बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें खाना खाने के दौरान बहुत ज्यादा पसीना आता है। पंखा, कूलर चलने के बावजूद, यहां तक की ठंड के मौसम में भी खाते वक्त पसीना आना शुरू हो जाता है। खाते हुए पसीना आने से चिड़चिड़ापन महसूस होता है, और व्यक्ति अपने खाने को एंजॉय नहीं कर पाता। क्या आप भी इनमें से एक हैं? यदि हां, तो क्या कभी इसका कारण जानने की कोशिश की है? यदि नहीं तो इस बारे में समझना बहुत जरूरी है (sweating while eating)।
ज़िनोवा शाल्बी अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. उर्वी माहेश्वरी ने खाना खाते वक्त पसीना आने (Gustatory sweating) के कारण और इसे अवॉइड करने के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बताए हैं, तो चलिए जानते हैं इस समस्या का समाधान।
बहुत गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से आपको पसीना आ सकता है (sweating while eating)। खाने के दौरान लोगों को पसीना आने का सबसे आम कारण मिर्च जैसे मसालेदार खाद्य पदार्थ हैं। मिर्च में कैप्साइसिन नामक एक रसायन होता है, जो आपके शरीर को गर्म महसूस कराने वाली नसों को सक्रिय कर देता है, इस स्थिति में आपकी बॉडी को ठंडा करने के लिए पसीना आता है।
इससे आपका चेहरा लाल हो सकता है, आपकी नाक बह सकती है और आपकी आंखों से पानी आ सकता है। यह उन लोगों में अधिक कॉमन है, जो रोजाना स्पाइसी फूड्स का सेवन करना पसंद हैं। जिन खाद्य पदार्थों में सिरका जैसे एसिडिक तत्व होते हैं, या जिन्हें आप उच्च तापमान पर खाती हैं, उनकी वजह से भी पसीना आ सकता है।
बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें हल्का खाने के बावजूद भी पसीना आता है। यह प्रतिक्रिया किसी विशिष्ट भोजन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक चिकित्सा स्थिति के कारण हो सकती है, जो मुंह के नसों संबंधी एक प्रकार की समस्या है।
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डॉक्टर अत्यधिक पसीना आने को हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं (sweating while eating)। जब यह खाने के बाद होती है, तो इसे गस्टेटरी हाइपरहाइड्रोसिस या फ्रे सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है।
ऑरिकुलोटेम्पोरल नर्व डैमेज, पैरोटिड ग्लैंड की सर्जरी या दाद जैसी बीमारी के कारण खाते वक्त चेहरे पर रेडनेस और पसीना आ सकता है। इस स्थिति को नजरअंदाज किए बगैर एक्सपर्ट से मिलकर सलाह लेने की आवश्यकता होती है।
मीट स्वेट आमतौर पर अधिक मात्रा में मीट के सेवन से होता है। हालांकि, केवल मांस नहीं बल्कि उच्च प्रोटीन डाइट के कारण भी अत्यधिक पसीना आ सकता है। प्रोटीन को तोड़ने के लिए हाई मेटाबॉलिज्म रेट और इसलिए थर्मोजेनेसिस की आवश्यकता होती है। ऐसे में शरीर पसीने के माध्यम से खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है। इसलिए आहार में प्रोटीन को संतुलित करना या लगातार अंतराल पर एक सीमित मात्रा में इसे लेना इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है (sweating while eating)।
शराब शरीर के तापमान को बढ़ा देती है, इसलिए शराब के सेवन को सीमित रखने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि शराब पीने के बाद हाइड्रेटेड रहे, ताकि बॉडी टेंपरेचर को बैलेंस करने में मदद मिल सके।
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कस्टमाइज़ करेंकुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हें खाते ही काफी ज्यादा पसीना आने लगता है। ऐसे में उन खाद्य पदार्थों को अवॉइड करना बहुत जरूरी है, जैसे की अधिक गर्म और मसालेदार खाना। विशेष रूप से जिनमें मिर्च की मात्रा मौजूद हो। वहीं एसिडिक और गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ भी पसीने का कारण बन सकते हैं।
बोटॉक्स इंजेक्शन फ्रे सिंड्रोम का प्राइमरी इलाज है जिसे डॉक्टर की निगरानी में किया जाता है। यह खाते वक्त स्वेटिंग पैदा करने वाले नर्वस को ब्लॉक कर देता है। इसे करवाने से पहले डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है।
यदि आपको खाना खाते वक्त या अधिक फ्रिक्वेंटली पसीना आता है, तो ब्लोटिंग पेपर को हमेशा अपने साथ रखें। इनकी मदद से आप त्वचा एवं स्कैल्प के पसीने को क्लीन कर सकती हैं। यह पसीने को पूरी तरह से सोख लेते हैं, और त्वचा को क्लीन करते हैं।
यदि आपको डायबिटीज है, तो अपनी स्थिति को पूरी तरह से मैनेज करने का प्रयास करें। एक स्वस्थ एवं संतुलित ब्लड शुगर लेवल होने पर खाने के दौरान पसीना आने की संभावना कम होती है। वहीं डायबिटीज के मरीजों में असंतुलित ब्लड शुगर लेवल खाना खाते वक्त अत्यधिक पसीना आने का कारण बन सकता है।
यदि आपको खाना खाते वक्त अत्यधिक स्वेटिंग होती है, तो इसे लंबे समय तक नजरअंदाज न करें। डॉक्टर से मिले और अपनी स्थिति के बारे में उनसे बात करें। उनके द्वारा सुझाई गई दवाइयां का नियमित सेवन करें, इससे आपको फ्रिक्वेंट और ईटिंग के दौरान स्वेटिंग से राहत मिल सकती है।
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