लिवर हमारे शरीर में एक फुटबॉल की साइज का ऑर्गन है, जो पेट के दाहिने ओर रिब्स के अंदर स्थिर है। बॉडी फंक्शंस को सही से काम करने के लिए एक स्वस्थ लीवर की आवश्यकता होती है। लिवर खाद्य पदार्थों को डाइजेस्ट होने में मदद करता है, साथ ही साथ आपके शरीर में इकट्ठा हुए टॉक्सिक पदार्थ को बाहर निकलने में मदद करता है। शरीर के तमाम अन्य अंगों की तरह लीवर को सही से कार्य करने के लिए उचित देखभाल की आवश्यकता होती है, अन्यथा इस ऑर्गन से जुड़ी समस्याएं आपको परेशानी में डाल सकती हैं।
नियमित जीवन शैली की कई ऐसी गतिविधियां हैं, जैसे कि शराब का सेवन, खराब खान पान, हानिकारक वायरस और मोटापा जो लीवर स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में लिवर संक्रमित हो सकता है, वहीं लीवर डैमेज का खतरा भी बना रहता है। लिवर डैमेज एक जानलेवा बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है। हालांकि, यदि इस बीमारी का पता समय रहते लगा लिया जाए और अर्ली स्टेज में ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाए, तो यह समय के साथ ठीक हो सकती है। लीवर फेलियर के लक्षणों को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हेल्थ शॉट्स ने लीवर डैमेज के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, मेडिकवर हॉस्पिटल, नवी मुंबई के लिवर ट्रांसप्लांटेशन और एचपीवी सर्जरी के डायरेक्टर डॉक्टर विक्रम राऊत से बात की। डॉक्टर ने लिवर डैमेज की स्थिति में नजर आने वाले लक्षण बताते हुए इसे नजरअंदाज न करने की सलाह दी है। वहीं उन्होंने इस बीमारी के इलाज को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, लिवर डैमेज से संबंधी उचित जानकारी।
लीवर की बीमारी काफी तेजी से बढ़ रही है, यह हमारे देश के लिए एक एपिडेमिक की तरह है। भारत में हर पांच एडल्ट में से एक एडल्ट में लीवर संबंधी समस्या डिटेक्टर की जा रही हैं। वहीं भारत में लिवर संबंधी समस्या के कारण होने वाले मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
एक साल में होने वाले कुल मौतों में 3.17% मौतें लीवर संबंधी समस्या के कारण हो रही हैं। वहीं यदि विश्व स्तर पर बात करें तो लीवर संबंधी बीमारी के कारण होने वाले मौत के आंकड़े 18.3 प्रतिशत हैं। आंकड़ों को देखते हुए आप अंदाजा लगा सकती हैं, कि हम सभी को लीवर स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की कितनी आवश्यकता है।
लिवर फैलियर की स्थिति में ज्यादातर लक्षण तब नजर आते हैं, जब लीवर डिजीज काफी बढ़ चुकी होती है। परंतु कुछ लक्षण शुरुआत से ही नजर आना शुरू हो जाते हैं।
पीलिया (त्वचा एवं आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ना)
गहरे पीले रंग का पेशाब
स्टूल का रंग हल्का पड़ना
पाचन संबंधी समस्याएं खासकर फैट को पचाने में परेशानी होना
सांसों से अत्यधिक बदबू आना
अचानक से वेट और मसल्स लॉस होना
ब्रेन इंपेयरमेंट
बिना किसी रैशेज के त्वचा पर लगातार खुजली महसूस होना
जब लिवर डिजीज काफी ज्यादा बढ़ जाती है, तो यह आपके ब्लड फ्लो, हार्मोंस और शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करना शुरू कर देती हैं। इस स्थिति में कुछ अन्य लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे-
चम्मच के आकार के नाखून
नाखूनों का सफेद पड़ना
त्वचा पर मकड़ी जैसे ब्लड वेसल्स का नजर आना
त्वचा पर लाल रंग के छोटे-छोटे धब्बे नजर आना
पलकों के ऊपरी त्वचा पर फैट के तौर पर छोटे-छोटे पीले बम्पस जैसे उभार नजर आना
छोटे से खरोंच लगने पर ब्लीडिंग शुरू होना
हथेलियां का लाल पड़ना
