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आपके बेबी के पहले एक हजार दिन पोषण के लिहाज से हैं बेहद जरूरी, जानिए क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

हम जानते हैं कि आप बहुत लंबे समय से अपने बेबी का इंतजार कर रहीं थीं, पर अब जब यह आपकी गोद में आ गया है, तो आपको जानने चाहिए कि कितनी महत्‍वपूर्ण हैं बेबी के ये पहले एक हजार दिन।
Updated On: 10 Dec 2020, 12:21 pm IST
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छोटे बच्‍चाेें को चांदी के चम्‍मच से खाना खिलाना सचमुच फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक
छोटे बच्‍चाेें को चांदी के चम्‍मच से खाना खिलाना सचमुच फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक

मां और बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरी है सही पोषण। इसकी कमी उम्र भर कई तरह की समस्‍याओं के लिए जिम्‍मेदार हो सकती है। अगर आप अभी हाल ही में मां बनी हैं या बनने वाली हैं, तो आपको जानना चाहिए बेबी के शुरूआती एक हजार दिन और उसकी पोषण आवश्‍यकताओं के बारे में।

मां और बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरी है सही पोषण। । चित्र: शटरस्‍टॉक

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

शिशु स्‍वास्‍थ्‍य और उनकी पोषण की आवश्‍यकताओं पर विशेषज्ञों का कहना है कि नवजातों के पहले एक हजार दिन (गर्भ से लेकर जीवन के पहले दो वर्ष) की अकसर उपेक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि रक्ताल्पता की कमी, डायरिया प्रबंधन, पोषणयुक्त भोजन और वाश (पानी, साफ -सफाई और स्वच्छता) पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

इस तरह दूर हो सकती है पोषण की कमी

बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रमुख (पोषण) आलोक रंजन ने कहा कि पोषण माह के दौरान मां और बच्चे को पोषण की कमी से बचाने पर ध्यान दिया जाता है। रंजन ने कहा कि बाल एवं अति कुपोषण जैसे नये क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जा रहा है और किचन गार्डन में उपजाए जाने वाले पोषण युक्त भोजन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

फूड फोर्टिफिकेशन भी हो सकता है मददगार

उन्होंने कहा, ”पिछले कुछ वर्षों से भारत में फूड फोर्टिफिकेशन का प्रचलन भी बढ़ा है। मेरा मानना है कि भारत से काफी संख्या में लोग फोर्टिफाइड उत्पादों का उपभोग कर रहे हैं। भारत में लगभग हर चीज है (नीति, मानव संसाधन, वित्त पोषण और राजनीतिक इच्छाशक्ति) और इसे और अधिक मजबूत करने पर बल देना होगा।

कितनी महत्‍वपूर्ण हैं बेबी के ये पहले एक हजार दिन। चित्र: शटरस्‍टॉक

समझ‍िए क्‍या है फूड फोर्टिफिकेशन

फूड फोर्टिफिकेशन से तात्पर्य खाद्य पदार्थों में एक या अधिक सूक्ष्म पोषक तत्वों की योजनाबद्ध तरीके से की जाने वाली वृद्धि से है जिससे इन पोषक तत्वों की न्यूनता में सुधार या निवारण किया जा सके तथा स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके।
रंजन ने कहा कि महिला एवं बाल स्वास्‍थ्‍य कार्यक्रम में वैश्विक एवं भारत स्तर पर गुणवत्ता में गड़बड़ी पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

अलाइव एवं थ्राईव (एफएचआई 360) के दक्षिण एशिया के कार्यक्रम निदेशक थॉमस फोरिसियर ने कहा कि पोषण युक्त सेवाओं और लाभ के कवरेज को बढ़ाना पहला कदम है लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं के कवरेज और लाभ को बढ़ाना आवश्यक रूप से दूसरा कदम है।

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