पैर का दर्द थोड़ी सी ऐंठन से लेकर तेज दर्द तक हो सकता है। सभी तरह के दर्द के अलग-अलग कारण हैं। अधिकांश पैर का दर्द या तो कोई छोटी-मोटी चोट होती है या मांसपेशियों में थकान के कारण दर्द हो सकता है। लेकिन कई बार यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इसे समझना जरूरी है ताकि समस्या को समय रहते पकड़ा जा सके।
सबसे पहले तो पैर के दर्द और क्रैम्प में फर्क समझना जरूरी है। पैर के दर्द में पूरे पैर, खासकर जांघो के हिस्से में चुभन भरा दर्द होता है। वहीं क्रैम्प में काफ मसल्स में दर्द होता है। क्रैम्प का दर्द चुभता नहीं बल्कि ऐंठन सी महसूस होती है। क्रैम्प का कारण थकी हुई मांसपेशियां या शरीर मे पानी की कमी होता है। कई दवा जैसे स्टैटिन्स और डाइयूरेटिक भी पैरों में दर्द का कारण बन सकती हैं।
टेंडिंटिस एक ऐसी समस्या है जिसमें टेंडन में सूजन आ जाती है। टेंडन वह टिश्यू हैं जो हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ते हैं। जब इनमें सूजन आ जाती है, तो यह इस जोड़ को भी प्रभावित करती है। टेंडिंटिस का दर्द आपको हैमस्ट्रिंग या एड़ी की हड्डी के पास महसूस होगा।
अगर आपको घुटनों में दर्द हो रहा है, तो इसका एक कारण नी बर्साइटिस भी हो सकता है। इसमें घुटने के पीछे का फ्लूइड भरा थैला जिसे बरसा कहते हैं, सूज जाता है। इसके इंफ्लामेशन के कारण आपको घुटने के चारों ओर भयंकर दर्द होता है।
इस बीमारी में आर्टरी फैट और कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण सख्त होने लगती हैं। आर्टरी शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त लेकर जाती हैं। सख्त होने के कारण इनमें ब्लॉकेज होने लगता है। जिससे शरीर मे ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। अधिकांश मामलों में लोअर बॉडी में यह ब्लॉकेज होता है जिसके कारण पैरों को ठीक से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। ऑक्सीजन की कमी के कारण पूरे पैर में दर्द होता है, खासकर काफ मसल्स में। यह दर्द कुछ थम्पिंग सा होता है जिसमें लगता है आपके पैर में ही कुछ धड़क रहा है।
DVT की स्थिति तब पैदा होती है जब शरीर में कोई खून का थक्का जमने लगता है। यह थक्का शरीर में कहीं भी हो सकता है। जब लोअर बॉडी में यह ब्लड क्लॉट पड़ता है, तो खून पहुंचना कम या बन्द हो जाता है। लम्बे समय तक बेड रेस्ट करना इसका मुख्य कारण है। ऐसे में पैर में सूजन और क्रैम्प होते हैं।
किसी हड्डी या टिश्यू में इन्फेक्शन भी पैर दर्द का कारण हो सकता है। जहां एक ओर इंफेक्शन के अनेक कारण हो सकते हैं, इसकी पहचान करना आसान है। यह दर्द सिर्फ संक्रमित हिस्से में ही होता है और उस हिस्से में सूजन और लालामी आ जाती है। यह दर्द एक दर्दनाक घाव की तरह ही होता है।
स्लिप डिस्क का अर्थ है आपकी स्पाइन की एक डिस्क (वर्टेबरा) का अपनी जगह से खिसक जाना। कई बार यह खिसकी हुई डिस्क स्पाइनल कॉर्ड की किसी नस को दबा देती है। इससे समस्या और भी गंभीर हो सकती है। स्लिप डिस्क का दर्द आपको पीठ के निचले हिस्से से लेकर पैरों और कई बार कमर में भी महसूस होता है।
स्लिप डिस्क के कई कारण हैं, लेकिन प्रमुख कारण अत्यधिक भारी वजन गलत तरह से उठाना ही होता है।
ये 6 ऐसे कारण हैं, जो भविष्य में बड़ी बीमारी का कारण बन सकते हैं। अगर आपको पैर में निरंतर दर्द महसूस होता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ही उचित है। कई बार यह दर्द किसी ट्यूमर या कैंसर का संकेत भी हो सकता है। इसलिए जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना ही सबसे अच्छा विकल्प है।
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