लिवर की बीमारी में ब्लड वेसल्स से फ्लूइड लीकेज शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से यह लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे की-
पेट अंदरूनी भाग में सूजन नजर आना
पर हाथ और त्वचा में सूजन नजर आना
लीवर डैमेज होने पर महिलाओं में नजर आ सकते हैं रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़े यह लक्षण
अनियमित पीरियड्स
इनफर्टिलिटी की समस्या
पुरुषों के रिप्रोडक्टिव स्वास्थ्य पर भी पड़ता है लिवर डैमेज का असर
टेस्टिकल्स का सिकुड़ जाना
मेल ब्रेस्ट टिशु का बढ़ना
डॉक्टर के अनुसार यदि लीवर की क्षति का शीघ्र पता लगा लिया जाए और उसका इलाज किए जानें पर इसे ठीक किया जा सकता है। लीवर एक अद्भुत अंग है, जो नए ऊतक बनाकर खुद की मरम्मत कर सकता है। हालांकि, यदि लीवर लंबे समय तक क्षतिग्रस्त रहता है, तो इसमें गंभीर घाव (सिरोसिस) विकसित हो सकता है, जो इसके कार्य को बाधित कर सकता है और गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है।
लिवर संबंधी बीमारी का उपचार आपके डायग्नोसिस पर निर्भर करता है। लिवर की कुछ समस्याओं का इलाज जीवनशैली में बदलाव के साथ किया जा सकता है, जैसे शराब का सेवन बंद करना या वजन कम करना। आमतौर पर इसके उपचार में लिवर के कार्य की सावधानीपूर्वक निगरानी शामिल होती है। अधिक गंभीर लिवर सम्बंधी समस्याओं का इलाज दवाओं से किया जा सकता है, या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
लिवर की बीमारी के ट्रीटमेंट के दौरान कई बार लिवर फेलियर हो जाता है। इस स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया थोड़ी लंबी है, परंतु इसके सर्वाइवल रेट लगभग 75% हैं।
लीवर की क्षति को रोकने का सबसे अच्छा तरीका क्षति के कारणों को दूर करना है, जैसे शराब, वायरस, मोटापा, या दवाएं। कुछ कदम जो आपके लीवर को आराम पहुंचाने और मरम्मत में मदद कर सकते हैं:
शराब का सेवन कम मात्रा में करें या बिल्कुल न करें। शराब लीवर डैमेज का एक प्रमुख कारक है, क्योंकि यह लीवर में सूजन, फैट स्ट्रेज और सेलुलर डेथ का कारण बन सकता है।
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संतुलित आहार लें जो विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो। अपनी डाइट में ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट को शामिल करें। प्रोसैस्ड फूड्स, एडेड शुगर युक्त ड्रिंक्स और अस्वास्थ्यकर फैट से बचें, क्योंकि ये लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शारीरिक गतिविधि आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने, आपके ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने और आपकी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। ये कारक फैटी लीवर रोग के जोखिम को कम करते हैं, जो लीवर डैमेज का एक सामान्य कारण है।
कुछ दवाएं और जड़ी-बूटियां लीवर के लिए जहरीली हो सकती हैं, खासकर अगर उच्च खुराक में या लंबे समय तक ली जाए। हमेशा अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें और लेबल को ध्यान से पढ़ें। यदि आपको लीवर की बीमारी है, तो एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) लेने से बचें, क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है।
हेपेटाइटिस ए, बी और सी ऐसे संक्रमण हैं, जो लीवर में सूजन और घाव का कारण बन सकते हैं। हेपेटाइटिस ए और बी को टीकाकरण से रोका जा सकता है, जबकि हेपेटाइटिस सी को एंटीवायरल उपचार से ठीक किया जाता है। यदि आपको जोखिम का खतरा है, तो जितनी जल्दी हो सके परीक्षण और इलाज करवाएं।
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