ब्लड शुगर लेवल हाई होने पर खाने-पीने का बहुत अधिक ध्यान देना होता है। ऐसे आहार को डाइट से बाहर करना होता है, जो ब्लड शुगर बढ़ा देते हैं। ऐसे आहार को भोजन में शामिल करना होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को घटाने में मदद करते हैं। इन दिनों डायबिटीज मरीज को लो कार्ब डाइट लेने की सलाह दी जाती है। कितना कारगर है डायबिटीज में लो कार्ब डाइट(low carb diet for blood sugar)?
लो फैट, लो कैलोरी वेट लॉस के साथ-साथ टाइप 2 डायबिटीज के लिए भी लाभदायी माना जाता है। इन दिनों लो कार्बोहाइड्रेट डायटरी एप्रोच (LCD) पर अधिक जोर दिया जा रहा है। फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन जर्नल के अनुसार, लो कार्ब डाइट (LCD) डायबिटीज पेशेंट के ब्लड शुगर लेवल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कार्बोहाइड्रेट या कार्ब्स अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में ब्लड शुगर अधिक बढ़ाते हैं। इसका मतलब यह है कि उन्हें पचाने के लिए शरीर को अधिक इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ेगा। यदि लो कार्ब डाइट का सेवन किया जाता है, तो ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद मिल सकती है।
फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित आलेख में शोधकर्ता शीन डी विटली बताते हैं, लो कार्ब डाइट में रोजाना 130 ग्राम कार्ब से भी कम कार्ब लिया जाता है। यह 26 प्रतिशत टोटल एनर्जी से भी कम होता है। दूसरी तरफ वैरी लो कार्ब डाइट भी होती है। इसमें रोजाना 50 ग्राम कार्ब से भी कम कार्बोहाइड्रेट डाइट ली जाती है। यह 10 प्रतिशत टोटल एनर्जी से भी कम होता है।
अमेरिकी डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, मधुमेह के रोगियों को समग्र कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना चाहिए। इंसुलिन प्रतिरोध के कारण टाइप 2 डायबिटीज वाले अधिकांश लोगों में ब्लड से कार्बोहाइड्रेट को हटाने की क्षमता कम होती है। उनके पास नए ग्लूकोज के वितरण को कम करने की क्षमता भी कम होती है। क्योंकि शरीर ग्लूकोनोजेनेसिस को नियंत्रित करने में सक्षम कम होता है।
इंसुलिन प्रतिक्रिया की अनुपस्थिति समस्या को और अधिक बढ़ा देती है। क्योंकि शरीर की ग्लूकोज को लीवर से निकलने से रोकने की क्षमता कम हो जाती है। आहार से कार्बोहाइड्रेट के सेवन को कम करने से ग्लाइसेमिक नियंत्रण पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।
इससे ब्लड शुगर नियंत्रण में तेजी से सुधार होता है। लो कार्बोहाइड्रेट डाइट से बेहतर तरीके से ब्लड शुगर कंट्रोल हो पाता है।
स्वाभाविक रूप से हाई कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों को छोड़ने और लो कार्ब डाइट लेने पर हंगर पैंग्स भी कम हो पाए। क्योंकि भूख लगने पर लोग हाई प्रोसेस्ड फ़ूड जैसे कि केक और क्रिस्प फ़ूड ले लिया जाता है। ये फ़ूड स्वादिष्ट तो होते हैं, लेकिन इससे हाई कैलोरी और हाई कार्ब शरीर तक पहुंच जाते हैं। इससे न सिर्फ हाई ब्लड शुगर, बल्कि वजन भी बढ़ जाता है।
एलसीडी को अपनाने से प्रोटीन का सेवन बढ़ जाता है।
साबुत अनाज आदि मैक्रोन्यूट्रिएंट के रूप में हो सकते हैं। इसका तृप्ति पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। एलसीडी से वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है।
क्योंकि लो कार्ब डाइट से शरीर में वसा में कमी आ पाती है और वेट मैनेज हो पाता है।
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कस्टमाइज़ करेंहार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, लो कार्ब डाइट आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट या एडेड शुगर को सीमित करते हैं। पालक, ब्रोकोली, फूलगोभी, गाजर, शतावरी, टमाटर जैसी नॉन स्टार्च सब्जियां, संतरे, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी आदि जैसे फल, बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और अन्य नट्स और सीड्स, अंडे का सफेद भाग, सीमित मात्रा में मछली-मांस भी लो कार्ब डाइट के अंतर्गत लिया जा सकता है।
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