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एक ही अवधि में क्या कोई महिला दो बार प्रेगनेंट हो सकती है? एक्सपर्ट का जवाब है ‘हां’ 

here is everything you need to know about superfoetation.- जानिए क्या है सुपरफेटेशन या डबल प्रेगनेंसी। 
Published On: 20 Jul 2022, 10:00 am IST
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सुपरफेटेशन में प्रेगनेंसी के दौरान कोई महिला दोबारा गर्भवती हो जाती है। चित्र: शटरस्टॉक

सुपरफेटेशन (superfoetation) के मामले बहुत कम सुनाई देते हैं। इसमें प्रेगनेंसी के दौरान कोई महिला दोबारा गर्भवती हो जाती है। इसके उदाहरण दुर्लभ रूप से मिलते हैं। इसमें प्रेगनेंसी के बावजूद एग फर्टिलाइज हो जाता है। दुनिया में 0.3 प्रतिशत महिलाओं को ही सुपरफेटेशन (superfoetation) होता है। ज्यादातर मामलों में प्रेगनेंसी के दौरान दूसरे बच्चे की मृत्यु हो जाती है। 

क्या है सुपरफेटेशन और इसके क्या कारण हैं? इसके लिए हमने गुरुग्राम के पारस अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. मनप्रीत सोढी से बात की।

समझिए क्या है डबल प्रेगनेंसी का मामला 

डॉ. मनप्रीत सोढी बताती हैं, ‘सुपरफेटेशन एक साथ दो गर्भधारण की घटना का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। पहला भ्रूण गर्भ में प्रत्यारोपित होने के कुछ दिनों या हफ्तों बाद दूसरा डिंब (अंडा) शुक्राणु द्वारा फर्टिलाइज होता है। 

दोनों बच्चों के होने के लिए एक ही दिन लेबर पेन शुरू होता है और दोनों बच्चाें का जन्म भी एक साथ होता है। इसलिए सुपरफेटेशन के माध्यम से पैदा होने वाले बच्चों को अक्सर जुड़वां मान लिया जाता है। सुपरफेटेशन के कारण गर्भधारण में होने वाले जोखिम की संभावना कम रहती है।’

 गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. मनप्रीत सोढी बताती हैं कि सुपरफेटेशन की संभावना नेचुरल बर्थ में नहीं होती है। जब महिलाओं में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन होता है, तो इस तरह की संभावना बनती है। 

क्या हैं डबल प्रेगनेंसी के आंकड़े 

हालांकि ऐसे मामले 50 हजार में से कोई एक होता है। इस तरह की घटना स्वाभाविक रूप से नहीं हाे पाती है। गर्भावस्था के दौरान जो हार्मोन निकलते हैं, वे आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान ऑव्यूलेशन की संभावना को पूरी तरह से कम कर देते हैं। 

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वर्ष 2008 में यूरोपियन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स ऐंड गायनेकोलॉजी और रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 6 अरब आबादी में ऐसे उदाहरण 10 से भी कम दर्ज किए गए।

जब दो अलग-अलग मेंसट्रुअल साइकल के दौरान अंडे डिस्चार्ज होते हैं और उन्हें फिर स्पर्म से फर्टिलाइज कराया जाता है। इसे फिर यूट्रस में प्रत्यारोपित किया जाता है, तो यह प्रक्रिया सुपरफेटेशन कहलाती है। सामान्य फिजिकल और हार्मोनल रिएक्शन फर्टिलाइजेशन और इम्प्लांटेशन के बाद गर्भधारण को रोक सकती हैं।

फर्टिलिटी प्रक्रिया-इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के दौरान फर्टिलाइज एम्ब्रायो को महिला के यूट्रस में रखा जाता है। महिला के यूट्रस में एम्ब्रायो को प्रत्यारोपित करने के कुछ सप्ताह बाद यदि स्पर्म द्वारा एग को फर्टिलाइज किया जाता है, तो वह ओव्यूलेट कर सकती है और सुपरफेटेशन का अनुभव कर सकती है।

मुश्किल होता है दूसरे बच्चे का सर्वाइव करना 

गर्भावस्था के दौरान फैक्ट यह है कि शिशु विभिन्न चरणों में विकसित होते हैं। यह सुपरफेटेशन के लिए सबसे बड़ी समस्या है, जब एक बच्चा पैदा होने के लिए तैयार होता है, तो दूसरा भ्रूण तैयार नहीं हो पाता। यहां पर दूसरे छोटे बच्चे के बहुत जल्द पैदा होने का खतरा हो सकता है। 

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सुपरफेटेशन में दूसरे बच्चे का सर्वाइव करना मुश्किल हो जाता है। चित्र:शटरस्टॉक

सुपरफेटेशन अबॉर्शन का कारण बन सकता है। यह बार-बार होने वाला कारण भी हो सकता है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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