इसमें कोई दोराय नहीं कि फल शरीर के लिए ज़रूरी विटामिन और मिनरल का एक बड़ा स्रोत हैं। इनके सेवन से शरीर में फाइबर की कमी भी पूरी हो जाती है। आहार में फलों को सम्मिलित करने से व्यक्ति हृदय रोग, कैंसर, सूजन और मधुमेह जैसे रोगों से बचा रहता है। मगर वे लोग जो डायबिटीज़ के शिकार है और अगर वे अधिक मात्रा में फलों का सेवन करते हैं, तो वो उनके शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि डायबिटीज़ के रोगियों के लिए कौन से फल फायदेमंद हैं और कौन से नहीं।
इस बारे में डायटीशियन उमा शक्ति बताती हैं कि फ्रुक्टोज की उच्च मात्रा फलों में पाई जाती है। इसे लिवर आसानी से एब्जॉर्ब करके ग्लूकोज में परिवर्तित कर देता है और ब्लड में रिलीज करने लगता है। अत्यधिक मात्रा में फलों का सेवन ग्लूकोज के स्तर को ब्लड में बढ़ा देता हैं।
हालांकि, फलों में फाइबर भी पाया जाता है, जो कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करने में मदद करता है। साथ ही ब्लड शुगर के लेवल को भी नियंत्रित करने लगता है। दरअसल, अलग अलग फलों में विभिन्न मात्रा में फ्रुक्टोज, ग्लूकोज और फाइबर की मात्रा होती हैं। ऐसे में फलों के प्रकार से इा बात की जानकारी मिल पाती है कि इसके सेवन से ब्लड शुगर कितनी प्रभावित होती है।
एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर फल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। जहां अधिकतर फल डायबिटीज़ के रोगियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, तो कुछ उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी सिद्ध होते हैं। इसके अलावा फलों का सेवन शरीर में बढ़ने वाले टाइप 2 मधुमेह के खतरे को रोकने में मदद करता है। मगर डायबिटीज़ के बाद कुछ ऐसे फल हैं, जिनका सेवन नुकसानदायक हो जाता है। पहले जानते हैं कि वो कौन से फल है, जो मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद हैं।
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानि जीआई वाले फलों को शामिल करना चाए। दरअसल, वे फल जिनमें जीआई की मात्रा कम होती हैं, वे ब्लड में शुगर रिलीज की दर को धीमा करने में मदद करते हैं। इसी के चलते डायबिटीज़ के रोगियों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों में चेरी, प्रून, अंगूर, सूखी खुबानी, आड़ू, सेब, नाशपाती, बेर, अमरूद, संतरा, पपीता, कीवी और अंजीर शामिल होते हैं। इन फलों को निर्धारित मात्रा में लेने से शरीर को फायदा मिलता है।
दरअसल, इनमें चीनी की मात्रा कम और फाइबर अधिक पाया जाता है। इनकी मदद ये ब्लड में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों को ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी और ब्लैकबेरी का सेवन करने की भी सलाह दी जाती है। ये सभी फल एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और विटामिन से भरपूर होते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अन्य फलों की तुलना में कम होता है।
डायटीशियन उमा शक्ति बताती हैं कि मधुमेह के रोगियों को ऐसे फलों से बचना चाहिए जिनमें उच्च स्तर के कार्बोहाइड्रेट और शुगर होती हैं। इसके चलते ब्लड शुगर स्पाइक होने का खतरा बना रहता हैं। आहार में आम, चीकू, केला, अनानास, कस्टर्ड एप्पल, कटहल और अंगूर जैसे फलों को सीमित मात्रा में ही खाएं।
इनका नियमित सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा फलों का रस भी ब्ल्ड शुगर को अनियंत्रित करने लगता है। मंचगि के लिए लोग इन दिनों कई प्रकार के स्नैक्स खाते हैं। उनसे बेहतर फलों को डेली डाइट में शामिल करें। मगर मधुमेह से ग्रस्त होने पर फलों को सीमित मात्रा में ही लें।
ये भी पढ़ें- नवरात्रि व्रत में भी नहीं होगी प्रोटीन की कमी, फास्टिंग डाइट में शामिल करेंगी ये 4 प्रोटीन रिच फूड्स
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें