अस्वस्थ जीवनशैली कभी-कभार जिंदगी के लिए भी भारी पड़ती है। कभी-कभार महिलाएं दूसरों की देखा-देखी अलग-अलग तरह की जोखिम वाली एक्सरसाइज करने लग जाती हैं। खुद को स्टाइलिश दिखाने के लिए शराब और सिगरेट का सेवन करने लग जाती हैं। डिब्बाबंद खाद्य आहार पर उनकी निर्भरता भी बढने लग जाती है। इसका सबसे बुरा असर उनके हृदय स्वास्थ्य पर पड़ता है। आम के साथ-साथ ख़ास महिलाओं के भी हार्ट अटैक, स्ट्रोक से पीड़ित होने की खबरों में बहुत अधिक वृद्धि देखी जा रही (Heart Attack in women) है।
क्यों महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं, इसके लिए हमने बात की प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. विकास चोपड़ा और रीजेंसी हेल्थ हॉस्पिटल, कानपुर में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डॉ. अभिनीत गुप्ता से।
ग्लोबल बर्डन ऑफ़ डिजीज के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में भारत में कार्डियोवस्कुलर डिजीज से प्रभावित होने वाली महिलाओं की संख्या 18 लाख थी। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) ने 2019 में कई चरणों में दुनिया भर के कई देशों में हेल्थ रिलेटेड प्रोब्लम्स पर स्टडी कराई। इसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि पिछले एक दशक में 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में दिल का दौरा पड़ने और मौत होने की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है।
पुरुषों की तुलना में अब महिलाओं को दिल के दौरे अधिक पड़ रहे हैं। दुनिया भर में महिलाओं में मृत्यु का शीर्ष कारण हृदय रोग हो गया है। आंशिक रूप से ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि महिलायें मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर समस्याओं से अधिक प्रभावित हो रही हैं। साथ ही, विकासशील देशों में सिगरेट और शराब का सेवन बढ़ना भी कम उम्र में हृदय रोग का कारण बन रही है।
डॉ. विकास चोपड़ा बताते हैं, महिलाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के कई कारण हो सकते हैं। असंतुलित खान-पान और व्यस्त जीवनशैली सबसे अधिक जोखिम बढ़ाते हैं।
खराब जीवनशैली, आधुनिक व्यस्त जीवनशैली के अलावा प्रोसेस्ड और हाई फैट वाले भोजन के कारण अतिरिक्त वजन, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हाई कोलेस्ट्रॉल होने का खतरा बढ़ जाता है। ये सभी हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं। यदि संतुलित और ताज़ा आहार लेना शुरू कर दें और अपनी लाइफस्टाइल में सुधार कर लें तो हार्ट अटैक के मामले घट सकते हैं।
इन दिनों परिवार और ऑफिस में प्रतिस्पर्धा होने के कारण महिलाएं स्ट्रेस में रहने लगी हैं। यह भी हार्ट अटैक के मामलों को बढ़ाता है। जब हम स्ट्रेस में होते हैं, तो हमारे शरीर में कोर्टिसोल जैसे हार्मोन उत्पन्न होते हैं जो बढ़ते दबाव के कारण हमारे हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा, अधिक स्ट्रेस हमारे मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण हम अल्कोहल या तंबाकू का अधिक सेवन करने लगते हैं।
डॉ. अभिनीत गुप्ता बताते हैं, ‘इन दिनों महिलाओं में धूम्रपान और शराब हार्ट अटैक के मुख्य कारण बनते जा रहे हैं। सिगरेट में मौजूद निकोटीन का सेवन न केवल हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह श्वसन तंत्र को भी नुकसान पहुंचाता है।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा और अन्य बीमारियों की अनदेखी करने पर स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं। समय पर उपचार न कराने से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाने से हृदय को समस्याओं से बचाया जा सकता है। भोजन से डीप फ्राई भोजन को आउट कर दें। हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थों से बचें। फल, सब्जियां, अंकुरित अनाज, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स, बीन्स से तैयार हुई परंपरागत डिशेज खाने की कोशिश करें।
शारीरिक गतिविधि हृदय के लिए उपयोगी है। दिन में कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करने का प्रयास करें। योग, जिमिंग, दौड़ना, स्क्वॉश, बायसाइकल, स्विमिंग आदि में से अपनी पसंद की गतिविधि का चयन कर अपना सकती हैं। ये गतिविधियां स्ट्रेस भगाने में भी मददगार हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें :-एक घंटे से ज्यादा एक्सरसाइज करना बढ़ा सकता है हार्ट अटैक का जोखिम, एक्सपर्ट बता रहें हैं चेतावनी संकेत