वर्तमान संघर्षशील आपाधापी की जिन्दगी में लगभग 20% लोग रात्रि के मध्य में जाग उठते हैं, और फिर वापस सोने के लिए संघर्ष करते हैं। इस प्रकार की अनिद्रा तनावपूर्ण हो सकती है, थकावट के साथ साथ तनाव ग्रस्त हो जाते हैं। अकसर ऐसा तब होता है जब हम किसी अनचाही स्थिति यथा ब्रेकअप, दफ्तर के टारगेट, बच्चों की चिंता या भविष्य के किसी प्लान के बारे में दिन में सोचते रहे हैं। हमें या किसी हमारे को किसी इलाज या सर्जरी से गुजरना होता है। कई बार निकट भविष्य में लम्बी यात्रा पर जाने की योजना हो सकती है। खैर, कारण चाहें जो भी हो, हम सभी के लिए अच्छी और गहरी नींद जरूरी है। इसके लिए आप कुछ युक्तियों (how to sleep deep at night) को आजमा सकते हैं।
आधी रात को करवटें बदलते हुए घड़ी देखने का मन करता है। लेकिन हर बार जब आप ऐसा करते हैं तो आपकी चिंता और बढ़ जाती है, कि आपने कितनी नींद गवां दी है। और इससे नींद तो आएगी नहीं तनाव में वृद्धि जरुर होगी। बेड रूम में घड़ी न लगाएं, अपनी घड़ी को एक दराज में रखें और अपने फोन पर समय देखने की इच्छा को रोकें।
टैबलेट, फोन या लैपटॉप किसी भी स्क्रीन से नीली रोशनी आपके मस्तिष्क को संकेत देती है कि यह जागने का समय है। सोने से एक घंटे पहले अपनी सभी स्क्रीन बंद कर दें।
नींद खुल जाने पर और 20 मिनट या उससे अधिक समय तक जागते रहने पर अच्छा होगा कि उठ कर बैठ जाएं और बिस्तर से बाहर आ जाएं। कोई छोटी रंगीन पीली या लाल रोशनी को ही जलाएं। बड़ी लाइट न जलाएं। संभव हो तो दूसरे कमरे में चले जाएं। टीवी हरगिज चालू न करें। इसके बजाय मन शांत करने वाला कुछ कार्य करें।
कुछ व्यक्ति जागते हुए अपने अतिरिक्त समय का सदुपयोग करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा न करें। रात का मध्य काम करने, काम पर आगे बढ़ने या रसोई में रचनात्मक होने का सही समय कतई नहीं है। ऐसे कार्य मस्तिस्क को उस समय जागने के लिए प्रेरित करते हैं। जिससे आपकी नींद गायब हो सकती है। .
व्यस्त मस्तिष्क” रात में जागने का सबसे बड़ा कारण है। हम कुछ सोचने लगते हैं या याद करने लगते हैं यानी या तो भूतकाल (यादों में खोना या भविष्य में जा पहुंचते हैं। भविष्य यानी प्लानिंग या भय)। इस सबसे छुटकारा पाने का एक आसान तरीका है100 से पीछे की ओर गिनें। यह आपके ध्यान को अतीत के पछतावे और भविष्य की चिंताओं से दूर करता है। साथ ही आपके मस्तिष्क को वर्तमान में बने रहने के लिए मजबूर करता है।
नींद आने के लिए आपकी मांसपेशियों को आराम की जरूरत है। यदि आप तनावग्रस्त हैं, तो आपको यह भी पता नहीं चलेगा कि वे भी हैं। रिलैक्सेशन एक्सरसाइजेज नामक तकनीक इसमें आपकी मदद कर सकती है।
बिस्तर पर जाने से पहले अपने तनाव को कम करने के तरीके खोजें। कोई सुखदायक संगीत या शांत करने वाला पॉडकास्ट सुनना अच्छा आइडिया है। कुछ आसान योग मुद्राएं भी कर सकते हैं या बस चुपचाप बैठ जाएं और कुछ गहरी सांसें लें। विपश्यना ध्यान विधि एक अच्छा उपाय हो सकता है।
चाहे कॉफी, चाय, सोडा, ऊर्जा पेय या चॉकलेट में हो, कैफीन आपके दिमाग को जागते रहने के लिए ट्रिगर करते हैं। अनिद्रा के इस रूप से ग्रस्त व्यक्तियों को दोपहर 1 बजे के बाद किसी भी तरह के कैफीन से बचना चाहिए।
जब हम सोते हैं, तब भी मस्तिष्क सुन रहा होता है। इसके द्वारा सुनी जाने वाली आवाजें आपको गहरी नींद से भी जगा सकती हैं। यदि भीड़ भाड़ वाले इलाके में अस्पताल या पुलिस स्टेशन के पास घर है, तो एम्बुलेंस या या पुलिस सायरन का शोर नींद में बाधा डाल सकता है। इस शोर से बचने के लिए आप ईयर प्लग का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंबहुत गर्म या बहुत ठंडा तापमान शरीर को सोने में बाधा उत्पन्न करता है। इसलिए कोशिश करें कि आप अपने सोने की जगह को 60 से 67 फार्नहीट 20 से 25 डिग्री के बीच रखें। रजोनिवृत्ति से गुजर रही हैं महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी होती है। इस दौरान वे हॉट फ्लाशेस और रात के समय ज्यादा पसीने की समस्या का सामना कर सकती हैं।
अकसर लोग सोचते हैं कि सोने से पहले बीयर या वाइन का गिलास आपको सोने में मदद करता है। शराब आपके शरीर में एक रसायन को बढ़ावा देती है जो आपको सोने में मदद करती है। लेकिन यह रसायन जल्द शरीर से बाहर निकल जाते हैं। उसके बाद यह नींद में बाधा डालते हैं। आधी रात को जगा सकते हैं। सोने से पहले कोई पेय भी व्यक्ति को आधी रात बाथरूम का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
शांति से बैठें और अपनी श्वास पर ध्यान दें। शांत करने वाले शब्द या छोटे वाक्यांश के बारे में सोचें। यदि आपके विचार भटकते हैं, तो अपने आप को आंकने की बजाय बस सांस पर फोकस करें । इसका जितना अधिक अभ्यास करेंगे, यह उतना ही आसान होता जाएगा।
यदि आप रात में थोड़ी देर के लिए उठे थे, तो आप अगली सुबह थका महसूस कर रहे हैं, लेकिन दोबारा सोने की कोशिश न करें या इसके मेकअप हेतु दिन में झपकी न लें। हर दिन एक ही समय सोना और जागना महत्वपूर्ण है। यह शरीर को जागने का समय बनाम सोने का समय जानने के लिए प्रशिक्षित करता है।
अक्सर कल करने वाले कार्य यथा बिजली का बिल, बीमे या लोन की किश्त या बच्चे की किताबें लाना आदि नींद न आने या आधी रात नींद खुलने के सबसे बड़े कारण होते हैं। घबराएं नहीं उन्हें एक बोर्ड पर लिख लें। इस तरह लिखें कि जो सबसे जरुरी हो वे पहले स्थान पर हों। इसी तरह आप सप्ताह, महीने या पूरे साल को भी डायरी में लिख कर निश्चिन्त हो सकती हैं।.
यदि उपरोक्त युक्तियों को आजमाने के बाद भी नींद खुलती रहती है हैं, तो अपने डॉक्टर को बताएं। पुराने दर्द, मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति जैसे अवसाद, और नींद की समस्या जैसे स्लीप एपनिया इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
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