आजकल मेरी दीदी प्रेगनेंट हैं और कल वे बड़े दिनों बाद घर आयीं थी। सबके लिए चाय-नाश्ता लग ही रहा था कि दीदी ने कहा ‘मेरे लिए चाय मत लाना, मैं कोल्ड ड्रिंक पियूंगी!’ बस उनके कहने की देर नहीं थी कि मम्मी ने कहा तुम कोल्डड्रिंक नहीं पियोगी। मुझे दीदी के बारे में यह सोच कर बुरा लगा। मैंने अभी तक सुना था कि गर्भावस्था में महिलाओं को कुछ चीजों के लिए क्रेविंग होती है। पर क्या मम्मी उन्हें एक गिलास उनकी फेवरिट कोल्ड ड्रिंक भी नहीं दे सकतीं।
मम्मी भी जानती हैं कि प्रेगनेंसी में महिलाओं को बहुत अजीब चीजों की भी क्रेविंग होती है। पर कोल्ड ड्रिंक को लेकर उन्होंने सख्त आपत्ति जताई। दीदी के लिए उन्होंने फ्रेश जूस तैयार किया और हमें बताया कि इस वक्त दीदी जो भी खाएंगी, वह उनसे ज्यादा उनके बच्चे की सेहत को प्रभावित करेगा। और कार्बोनेटेड ड्रिंक में ऐसी एक भी चीज नहीं है, जो उनके बेबी की सेहत के लिए अच्छी हो।
मम्मी इतना बोलकर चली गयीं, मगर मुझे और दीदी को उत्सुकता हुई तो, हमने इसके बारे में ऑनलाइन पढ़ने की कोशिश की। आप यकीन नहीं मानेंगे! हमें कुछ हैरान करने वाले तथ्य पता चले और आज वही मैं आपके साथ साझा कर रही हूं!
अधिकांश कोला में कैफीन होता है, जिसके कई हानिकारक दुष्प्रभाव हैं। रक्त में कैफीन का अवशोषण तेज होता है और प्लेसेंटा के जरिए बच्चे तक जल्दी पहुंचता है। कैफीन आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और एड्रेनालाईन ग्लैंड को प्रभावित करता है।
कैफीन आपके संचार तंत्र में लगभग 11 घंटे तक रहता है, और भ्रूण इस जहरीले पदार्थ को तोड़ने के लिए संघर्ष करता है। इसके अलावा, कैफीन एक मूत्रवर्धक है और डिहाइड्रेशन का कारण भी बनता है। गर्भवती महिलाओं के लिए कैफीन की खुराक प्रति दिन 200 मिलीग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आपके आराम और नींद को प्रभावित करने के अलावा 300mg से अधिक कैफीन का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है। एनसीबीआई के अनुसार 500mg से अधिक कैफीन लेने से, बच्चे में लगातार उच्च दिल की धड़कन और सांस लेने का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए, कोक, कॉफी, चॉकलेट, ब्राउनी और कैफीन युक्त किसी भी चीज से बचने की सलाह दी जाती है।
कलरिंग एजेंट, प्रिजर्वेटिव, स्वीटनर और फ्लेवर प्रेगनेंसी के दौरान सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। चीनी का सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है और गर्भावस्था में जटिलताएं हो सकती हैं। यह आपके बच्चे के विकास को भी प्रभावित कर सकती हैं।
आर्टिफिशियल फ्लेवर में एक डाई होती है, जिससे बच्चे में एलर्जी हो सकती है। इसके अलावा, कोल्डड्रिंक में मौजूद सैकरीन बच्चे तक जा सकती है और मूत्राशय में जमा हो सकती है।
गर्भवती महिला का पेट तापमान के प्रति संवेदनशील होता है। ठंडे पेय पदार्थ पीने से पेट और रक्त वाहिकाओं में अचानक सिकुड़न आ सकती है, जो बच्चे के लिए अच्छा नहीं है। इसके कई हानिकारण प्रभाव हो सकते हैं जैसे भूख न लगना, अपच, पेट में ऐंठन और समय से पहले गर्भपात आदि।
तो लेडीज अगर आप पहली बार मां बन रहीं हैं और कोल्ड ड्रिंक पीने की आदी हैं, तो इस आदत को अभी छोड़ देना चाहिए। अपने प्यारे और हेल्दी बेबी के लिए आप इतना समझौता तो कर ही सकती हैं न।
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