दांतों की मज़बूती और ओरल हाइजीन के लिए नियम से ब्रश किया जाता है। अपने मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हम दिन में दो बार ब्रश करते हैं। अगर फिर भी आपके दांत कई प्रकार की समस्याओं से ग्रस्त है, तो इसका कारण आपकी जीभ पर जमा होने वाले बैक्टीरिया हो सकते हैं। ऐसे में दांतों की देखरेख के साथ साथ टंग क्लीनिंग (Tongue cleaning) प्रोसेस भी ओरल हेल्थ बनाए रखने के लिए ज़रूरी है।
रिसर्चगेट के मुताबिक जीभ की सफाई म्यूटन्स स्ट्रेप्टोकोकी (Mutans streptococci) और ओरल कैविटी(Oral cavity) के स्तर को कम करने के लिए बेहतरीन उपाय है। ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए जीभ की सफाई का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। आइए जानते हैं वो कारण जिसके चलते रोज़ाना टंग क्लीनिंग प्रोसेस आवश्यक है।
इस बारे में फाउंडर ऑफ स्माइल कॉउचर डेंटल क्लिनिक, डेंटिस्ट एंव स्माइल डिज़ाइनिंग एक्सपर्ट डॉ परमप्रीत कोहली का कहना है कि जीभ की सफाई ओरल हेल्थ मेंटेन रखने के लिए ज़रूरी है। ब्रश और फ्लॉसिंग के साथ टंग क्लीन करने से बैक्टीरिया समाप्त होते हैं। इससे सांस में ताज़गी रहती है और दांतों व मसूड़ों में बढ़ने वाली बैक्टीरिया की समस्या से मुक्ति मिलती है। जीभ पर बनने वाले रफ सरफेस पर बैक्टीरिया आसानी से चिपकने लगते है। नियमित रूप से जीभ की सफाई इन बैक्टीरिया को हटाने में मदद करती है। इससे मौखिक संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
मेडिकल न्यूज टुडे के मुताबिक रोज़ाना टंग क्लीनिंग न करने से टेस्ट बड्स ब्लॉक होने लगते है। इससे स्वाद को पहचानना मुश्किल हो जाता है। अगर आप नियमित तौर पर जीभ की सफाई करते हैं, तो इससे जीभ पर जमने वाले बैक्टीरियार अपने आप दूर होते चले जाएंगे। इसके अलावा भोजन के डाइजेशन से लेकर एसिमिलेट करने तक हर चीज़ में फायदा मिलता है।
रोज़ाना जीभ को क्लीन करने से सांसों की बदबू दूर होने लगती है। टंग स्क्रैपिंग आपकी ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं। इसकी मदद से माउथ बैक्टीरिया और अन्य प्रकार के संक्रमण नहीं पनपते हैं। जर्नल ऑफ पीरियड ओनटोलॉजी के मुताबिक सांस की दुर्गंध यानि हैलिटोसिस मामलों की 50 फीसदी उत्पत्ति जीभ पर जमा बैक्टीरियल लेयर्स के कारण होती है। ऐसे में ओरल हाइजीन के लिए केवल दांतों की सफाई काफी नहीं है। जीभ को क्लीन करने के लिए सॉफ्ट ब्रश की जगह स्क्रेपर का ही प्रयोग करें।
अगर आपके दांतों में भी दर्द रहता है और गम्स स्वैल हो रहे हैं, तो इसके लिए जीभ की नियमित सफाई न करना भी एक बड़ा कारण है। जीभ पर मौजूद टॉक्सिन्स दांतों में कैविटी, टूटने और सड़न का कारण साबित होते हैं। ऐसे में नियमित जीब भी सफाई बेहद ज़रूरी है। इससे दांतों तक पहुंचने वाली समस्याओं से राहत मिल जाती है। साथ ही दांतों की लाइफ बए़ जाती है।
जब जीभ की रेगुलर सफाई नहीं होती है, तो उस वक्त टंग के उपर चबाए हुए खाने की एक लेयर जमने लगती है। इसके बाद जीभ का रंग सफेद नज़र आने लगता है और टेस्ट बड्स दिखने बंद हो जाते हैं। जीभ की रंगत को सुधारने और पहली जैसे करने के लिए रोज़ाना साफ करें और इस पर जमने वाली परत को रिमूव करें।
जीभ पर मौजूद संक्रमण हमारी हेल्थ को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने के लिए सफाई आवश्यक है। इससे जीभ पर जमा टॉक्सिक पदार्थ आसानी से निकल जाते हैं। इससे हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है और हम बीमारियों से भी दूर रहते हैं।
ब्रश करने के बाद आप टंग की क्लीनिंग के लिए अलग ब्रश का प्रयोग कर सकते है। इससे जीभ पर जमा परत दूर होती है और माउथ में फ्रेशनेस बनी रहती है।
दांतों की स्वच्छता बनाए रखने के साथ साथ जीभ के लिए स्क्रैपर का प्रयोग आवश्यक है। इसके लिए वी आकार के इस उपकरण को आगे की ओर खींचें। इससे जीभ पर जमा जर्मस निकल जाते हैं और टंग साफ होने लगती है। रोज़ाना जीभ साफ करने के लिए इसका प्रयोग करें।
नीम की दातुन को वी आकार में बना लें। अब इससे दांतों और जीभ दोनों को नियमित तौर पर साफ करें। इससे जीभ पर मौजूद कीटाणु अपने आप दूर होते हैं। साथ ही जीभ भी साफ रहती है।
जीभ पर एक चुटकी नमक लगाकर आप ब्रश की मदद से जीभ को कुछ देर तक साफ करें। इससे कैविटी दूर होती हैं।
एक चुटी हल्दी और कुछ बूंद नींबू का रस मिलाकर जीभ पर लगाने से जीभ पर जमी हुई सफेद परत दूर होती है और टेस्ट बड्स अपना काम पूर्ण रूप से करने लगते हैं।
2 से 3 चम्मच एलोवेरा जूस को मुंह में भरकर कुल्ला करने से दांतों में जमा कैविटी दूर होने लगती है और जीभ पर जमा गंदगी दूर हो जाती है।
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