आइस बाथ (Ice bath) काफी ज्यादा ट्रेंड कर रहा है। हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड के एक्टर एवं एक्ट्रेस इसे ट्राई कर रहे हैं, और अपने एक्सपीरियंस को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। क्या आप जानती हैं, बर्फ के टब में खुदको डुबोना केवल एक शौकिया गतिविधि नहीं है, बल्कि यह आपकी शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। यदि आपको इसकी जानकारी नहीं थी तो हम आपको बताएं कि यह असल में आपके लिए फायदेमंद होता है।
सोशल मीडिया पर इस वायरल ट्रेड में अलग-अलग सेलेब्रिटीज अलग-अलग जगह पर बर्फ का आनंद लेते नजर आ रहे हैं। क्रिस्टियानो रोनाल्डो जो की एक बहुत बड़े फुटबॉल प्लेयर हैं, उन्होंने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डाली जिसमें वह -2 डिग्री सेल्सियस में आइस डिप लेते नजर आए। इसके अलावा मिसमैच से सुर्खियों में आई विद्या मालवाड़े ने भी आइस बाथ चैलेंज लिया। उन्होंने पूरे 8 मिनिट बर्फ के ठंडे पानी (Ice bath) में बीताएं। नेहा शर्मा ने भी 3.5 मिनिट का आइस बाथ चैलेंज पूरा किया। विद्युत जामवाल ने कुछ समय पहले हिमालय की बर्फीली पहाड़ों पर आइस बाथ चैलेंज को पूरा करते हुए अपनी पोस्ट डाली थी।
परंतु फिर भी इसेे ट्राई करने से पहले कुछ सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि कई बार इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिल सकते हैं। साथ ही इन्हें ट्राई करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होता है। हम आपको बताएंगे इस वायरस ट्रेड के फायदे साथ ही जानेंगे इससे जुड़ी अन्य कुछ खास बातें।
सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर तुषार तायल के अनुसार आइस बाथ (Ice bath), जिसे ठंडे पानी में डूबना भी कहते हैं। यह एक ऐसी थेरेपी है जिसमें शरीर को पानी में डुबोया जाता है जो शरीर के तापमान से बहुत ठंडा होता है, आमतौर पर पानी 50 से 59 डिग्री फ़ारेनहाइट के बीच होता है। अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने से कई शारीरिक प्रतिक्रियाएं होती हैं, जिसमें मांसपेशियों का तापमान कम होना, सूजन कम होना और हृदय और मस्तिष्क में ब्लड फ्लो का बढ़ना शामिल है।
बर्फ लगने से ब्लड वेसल्स संकरी हो जाती हैं, जो चोट लगने के बाद दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जब ठंडा पानी (Ice bath) आपकी त्वचा पर ठंडे रिसेप्टर्स से टकराता है, तो यह मस्तिष्क को इलेक्ट्रिकलइंपल्स भेजता है, जिसका दर्द कम करने वाला प्रभाव होता है।
बर्फ लगाने की तरह, बर्फ स्नान यानी कि आइस बाथ भी ब्लड वेसल्स को संकरा कर देता है। नतीजतन, वे दर्द पर भी समान प्रभाव डालते हैं। जब आप आइस बाथ से बाहर निकलती हैं, तो आपके टिशू और मांसपेशियों में रक्त का संचार बढ़ जाता है जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
आइस बाथ लेने से इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद मिलती है। एक छोटे से अध्ययन में, लोगों को बैक्टीरिया के संपर्क में लाया गया ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली किस तरह प्रतिक्रिया करेगी। जिन प्रतिभागियों ने ठंडे पानी में डुबकी लगाई, गहरी सांस ली और ध्यान लगाया, उनमें बैक्टीरिया संक्रमण के लक्षण उन लोगों की तुलना में कम थे जिन्होंने ऐसा नहीं किया।
यह निष्कर्ष निकालना मुश्किल है कि ठंडे पानी में डुबकी लगाना आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए कितना प्रभावी है, परंतु यह आपके शरीर को बीमारियों एवं संक्रमणों के प्रति कठोर बनता है।
बर्फ के पानी में डुबकी लगना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार हर दिन 20 मिनट बर्फ के पानी से स्नान करने से गाउट से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। अध्ययन के प्रतिभागियों में 4 सप्ताह के बाद जोड़ों की गतिशीलता बेहतर हुई और तनाव, चिंता और अवसाद कम हुआ।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ठंडे पानी के संपर्क में आने से तनाव प्रतिक्रिया शुरू होती है, और नर्वस सिस्टम सक्रिय हो जाता है। ये परिवर्तन आपके मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, और समय के साथ तनाव को कम कर देते हैं।
ठंडे पानी में शॉवर लेने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। एक बेहतर ब्लड फ्लो शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचने में मदद करता है। जिससे कि एक स्वस्थ शरीर के निर्माण में मदद मिलती है।
बर्फ के पानी में शॉवर लेने से आपकी बॉडी अपने ऊर्जा शक्ति को बढ़ाती है, ताकि शरीर को गर्म किया जा सके। इस प्रकार आपकी बॉडी से एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होता है और मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है। परंतु इसका मतलब यह नहीं कि आप मेटाबोलिज्म बढ़ाने के लिए केवल आइस बाथ ले रही हों, अपने नियमित खानपना और शारीरिक गतिविधियों को चालू रखें।
50 से 59 डिग्री से थोड़ा ऊपर के ठंडे शावर से शुरुआत करें। जब तक आप सबसे ठंडे सेटिंग का उपयोग न कर लें, तब तक इसे दोहराती रहें। इस प्रकार बर्फ के पानी में जानें के बाद बॉडी का तापमान अचानक से नहीं बढ़ेगा।
2 से 5 मिनट से शुरू करें, और धीरे-धीरे बर्फ के स्नान में अपना समय बढ़ाएं। कई हफ़्तों में, 10 मिनट और अंततः 15 मिनट तक बढ़ें। एकदम से लबे समय तक बर्फ के पानी में बैठे रहने से आप बीमार हो सकते हैं।
बर्फ के स्नान से शुरुआत करें, जिसमें सिर्फ़ आपके पैर ही डूबे हों। समय के साथ, डूबे हुए शरीर के हिस्से को बढ़ाएं—जैसे, कमर, छाती और गर्दन के नीचे तक।
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