सांस लेना जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन फिर भी हम में से अधिकांश शायद ही इस बारे में सोचते हैं कि हम कैसे सांस लेते हैं। आपके फेफड़ों तक हवा जाने के लिए दो रास्ते है, नाक और मुंह। नाक से सांस लेना सामान्य माना जाता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो मुंह से सांस लेते हैं, खासकर रात में या सोते समय। क्या आप भी सोते समय मुंह से सांस लेती हैं? यदि हां, तो इसका मतलब है कि कुछ गड़बड़ है!
मुंह से सांस लेना बस एक प्रक्रिया है, जिसमें हम सांस लेने के लिए मुंह खोलते हैं और हवा छोड़ते हैं। और जब हम नाक से सांस लेते और छोड़ते हैं, तो इसे नेज़ल ब्रीदिंग (nasal breathing) कहा जाता है। किसी कारण जब नाक बंद हो जाता है, तो ज्यादातर लोग अपने मुंह से सांस लेते हैं। लेकिन क्या होगा अगर हम आपसे कहें कि मुंह से सांस लेना हानिकारक हो सकता है? हां, यकीनन यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है।
हाल ही में, सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा की कि कैसे मुंह से सांस लेना आपके लिए अच्छा नहीं है। उनकी पोस्ट ने मुंह से सांस लेने के कारणों के बारे में बताया वो भी खासकर रात के दौरान और कैसे वजन घटाने के लिए नाक से सांस लेना फायदेमंद है।
मखीजा बताती है, “हमारे शरीर में दो औटोनॉमिक नर्वस सिस्टम (autonomic nervous system) है – सिम्पेथेटिक (sympathetic) और पैरासिम्पेथेटिक (parasympathetic)। सिम्पेथेटिक (sympathetic) शाखा आपको लड़ने की क्षमता देती है और पैरासिम्पेथेटिक (parasympathetic) शाखा पाचन, प्रवृत्ति और मित्रता जैसी प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुंह से सांस लेना आपके शरीर को सिम्पेथेटिक स्थिति की ओर ले जाता है, जबकि नाक से सांस लेना पैरासिम्पेथेटिक प्रतिक्रिया को सक्रिय करता है। यदि शरीर पुराने तनाव और सांस लेने में तकलीफ के कारण इस स्थिति में फंस गया है, तो यह आपके द्वारा किए जा रहे सभी HIIT वर्कआउट के प्रभावी परिणाम नहीं दे सकता।”
मखीजा ने मुंह से सांस लेने का कारण बताते हुए कहा कि वजन घटाने के लिए नाक से सांस लेना फायदेमंद हो सकता है। उन्होंने कहा, “हमारे शरीर के आराम की प्रक्रिया का एक बड़ा हिस्सा सोते समय होता है। इसलिए इस तरह से सांस लेना महत्वपूर्ण है, जो आपके नर्वस सिस्टम को ‘आराम और पाचन’ मोड में बदल देता है। यही कारण है कि वजन घटाने के लिए नाक से सांस लेना बहुत जरूरी है!”
अपने पोस्ट के अंत में, मखीजा ने अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, नाक से सांस लेने में सुधार के तरीकों पर बात की है। उन्होंने कहा, “जाहिर है, हम माउथ ब्रीदिंग पर तभी स्विच करते हैं जब हमारा नाक ब्लॉक हो जाता है। अच्छी क्वालिटी के विटामिन सी सप्लीमेंट (और खाद्य पदार्थ), करक्यूमिन (साइनस ब्लॉकेज को खोलता है), जिंक युक्त खाद्य पदार्थ, और सप्लीमेंट वास्तव में नाक से सांस लेने में सुधार करने में मदद कर सकते हैं । इसके सही डोज और अवधि के लिए अपने पोषण विशेषज्ञ (nutritionist) से बात करें।”
अब आप जानते हैं कि नाक से सांस लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। जब आप अपनी नाक से सांस लेते हैं, तो यह एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, यह शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है, खर्राटों और दांतों की समस्याओं को रोकता है, और आपके द्वारा ली जाने वाली हवा में नमी बरकरार रखता है।
दूसरी ओर, मुंह से सांस लेने से मुंह सूख सकता है या गले में खराश हो सकती है। वास्तव में, मुंह से सांस लेने से कई अन्य जटिलताएं हो सकती हैं जैसे खर्राटे, दांतों की समस्या, थका हुआ और चिड़चिड़ापन, और मुंह से दुर्गंध (सांसों की बदबू)।
तो लेडीज , पूजा मखीजा की सलाह का पालन करें और अपने मुंह से सांस लेने के बजाय नाक से सांस लेना शुरू कर दें।
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