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लॉकडाउन इफेक्‍ट : पुरुषों से ज्यादा मोटी हो रहीं हैं महिलाएं, इन जरूरी टिप्‍स की मदद से संभालें अपनी सेहत

मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के बावजूद आप कोरोनो वायरस के इफेक्ट से बच नहीं पा रहे। जानिए यह कैसे आपके शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित कर रहा है।
लॉकडाउन के दौरान महिलाओं का वजन पुरुषों की तुलना में ज्‍यादा बढ़ा है। चित्र : शटरस्‍टॉक
Updated On: 10 Dec 2020, 01:09 pm IST

कोरोनावायरस महामारी के समय में आप अपने और अपने परिवार के स्‍वास्‍थ्‍य का पूरी तरह ख्याल रखने की कोशिश कर रहीं हैं। आप बार-बार हाथ धोती हैं, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करती हैं और बाहर निकलने से पहले चेहरे को मास्क से कवर करना भी नहीं भूलतीं। इसके बावजूद कुछ है जो कोविड-19 के समय में आपके स्वास्‍थ्‍य को प्रभावित कर रहा है। जी हां, वह कारण है तनाव।

अब तक हुए कई शोधों में यह सामने आया है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद उपजे हुए हालात में ज्यादातर लोग मानसिक तनाव के शिकार हो रहे हैं। इनमें भी महिलाओं की संख्या ज्यादा है। तनाव, काम के अति‍रिक्त दबाव, नींद के बदले हुए पैटर्न और शारीरिक गतिविधियों में आई कमी के कारण ज्यादातर महिलाएं मोटापे की शिकार हो रहीं हैं।

हाल ही में हुए एक शोध में यह सामने आया है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों का वजन औसतन 0.4 से 4 किलो तक बढ़ गया है। जबकि कुछ महिलाओं में बढ़ा हुआ यह वजन 10 किलो तक पहुंच गया है।

क्या कहता है अध्ययन

एक निजी संस्थान द्वारा किए गए सर्वेक्षण में लोगों ने यह माना कि प्रतिबंधों और लॉकडाउन के कारण वे मोटापे के शिकार हो रहे हैं। वे सैर करने, जिम जाने और बाहर घूमने जैसे रूटीन काम भी अब नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते उनकी सेहत प्रभावित हुई है। अध्ययन में यह देखा गया कि 22 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिलाओं ने इस दौरान बढ़े हुए वजन को महसूस किया।

तनाव और नींद की कमी मोटापे के बढ़ने का एक बड़ा कारण है। चित्र: शटरस्‍टॉक

विशेषज्ञ यह सुझाव देते हैं कि जब हालात को बदलना आपके हाथ में न हो, तो यह जरूरी है कि आप उसका बेहतर प्रबंधन सीखें। इसके लिए यह जरूरी है कि पहले आप उन कारणों को पहचानें जो आपके लिए समस्या उत्पन्न कर रहे हैं और फि‍र उनके समाधान की दिशा में काम शुरू करें।

बढ़ रहा है तनाव

अध्ययन में 80 फीसदी से ज्यादा लोगों ने यह माना कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जो हालात उत्पन्न हुए हैं उनमें अधिकांश लोग तनाव में हैं। यह तनाव उनके अपने स्वास्‍थ्‍य, परिजनों के सवास्‍थ्‍य और आर्थिक परेशानियों के कारण उत्पन्न हुआ है। मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर लियू के नेतृत्व में हुए एक शोध में यह सामने आया है कि तनाव का जितना असर महिलाओं पर होता है, उतना पुरुषों पर नहीं हो पाता। महिलाओं में पारीवारिक और सामाजिक तनाव भी मोटापे को लीड करता है।

बदल गया है डेली रूटीन

लॉकडाउन के कारण ज्यादातर कामकाजी महिलाएं वर्क फ्रॉम होम कर रहीं हैं। ऐसे में उनकी शारीरिक गतिविधि कम हुई है और मानसिक तनाव बढ़ा है। बीते पांच माह में ही वर्किंग फ्रॉम होम बर्नआउट के कारण भी उनका वजन लगभग 4 से 6 किलो तक बढ़ गया है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप घर से काम करने के दौरान अपना वर्क और लाइफ बैलेंस बनाए रखें। व्यस्तता के बावजूद अपने लिए इनडोर वर्कआउट का टाइम निकालें।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

अनलॉक 1.0 की प्रक्रिया में आप घर का सामान लेने तो बाहर निकलती ही होंगी। ऐसे में कार का इस्तेमाल करने की बजाए आसपास की दूरी पैदल ही तय करें। यह आपको फि‍ट बनाए रखने में मददगार हो सकता है।

नींद न आने के कारण

रात की अच्छीे और गहरी नींद हमें बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्‍थ्‍य को बनाए रखने में मददगार होती है। पर जब आप देर रात तक जागी रहती हैं और खुद को तनाव मुक्त करने के लिए टीवी या वेब सिरीज देखती रहती हैं, तो इससे आपकी नींद का पैटर्न प्रभावित होता है।

छोटे या बड़े कारण जो भी हों, अगर आप एक अच्‍छी नींद नहीं ले पा रहीं, तो यह भविष्‍य में आपके लिए खतरनाक हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आपके स्वस्थ रहने के लिए जरूरी नींद के आरईएम (Rapid eye movement) चरण में आप नहीं पहुंच पातीं। यह मोटापे के बढ़ने और आपके तनाव में रहने का सबसे बड़ा कारण है।

इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप स्लीप हाइजीन का ख्याल रखें। उन चीजों से दूर रहें जो आपकी नींद को प्रभावित करती हैं। ध्यान या मेडिटेशन करने से भी आपको नींद की क्वालिटी सुधारने में मदद मिलेगी।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय।

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