आजकल हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बिल्कुल आम हो चुकी है। वहीं कम उम्र के युवाओं में भी हाइपरटेंशन (hypertension) यानी कि हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति देखने को मिल रही है। ब्लड प्रेशर की 120/80 की रीडिंग को सामान्य माना जाता है, जबकि 140/90 की रीडिंग को प्री-हाइपरटेंसिव माना जाता है, और 140/90 से ऊपर की रीडिंग को हाइपरटेंसिव माना जाता है।
कई खाद्य पदार्थ और आहार संबंधी कारक रक्तचाप को प्रभावित करते हैं। शोध से पता चलता है कि उच्च सोडियम आहार लेने वाले व्यक्ति में हाई ब्लड प्रेशर होने का अधिक खतरा होता है। वहीं डायबिटीज और मोटापे से ग्रसित व्यक्तियों में भी ब्लड प्रेशर की स्थिति देखने को मिलती है। जो लोग धूम्रपान करते हैं और अत्यधिक शराब पीते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक होता है।
हालांकि, हाई ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण पाना अधिक मुश्किल नहीं है। अपनी लाइफ स्टाइल और खानपान में कुछ जरूरी बदलाव कर आप इसे कंट्रोल कर सकती हैं। न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजलि मुखर्जी ने हाई ब्लड प्रेशर (how to lower blood pressure) को नियंत्रित करने के लिए कुछ प्रभावी टिप्स सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर किस तरह रख सकते हैं इसे नियंत्रित।
हाइपरटेंशन से पीड़ित व्यक्ति के लिए व्हीटग्रास जूस बेहद प्रभावी साबित हो सकती है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम ब्लड प्रेशर को सामान्य रहने में मदद करते हैं। जब आप अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम और पोटैशियम लेना शुरु कर देती हैं, तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट कर हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयों का डोज कम करवा सकती हैं। इसके अलावा व्हीटग्रास जूस आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूती प्रदान करता है।
शरीर में मौजूद सभी सेल्स को सही तरीके से काम करने के लिए पोटैशियम की आवश्यकता होती है। सोडियम की अधिक मात्रा बॉडी में वॉटर रिटेंशन का कारण बन सकती है। वहीं लो पोटैशियम इनटेक और सोडियम की अधिकता से ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। पोटैशियम ब्लड वेसल्स को रिलैक्स रखते हुए शरीर में मौजूद एक्सेस वॉटर और साल्ट को बाहर निकाल देती है, जिससे कि आपका ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।।
केला, तरबूज, खरबूजा, आलू, टमाटर, पपीता, संतरा, पालक, सोयाबीन, बादाम और अनाज के माध्यम से आप शरीर में पोटेशियम की उचित मात्रा को बनाए रख सकती हैं।
स्किम्ड मिल्क कैल्शियम और विटामिन डी का एक बेहतरीन स्रोत है। यह दोनों पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को सामान्य रहने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद पोटैशियम इसे हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बेहद खास बना देता है।
अजमोद या अजवाइन में एक प्रकार का फाइटोकेमिकल मौजूद होता है जो आर्टरीज वाल के टिशू मसल्स को आराम पहुंचाता है और ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करता है। इसके अलावा टमाटर में पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम और कैल्सियम मौजूद पाया जाता है। साथ ही साथ ब्रोकली, गोभी और पत्ता गोभी जैसे ग्लूटामिक एसिड युक्त सब्जियां भी हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में कारगर होती हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां कई महत्वपूर्ण मिनरल्स, कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन और फाइबर से भरपूर होती हैं। साथ ही साथ इनमें विभिन्न प्रकार के फाइटोकेमिकल और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो ब्लड वेसल्स में प्लाक जमा नहीं होने देते और ब्लड प्रेशर को सामान्य रहने में मदद करते हैं।
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नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट और पोटेशियम का एक बेहतरीन स्रोत है। कई रिसर्च इस बात का दावा करते हैं कि नियमित रूप से नारियल पानी पीने से ब्लड प्रेशर कम होता है।
लहसुन का नियमित सेवन ब्लड वेसल्स को फैला देता है ताकि ब्लड आसानी से पास हो सके। हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में आप कच्चा या पका हुआ लहसुन दोनों में से किसी का भी सेवन कर सकती हैं। हालांकि, कच्चे लहसुन को अधिक प्रभावी माना जाता है परंतु यदि आपको इसका स्वाद पसंद नहीं है, तो आप खाद्य पदार्थों में मिलाकर भी इसे ले सकती हैं। उचित परिणाम के लिए आपको 2 महीने तक नियमित रूप से खाली पेट लहसुन की दो कलियों का सेवन करना है।
नियमित रूप से एक कप दही यानी कि योगर्ट का सेवन हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम कर सकता है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे ब्लड प्रेशर को कम करने वाले मिनरल्स मौजूद होते हैं। जो इसे हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए खास बनाते हैं।
नोट: आहार के साथ-साथ व्यायाम करना भी रक्तचाप को कम करने का एक अच्छा तरीका है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार गतिहीन जीवनशैली से रक्तचाप बढ़ता है, जबकि नियमित व्यायाम से यह कम होता है। हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए नमक का सेवन कम करना एक अच्छा विचार है, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम (उपरोक्त खाद्य पदार्थों में पाया जाता है) का सेवन करें। वहीं वेट मैनेजमेंट भी हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में प्रभावी रूप से कार्य करता है।
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