गर्मियों का मौसम (summer season) शुरू हो चुका है। इस बढ़ती गर्मी में अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। हेल्दी बॉडी के लिए गर्मी के अनुसार दिनचर्या में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने का सुझाव दिया जाता है। यानी पिछले मौसम में जो फूड्स आपके लिए जरूरी थी, अब उन्हें छोड़ देने का समय आ गया है। जी हां, आयुर्वेद के अनुसार कुछ खास आहार का सेवन केवल उससे संबंधित मौसम में ही करना चाहिए। जैसे गुड़। अमूमन सर्दियों में गुड़ के सेवन की सलाह दी जाती है। पर वही गुड़ जब आप गर्मियों में खाती हैं, तो आपको कुछ स्वास्थ्स समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में, जो गर्मियों में गुड़ के सेवन से आपको हो सकते हैं।
हर मौसम में हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। यह हमारी इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। इस मौसम में भी अपनी डाइट में उन सुपरफूड्स (supper food) को शामिल करें, जो आपके शरीर को इस मौसम के लिए तैयार कर सके।
यह गर्म मौसम है और आयुर्वेद के अनुसार इस समय खीरा, ककड़ी और कई अन्य तरह के फलों का सेवन किया जाता है। ठीक उसी तरह कुछ ऐसे फ़ूडस भी हैं, जिनसे गर्मियों के मौसम में परहेज रखना बहुत जरूरी है। उनमे से एक है गुड़ (jaggery)। गर्मियों के मौसम में कम से कम गुड़ का सेवन करने की सलाह दी जाती है। गुड की तासीर गर्म होती है इसीलिए गर्मियों में गुड़ का सेवन आपकी शरीर में गर्मी को बढ़ा देता है, जिसके कारण आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
गुड़ के स्वास्थ्य लाभ के बारे में तो आप सभी को पता होगा, परंतु इससे होने वाले साइड इफेक्ट (Jaggery side effects) के बारे में शायद ही कोई जानता हो। गुड़ (jaggery) आपकी सेहत के लिए हेल्दी होता है, परंतु इसका अत्यधिक सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं गर्मियों में इसके सेवन से कई तरह के स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार हर आहार के लिए एक निश्चित मौसम होता है। इसमें गुड़ की तासीर के अनुसार उसे सर्दियों में खाने की सलाह दी गई है। गर्मियों के मौसम (summer season) में बिना विशेषज्ञ परामर्श के गुड़ का सेवन करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। इस गर्म मौसम में संतुलित शरीर के लिए ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की जरुरत है। जबकि गुड़ की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसके सेवन से आपके शरीर की गर्मी बढ़ जाती है। जिसके कारण आपको नाक से खून आना, अपच, गैस, जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
गुड़ के अधिक सेवन से बॉडी में ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। सभी गुड़ पूरी तरह शुद्ध नहीं होते। इनमें सुक्रोज की मात्रा पाई जाती है। सुक्रोज शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड को बनने से रोकता है, जिसकी वजह से सूजन और जलन जैसी समस्या हो सकती है।
इसीलिए गर्मियों में गठिया (arthritis) पीड़ितों को गुड़ से परहेज रखना जरूरी है। वहीं गुड़ (jaggery) में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। ऐसे में मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों को इसके सेवन से दूर रहने की सलाह है। खासकर तुरंत के बने ताजे गुड़ को खाने से कब्ज, अपच और गैस जैसी परेशानिया हो सकती हैं।
पब मेड द्वारा किये गए एक अध्ययन में देखा गया कि गुड़ चीनी से ज्यादा फायदेमंद होता है। गुड में बनाए गए पदार्थ चीनी में बनाए गए पदार्थों की तुलना में शरीर के लिए अधिक फायदेमंद होते हैं। परंतु गर्मियों में गुड़ का सेवन चीनी के सेवन से ज्यादा हानिकारक हो सकता है। गुड उन पदार्थों में से एक है जिनकी तासीर बहुत गर्म होती है। ऐसे में इस गर्म मौसम में गुड़ के सेवन से जितना हो सके उतना परहेज रखने की जरूरत है। पोषक तत्वों से भरपूर यह गुड़ सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। परंतु हर चीज के सेवन का एक सही समय और मौसम होता है। इस समय गुड़ का सेवन आपकी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। जानते है गुड़ से होने वाली कुछ स्वास्थ्य समस्यायों के बारे में।
पब मेड की रिसर्च में देखा गया की कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी से भरपूर गुड़ का अधिक सेवन आपको मोटापे की समस्या से ग्रसित कर सकता है। आपका बढ़ता वजन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण हो सकता है। इसीलिए सीमित मात्रा में गुड़ का सेवन करें। जो लोग मोटापे की समस्या से परेशान है, उन्हें गुड से पूरी तरह परहेज रखने की जरूरत है।
गुड़ का अधिक सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। किये गए अध्ययन के अनुसार गुड का ग्लाइसेमिक लेवल शरीर में ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है। इसीलिए इसके अधिक सेवन से डायबिटीज की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
असल में गुड़ (jaggery) में सुक्रोज की मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में बनने वाले ओमेगा 3 फैटी एसिड की गति धीमी कर देता है। जिसकी वजह से जलन और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसीलिए गठिया मरीजों (arthritis) को गुड़ के सेवन से पूरी तरह परहेज रखने की जरूरत है। क्योंकि यह उनकी समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकता है।
अधिक मात्रा में गुड़ के सेवन से पेट संबंधी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार तुरंत के बने ताजे गुड़ को खाने से कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याएं परेशान कर सकती। हमेशा गुड़ शुद्ध तरीके से नहीं बनाया जाता, कई बार इसकी अशुद्धियां हमारे पेट के इंफेक्शन (infection) का कारण बन जाती है।
गुड के अधिक सेवन से कई तरह के संक्रमण (infection) की संभावना बढ़ जाती है। कई बार गुड़ का सेवन एलर्जीक रिएक्शन का कारण बन सकता है। सर्दी खासी, उल्टी, चक्कर, सिर दर्द और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार गुड़ की तासीर काफी गर्म होती है। इसीलिए गर्मियों में गुड़ के अधिक सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। जिसकी वजह से नाक से खून आने लगता है। ऐसे में कम से कम और जरूरत पड़ने पर ही गुड़ का सेवन करने की कोशिश करें।
हालांकि आप शरबत के रूप में सीमित मात्रा में गुड़ का सेवन कर सकती हैं। पानी के साथ मिक्स होने पर इसकी गर्म तासीर बदल सकती है।
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