चाहें आपको रेस्पिरेट्री एलर्जी हो या नहीं, सच यही है कि ये आपके जीवन को अत्यंत असहज बना सकता है। नाक बहना, खुजली, आंखों से पानी आना और गले मे इर्रिटेशन जैसे लक्षण बर्दाश्त करना मुश्किल होता है। उसके ऊपर से ठंड का मौसम।
लेकिन अगर हम आपको बताएं कि आप एलर्जी से बच सकते हैं कुछ आसान बातों का ध्यान रख कर, तो? जी हां अपने जीवनशैली में ये बदलाव लाएं तो आपको कभी एलर्जी नहीं सताएगी।
क्या आप जानती हैं कि आपके पर्दे डस्ट माइट्स जैसे एलर्जी फैलाने वाले कीटाणुओं का घर होते हैं? जी हां, ये डस्ट माइट्स एलर्जिक रिएक्शन का कारण बन सकतें हैं। आपको हर सप्ताह पर्दे धोने की जरूरत नहीं है, लेकिन 10-12 दिन में वैक्यूम करना चाहिए। साथ ही हर सीजन इन्हें धोना जरूरी है।
जब बात आती है चादर और तकिया के कवर की, तो इन्हें हर हफ्ते धोना ही सबसे बेहतर आइडिया है। अलर्जन से बचने के लिए इन्हें बहुत लंबे समय तक बिना धोए इस्तेमाल ना करें। बेड पर मोल्ड और डस्ट माइट्स के संग्रह होने की संभावना सबसे अधिक होती है, और अगर आपको एलर्जी है तो इससे बचना आपके लिए जरूरी है।
ये तो आप जानती ही होंगी कि नमी वाले वातावरण में मोल्ड और फंगस अधिक आसानी से उगते हैं। फंगस कई गंभीर रेस्पिरेट्री एलर्जी का कारण हो सकता है और यहां तक कि अस्थमा का भी कारण बन सकता है। इससे बचने का सबसे आसान तरीका है बाथरूम को पूरी तरह सूखा रखना।
इसके लिए सुनिश्चित करें कि आपके बाथरूम में हवा का वेंटिलेशन सही हो, तौलियों को धूप में सुखाएं, नहाने के बाद बाथरूम का फर्श पोंछ दें और पायदानों को हर महीने धो कर धूप में सुखाएं। नल, पाइप इत्यादि को भी समय समय पर साफ करें ताकि फंगस ना उगे।
एग्जॉस्ट फैन या चिमनी आपके किचन के लिए बहुत जरूरी होती है। ये आपको किचन में काम करते वक्त सही से सांस लेने की सुविधा देते हैं। खाना बनाते वक्त उठने वाला धुआं एलर्जिक रिएक्शन के लिए जिम्मेदार हो सकता है। जब तक आप किचन में काम कर रही हैं, एग्जॉस्ट चलने दें।
अगर आपको पोलन से एलर्जी है तो खुद को सुरक्षित रखने के लिए जो सबसे आसान काम आपको करना है वह है बाहर निकलने से बचना। अगर आप बाहर जाते हैं तो कोशिश करें आपकी गाड़ी के शीशे बन्द ही रहें ताकि आप पोलन के संपर्क में कम से कम आएं।
ये तो हमें बताने की जरूरत नहीं है कि प्रदूषण कितना खतरनाक होता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 100 से अधिक होने पर अस्थमा और अन्य एलर्जी का जोखिम बढ़ जाता है। यही कारण है कि AQI अधिक होने पर बाहर निकलना अवॉयड करना चाहिए।
आप अलर्जन से दूर हों, ये सुनिश्चित कर के आप एलर्जिक रिएक्शन को कम कर सकते हैं। लेकिन इसका इलाज करवाना अब भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
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कस्टमाइज़ करेंअगर आपकी एलर्जी का इलाज ना हो तो ये अस्थमा, COPD और स्लीप एपनिया जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। यही कारण है कि नाक बहना, छींक, गले मे खुजली जैसे लक्षण इग्नोर ना करें और डॉक्टर से मदद जरूर लें।
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