प्रेगनेंसी के दौरान आपके मन में कई सारे सवाल होते हैं। कई महिलाएं जानना चाहती हैं कि बच्चे के लिए क्या सही है और क्या नहीं। ऐसे में कुछ महिलाएं अपने वेट को लेकर भी कॉन्शयस हो जाती हैं कि कहीं वज़न ज़्यादा न बढ़ जाए, इसलिए एक्सरसाइज़ करने लगती हैं। अन्य महिलाएं ये सोचकर कि बच्चे को सही पोषण मिलना चाहिए इसलिए सब कुछ खाने लगती हैं। यह सब इसलिए क्योंकि हमें इस बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है कि प्रेगनेंसी में कितना वज़न बढ़ना सही है और कितना नहीं।
तो चलिये आज इस लेख के माध्यम से आज हम इसी बारे में जानने की कोशिश करेंगे कि प्रेगनेंसी में कितना वज़न बढ़ना हेल्दी है। यह बारे में सही जानकारी हासिल करने के लिए हमने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज शर्मा से बात की – जानिए क्या है उनका कहना।
सामान्य तौर पर, गर्भावस्था पहली तिमाही में वजन बढ़ने का कारण नहीं बनती है, जो कि 14-सप्ताह की अवधि है जो आपकी अंतिम पीरियड के पहले दिन से शुरू होती है। अमेरिकन कांग्रेस ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स का मानना है कि जिन महिलाओं का वज़न पहले से ही हेल्दी है, उनका वज़न गर्भावस्था के दौरान 25 से 35 पाउंड तक हो सकता है। मगर, जो महिलाएं पहले से ही ओवरवेट हैं उनका वजन जब 15 से 25 पाउंड और बढ़ जाता है तब उन्हें कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं।
डॉ नीरज का भी कहना है कि प्रेगनेंसी में वज़न 10 – 12 किलो से ज़्यादा नहीं बढ़ना चाहिए।
सामान्य तौर पर, गर्भवती होने के पहले 3 महीनों के दौरान लगभग 2 से 4 पाउंड और बाकी गर्भावस्था के दौरान सप्ताह में 1 पाउंड वज़न बढ़ना चाहिए। यदि आप जुड़वा बच्चों की उम्मीद कर रही हैं तो आपका वज़न 35 से 45 पाउंड तक बढ़ाना चाहिए। पहले 3 महीनों में सामान्य वजन बढ़ने के बाद यह प्रति सप्ताह औसतन 1 1/2 पाउंड होगा।
प्रेगनेंसी के लिए अनुशंसित सीमा के भीतर केवल 32 प्रतिशत महिलाओं का वजन बढ़ता है, और 48 प्रतिशत महिलाओं का वजन अधिक होता है। मगर गर्भावस्था के दौरान ज़्यादा वज़न बढ़ना भी आपको जटिलताओं के उच्च जोखिम में डाल सकता है, जिनमें शामिल हैं:
उच्च रक्तचाप
गर्भावधि मधुमेह
प्रीमेचोयोर बर्थ
मुश्किल प्रसव
सिजेरियन बर्थ
बचपन में मोटापे से ग्रस्त बच्चा होना
प्रसव के बाद गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ वजन कम करना मुश्किल हो सकता है। आपको थकान हो सकती है या आप स्ट्रेस में भी हो सकती हैं। यह सब वजन घटाने को और अधिक जटिल बनाता है। हालांकि, अतिरिक्त बढ़ाने से मोटापा हो सकता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान देता है, जैसे:
दिल की धड़कन रुकना
उच्च रक्तचाप
पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस
स्लीप एप्निया
इसलिए बेहतर है कि प्रेगनेंसी के दौरान ही आप अपने वेट पर नियंत्रण रखें। डॉ नीरज के अनुसार आपको ज़्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं है है बस खुद को एक्टिव रखें। मॉडरेशन में अपनी क्रेविंग्स को पूरा करें, संतुलित पौष्टिक आहार लें और अच्छी नींद लें।
यह भी पढ़ें : कमर पर जमा हो गई है जिद्दी चर्बी, तो जानिए पुरानी जींस में फिट आने के लिए 5 फैट बर्निंग टिप्स