety tips for arthritis patients during Maha Kumbh)

1. डॉक्टर की सलाह और दवाइयां (Arthritis safety tips for Maha kumbh)

अर्थराइटिस से जूझ रहे लोगों को कुम्भ में जाने से पहले ये काम (Arthritis safety tips for Maha kumbh) जरूर करना है। आप सबसे पहले अपने डॉक्टर से मिलें। उनसे इस बारे में सलाह लें कि क्या आपका कुम्भ में जाना सही रहेगा? अगर वह इस बात की अनुमति देते हैं तभी आप जाने की सोचिए। लेकिन उसके बावजूद जरूरी दवाइयां अपने साथ रखें और डॉक्टर के कहे अनुसार उन्हें लेते रहें।

2. नहाने से पहले शरीर को करें गर्म (Arthritis safety tips for Maha kumbh)

कुम्भ जैसी जगह पर यह तो तय है कि पानी ठंडा ही होगा। ऐसे में आप फिर भी नहाना चाहते हैं तो स्नान से पहले अपने शरीर को हल्के गुनगुने पानी से धोकर गर्म करें या थोड़ी देर तक हल्की एक्सरसाइज करें।

streching se stress kaise release hota hai
ठंडे पानी में नहाने से पहले शरीर को एक्टिव करने के लिए वॉर्म अप करें। चित्र : शटरस्टॉक

ताकि मांसपेशियाँ और जोड़ों में लचीलापन आ सके और ठंडे पानी से आपकी हड्डियों पर असर कम हो। आर्थराइटिस पेशेंट्स ये तरीका (Arthritis safety tips for Maha kumbh) जरूर फॉलो करें।

3. स्नान के बाद तुरंत गर्म कपड़े पहनें

अगर आप अर्थराइटिस से पीड़ित हैं (Arthritis safety tips for Maha kumbh) और उसके बाद भी ठंडे पानी में नहाने जा रहे हैं तो नहाने के बाद जितना हो सके तुरंत गरम कपड़े पहनें। यह शरीर की गर्मी बनाए रखने में मदद करेगा और आपकी हड्डियों पर ठंडे पानी के असर को कम करेगा।

4. गर्म सिंकाई ( Warm Compression)

कुम्भ के दौरान ठंडे पानी से स्नान के बाद अगर आपके जोड़ों में दर्द हो रहा है तो ऐसी सूरत में सिंकाई के लिए हॉट पैड या गर्म पानी की बोतल यूज (Arthritis safety tips for Maha kumbh) करें और जहाँ दर्द हो रहा है वहां सिंकाई करें। गर्म तेल की मालिश भी ऐसे वक्त पर काम आ सकती है। दर्द ज्यादा बढ़ने पर इमरजेंसी सर्विसेस का सहारा लेने से हिचकें नहीं।

5. नहाने के बाद व्यायाम (Exercise after bath)

नहाने से पहले और बाद में भी हल्का स्ट्रेचिंग करें। इससे आपके जोड़ों में लचीलापन बना रहेगा और ठंडे पानी की वजह मांसपेशियाँ कसने से बचेंगी। अर्थराइटिस पेशेंट्स को व्यायाम के बाद थोड़ी सी स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए ताकि हड्डियों में गर्माहट वापस लौट आए और आप शरीर के ठंडे तापमान का उनपर फ़र्क़ ना पड़े।

ये भी पढ़ें – अर्थराइटिस के दर्द और परेशानी को कंट्रोल कर सकते हैं ये 4 तरीके

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

अगला लेख