खाने का स्वादिष्ट होने के साथ हेल्दी होना भी ज़रूरी है। अक्सर लोग कुकिंग ऑयल (cooking oil) को चुनने के मामले में थोड़ा कंफ्यूज रहते हैं। दरअसल, तेल में पाए जाने वाले अनहेल्दी फैट्स (unhealthy fats) को हेल्दी फैट्स से रिप्लेस करके शरीर को कोलेस्ट्रॉल के खतरे से मुक्त रखने में मदद मिलती है। मगर शरीर को हृदय रोगों से बचाने के लिए सही तेल का चयन आवश्यक है। जानते हैं किन कुकिंग ऑयल के इस्तेमाल से होगी हृदय रोगों की समस्या हल (Best cooking oils for heart)।
इस बारे में बातचीत करते हुए इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विनीता अरोड़ा बताती हैं कि खाना पकाने के दौरान तेल की क्वांटिटी का ख्याल रखना आवश्यक है। शरीर को हृदय रोगों के जोखिम से बचाने के लिए सीमित मात्रा में तेल का प्रयोग करें। इससे आर्टरीज़ की ब्लॉकेज और डैमेज होने से बचाया जा सकता है। दरअसल, अत्यधिक मात्रा में तेल का सेवन करने से शरीर में फैट डिपॉजिट बढ़ने लगता है। इससे कॉलेस्ट्रॉल (cholesterol) का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट हेल्थ के लिए सही तेल का चयन जितना आवश्यक है, ठीक उसी तरह उसे सही प्रकार से प्रयोग में लाना भी उतना ही ज़रूरी है। इसके लिए मोनो अनसेचुरेटिड फैट्स (monounsaturated fats) से भरपूर तेल का प्रयोग करना चाहिए, जो हीट स्टेबल होते हैं। इन्हें गर्म करने पर अत्यधिक जहरीले ट्रांस फैटी एसिड रिलीज़ होने का खतरा कम हो जाता है। इससे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad cholesterol) के बढ़ने का खतरा कम होने लगता है। हृदय रोगों से बचने के लिए आहार में राइस ब्रैन ऑयल, ऑलिव ऑयल और मस्टर्ड ऑयल का प्रयोग करना चाहिए
राइस ब्रान ऑयल पॉली और मोनो अनसेचुरेटिड फैट्स का हेल्दी कॉप्बीनेशन है। चावल की आउटर लेयर से तैयार होने वाले राइस ब्रान ऑयल में अनसैट्युरेटिड फैट्स की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का खतरा कम हो जाता है और शरीर को एंटीऑक्सीडेंटस (antioxidants) की प्राप्ति होती है। इसके नियमित सेवन से हृदय रोगों और टाइप 2 डायबिटीज़ के जोखिम से बचा जा सकता है।
ऑलिव ऑयल का सेवन करने से शरीर को हेल्दी फैटस की प्राप्ति होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ऑलिव ऑयल का सेवन करने से ब्लड वेसल्स की लाइनिंग एंडोथेलियम के कार्य में सुधार आने लगता है, जो शरीर में हार्ट अटैक (heart attack) और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर देता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा ब्लड क्लॉटिंग से भी राहत मिल जाती है।
पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद मूंगफली के तेल (peanut oil) से वेटलॉस (weight loss) में मदद मिलती है। इसके सेवन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है। इसमें पाई जाने वाली मोनोअनसेचुरेटिड और पॉलीअनसेचुरेटिड फैट्स (poly unsaturated fats) की मात्रा शरीर में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित बना रखते हैं। इसके अलावा मूंगफली में मौजूद विटामिन और मिनरल ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होते हैं।
कुकिंग में सरसों के तेल का प्रयोग करन से शरीर को अल्फा लिनोलेनिक एसिड की प्राप्ति होती है, जिससे शरीर में हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा इस तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचा जा सकता है। इसमें पाई जाने वाली ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा हृदय रोगों (heart disease) के खतरे को कम कर देती है।
तिल के तेल का सेवन करने से शरीर को आमेगा 3, आमेगा 6 और ओमेगा 9 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद 82 फीसदी अनसेचुरेटिड फैटृस आर्टरीज़ में बढ़ने वाली ब्लॉकेज के खतरे को कम कर देती है। इससे शारीरिक अंगों और टिशूज़ में ब्लड का नियमित फ्लो बना रहता है।
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