बारिश के मौसम का मज़ा तो फैमिली के साथ गपशप और गर्मागर्म पकौड़े या समोसे के साथ ही आता है! है ना? पर कहीं आपको या आपके परिवार में किसी को डायबिटीज तो नहीं? आप भले ही पकौड़ों के साथ मानसून का मजा लेना चाहें, पर इसके साथ-साथ अपने एजिंग पेरेंट्स का भी ध्यान रखें। जानिए उनके लिए कितना खतरनाक हो सकता है हर दूसरे दिन डीप फ्राईड फूड।
असल में जब पिज्जा और पास्ता बाजार में नहीं था, उससे पहले से पकौड़ा लोगों के दिलों में बसा हुआ है। हमारी नानी की नानी भी तरह-तरह के पकौड़े बनाना और खिलाने का हुनर जानती थीं। पर तब के लाइफस्टाइल और अब के लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आ चुका है। सबसे बड़ी बात तब डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियां भी नहीं थीं।
तो अगर आपको या आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है तो पकौड़ों के प्रति अपनी दीवानगी को थोड़ा कंट्रोल करना होगा। जी हां.. तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (HSPH) में पोषण विभाग द्वारा किये गये एक अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग सप्ताह में तीन या ज्यादा बार तला हुआ खाना खाते हैं, उन्हें टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग दोनों का अधिक खतरा होता है। साथ ही, यह खतरा तब और भी बढ़ जाता है जब आप ज्यादा फ्राइड फूड का सेवन करने लगती हैं।
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 100,000 से अधिक पुरुषों और महिलाओं के डेटा की जांच की। जिसमें सामने आया कि, प्रति सप्ताह 4-6 बार तला हुआ भोजन खाने वाले प्रतिभागियों में टाइप 2 मधुमेह का जोखिम 39% बढ़ा, और जो लोग तले हुए खाद्य पदार्थ हर रोज़ या उससे अधिक बार खाते थे, उनमें 55% अधिक जोखिम था।
यहां तक कि नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन द्वारा किये गये शोध में भी यही सामने आया कि ज्यादा तले हुए भोजन का सेवन आपका मोटापा बढ़ा सकता है, जिसकी वजह से ह्रदय रोग और मधुमेह का जोखिम बढ़ सकता है।
तली हुई चीजें ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती हैं, खासकर खराब कोलेस्ट्रॉल को। यदि किसी का वज़न सामन्य है तब भी तला हुआ भोजन आपको अवॉयड ही करना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर को नुकसान पहुंचा सकता है। आम तौर पर, कार्बोहाइड्रेट को रक्त में ग्लूकोज के रूप में दिखाई देने में 1/2 घंटे लगते हैं, प्रोटीन को रक्त में ग्लूकोज के रूप में दिखाई देने में लगभग 3 घंटे लगते हैं, जबकि फैट को ब्लड ग्लूकोज बढ़ाने में लगभग 8 घंटे लगते हैं।
इस प्रकार किसी भी रूप में लिया गया भोजन लिवर में चयापचय होता है और आवश्यकता के आधार पर ग्लूकोज, अमीनो एसिड या फैटी एसिड में परिवर्तित किया जा सकता है। इसलिए भोजन में अतिरिक्त वसा से बचना चाहिए, विशेष रूप से मधुमेह रोगियों को।
डीप फ्राइड खाद्य पदार्थों में ज्यादा कैलोरीज होती हैं, जो आपका वज़न बढाने में योगदान कर सकती हैं। इसके अलावा, अध्ययनों से संकेत मिलता है कि तले हुए खाद्य पदार्थों में ट्रांस वसा वजन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, क्योंकि वे भूख और वसा को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं।
कई बार हम बाहर का तला हुआ खाना खाते हैं- जैसे फ्राइज या समोसे जिन्हें तलने में पुराना या रखा हुआ तेल इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, इन तले हुए स्नैक्स को बार – बार फिर से डीप फ्राई किया जाता है। इसी वजह से इसमें हानिकारक एक्रिलामाइड रसायन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
यह एक विषैला पदार्थ है जो उच्च तापमान पर खाना पकाने के दौरान खाद्य पदार्थों में बन सकता है। आपको बता दें कि एक्रिलामाइड रसायन कैंसर का करक है!
डीप फ्राई किये हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। वास्तव में, उन्हें नियमित रूप से खाने से आपको मधुमेह, हृदय रोग और मोटापे जैसी बीमारियों के विकसित होने का अधिक खतरा हो सकता है। इसलिए, तले हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना या गंभीर रूप से सीमित करना शायद सबसे अच्छा विकल्प है।
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