कई लोगों को फीका या मीठा खाना बेहद पसंद होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते है, जिन्हें मसालेदार खाना ज्यादा पसंद होता है। घर का देसी खाना हो या बाहर की कोई मनपसंद डिश, तीखा और मसालेदार स्वाद के बिना इनके लिए खाना अधूरा होता है। अगर आप भी इसी तरह का भोजन करना पसंद करती है, तो आपको आज से ही सावधान होने की जरूरत है। तीखा खाना कभी-कभार सभी को पसंद होता है। पर अगर इसकी क्रेविंग लगातार बढ़ती जा रही है, तो इसके लिए ये 7 कारण जिम्मेदार (craving spicy food) हो सकते हैं।
दरअसल तीखा खाने की इच्छा सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि हमारे शरीर में बढ़ती कई बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। अगर आप नॉर्मल खाना पसंद करती हैं, लेकिन अचानक से आपको तीखा खाने की क्रेविंग होती है तो इसके कई स्वास्थ्य कारण हो सकते है। तो चलिए जानते है कि तीखा या मसालेदार भोजन की क्रेविंग के पीछे क्या कारण हो सकते है।
अगर आप कई दिनों से परेशान है या आप तनाव की शिकार हैं, तो आपको तीखा खाने की क्रेविंग होती है। क्योंकि इस स्थति में तीखा खाने से आपको थोड़ी खुशी मिल सकती है। पबमेड सेंट्रल (pubmed central) की रिसर्च के अनुसार तीखे खाने में पाया जाने वाला केमिकल कैप्सैसिन (capsaicin) आपको राहत प्रदान कर सकता है। असल में जब आप तनाव, उदासी या अवसाद में होती हैं, तो तीखा खाना आपको राहत दे सकता है।
गर्भावस्था में कई चीजों की क्रेविंग होती है। ऐसे ही तीखा खाने का मन होना भी प्रेग्नेंसी की क्रेविंग से जुड़ा हो सकता है। जर्नल ऑफ ह्यूमन न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स ने 665 गर्भवती महिलाओं पर स्टडी की। जिसमें पाया गया कि करीब 3.3 प्रतिशत महिलाओं को तीखा और मसालेदार खाने की क्रेविंग होतीं है। तीखा खाने की क्रेविंग आपकी प्रेगनेंसी क्रेविंग का हिस्सा हो सकती है।
एक अच्छी डाइट में सभी पोषक तत्वों के साथ सभी स्वाद शामिल करने भी जरूरी होते है। लेकिन अगर आप अपनी डाइट से तीखे भोजन को हटाना चाहती है, तो आपको उसकी ज्यादा क्रेविंग होने की संभावना है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार अल्पकालिक भोजन की कमी से आप जिस भी खाद्य पदार्थ से परहेज कर रही हैं, उसके लिए आपकी इच्छा कई गुना बढ़ सकती है।
मसालों का उपयोग सर्दी – जुकाम में अच्छा माना जाता है। इसलिए लंबे समय से खड़े मसालों का इस्तेमाल काढ़ा और दवाई बनाने में किया जाता है। स्वास्थ्य समस्या होने पर हमारा कुछ मसालेदार खाने का मन होता है। साथ ही यह नेचुरल मेडिसिन की तरह काम करते हैं। इसलिए मौसम में बदलाव या नजले की समस्या में तीखा खाना अच्छा साबित हो सकता है।
आपको सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन तीखा खाने का सम्बन्ध हमारे शरीर के तापमान से जुड़ा हो सकता है। क्योंकि जिस तरह खड़े मसाले हमारे शरीर को गर्माहट देने में लाभदायक होते है। उसी तरह कुछ मसाले शरीर को ठण्डा रखने में भी मदद कर सकते है। क्योंकि तीखा खाने पर आपको पसीना आता है। जो आपके शरीर को ठण्डा करने में मदद करता है। इसलिए जब विभिन्न कारणों से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है, तो आपको तीखा खाने की क्रेविंग होने लगती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार मानसिक कार्य बढ़ने के साथ तीखा खाने की क्रेविंग भी बढ़ सकती है। यानी अगर आप कई दिनों से मानसिक रूप से ज्यादा सक्रिय हो रही हैं, तो आपकी तीखा खाने की क्रेविंग बढ़ने की भी संभावना है।
अगर आपके शरीर का बॉडी मास्क इंडेक्स बढ़ जाता है, तो इससे आपको कई चीजों की क्रेविंग होना भी बढ़ सकती है। तीखा खाने की क्रेविंग उसमें सबसे मुख्य कारण है। अगर आप भी इसी समस्या से ग्रस्त हैं, तो आपको अपने शरीर के बॉडी मास्क इंडेक्स पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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