रोहिणी दूसरे शहर से नौकरी करने के लिए अभी-अभी दिल्ली आई है। यहां आने के बाद वह रोजाना मेट्रो, बस या ऑटो से सफर कर ऑफिस पहुंचती है। अब जो भी शख्स इस नए शहर में कदम रखता है उसे मेट्रो या बाकी वाहन से सफर के दौरान आसमान में कुछ अजीब धुंधलापन दिखाई देता है। रोहिणी को भी नोएडा की ओर जाते समय हर रोज कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है। इस नजारे के लिए तमाम छोटे-बड़े कारणों में से सबसे बड़ा कारण है वायु प्रदूषण। हवा में मौजूद प्रदूषण का असर सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं होताा, बल्कि इसके साथ कई अहम अंग और आंखों के लिए भी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। आइए जानें क्याा होता है आपकी आंखों पर वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव (Air pollution effect on eyes)। साथ ही यह भी कि आप इससे कैसे बच सकती हैं।
इस साल मार्च में जारी स्विटरजरलैंड की पॉल्यूशन टेक्नोलॉजी कंपनी की IQAir रिपोर्ट के मुताबिक, 100 सबसे प्रदूषित देश की राजधानियों की सूची में दिल्ली शहर सबसे ऊपर है। लगातार दूसरा बार है जब राजधानी दिल्ली इस सर्वे में पहले स्थान पर है। बता दें कि कंपनी ने IQAir के लिए करीब 6475 शहरों को सर्वे में शामिल किया था। इस सर्वें में कुल 93 शहर ऐसे पाए गए जहां प्रदूषण का पार्टिकुलेट मैटर वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के तय स्तर से (PM2.5) से 10 गुना अधिक पाया गया है।
इस सर्वे के अनुसार, दुनिया के 15 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर सेंट्रल व सॉउथ एशिया में है। और इन प्रदूषित शहरों की सूची में 12 सिर्फ भारत के शामिल हैं। अगर हम इस सर्वे में टॉप 10 प्रदूषित शहरों की सूची पर नजर डालें, तो भारत में सबसे पहले नंबर पर राजस्थान का भिवाड़ी, दूसरे पर यूपी का गाजियाबाद, तीसरे स्थान पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, चौथे पर यूपी का जौनपुर, पाचवें पर नोएडा और छठे स्थान पर बागपत है। देश के इन शहरों में हवा की क्वालिटी बेहद खराब है।
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प्रदूषित पानी से शरीर के कई अंग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। पर जब प्रदूषित हवा भी इसमें शामिल हो जाती है, तो आपके शरीर को इसकी दोहरी मार झेलनी पड़ती है। जिस कारण फेफड़ों के साथ आंखों की समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। दिल्ली एनसीआर स्थित EYE7 हास्पिटल के डॉयरेक्टर और ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट (सर्जन) डॉक्टर राहिल चौधरी इससे होने वाले कुछ दुष्प्रभाव गिनवा रहे हैं।
डॉक्टर राहिल चौधरी बताते हैं कि हवा में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण के पार्टिकुलेट मैटर आपकी आंखों के आंसू को प्रभावित करते हैं। जिसके चलते आखों में सूखापन, बार-बार आंखों का थकना, जलन बढ़ जाना, आंखों का लाल हो जाना व अन्य लक्षण शामिल हैं।
ये एलर्जी भी हवा में प्रदूषण के पार्टिकुलेट मैटर की संख्या के कारण होती है। इससे हमारी आंखों में खुजली होने लगती है। बार-बार उसे रगड़ने की इच्छा होती है। आंखों में लाली आ जाती है। आंखो से पानी निकलने लगता है और कई बार उसमें जलन भी हो सकती है।
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डॉक्टर राहिल चौधरी बताते हैं कि ड्राइ आई की समस्या होने पर लुब्रिकेटिंग ड्राॅप का इस्तेमाल करना चाहिए। यह ड्राप दिन में तीन से चार बार इस्तेमाल करना चाहिए। आमतौर पर ये ड्राप किसी भी मेडिकल या फार्मेंसी स्टोर पर मिल जाती हैं। अपने डॉक्टर के परामर्श से लेने के बाद इन स्टोरों से ड्राप ले लेनी चाहिए।
ध्यान रहे तीन से चार दिन में इस तरह की समस्या से आराम न होने पर अपने आंख के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंएलर्जिक कंजक्टीवाइटिस के लक्षण दिखाई देने पर आंखों के डाक्टर (ओफ्थल्मोलॉजिस्ट) से मिलना चाहिए। इसमें लापरवाही करना खतरनाक हो सकता है।
प्रदूषित हवा के कारण ज्यादातर लोगों की आंखों में इस तरह की परेशानियां देखने को मिलती हैं। अगर आप भी इस तरह की समस्याएं महसूस कर रही हैं, तो अपने नजदीकी नेत्र विशेषज्ञ (ओफ्थल्मोलॉजिस्ट) से मिलकर जरुरी परामर्श लें और समय रहते इस समस्या से निजात पाएं।
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एयर क्वालिटी अच्छी नही है और आप ऐसी स्थिति में अपने आंखो को सुरक्षित बचाए रखना चाहती हैं तो इन बातों का ध्यान रखें-
1 डॉक्टर राहिल चौधरी की सलाह है कि बिना आंखों के डॉक्टर यानी ओफ्थल्मोलॉजिस्ट से परामर्श लिए डायरेक्ट मेडिकल स्टोर से दवा नहीं लेनी चाहिए। अगर आप ऐसा करती हैं, तो आपकी आंखो की परेशानियां और बढ़ सकती हैं और साथ ही उनमें इनफेक्शन भी होने का डर रहता है। इसलिए जरुरी है कि समय- समय पर आंखों का रेगुलर चेकअप करवाती रहें ताकि किसी भी समस्या का समय रहते पता चल सके।
2 दूसरा प्रदूषण के कारण अगर आंखों में समस्या शुरु हो रही है, तो उससे बचने के लिए आंखों में पानी के छपाके मारने से बचें।
3 तीसरा ये हैं कि जब आप खुले में जाएं तो आंखों की सुरक्षा के लिए सिर के हैट या कैप (wide-brimmed hat) से ढकें, अन्य और भी जरुरी उपाय अपनाएं। आंखों पर प्रोटेक्टिव चश्में और रेगुलर रुप से लुब्रीकेंट भी अपनाएं।
4 ऐसे में कांटैक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से बचें और कर भी रहीं हैं तो सावधानी से इस्तेमाल करें साथ ही स्वच्छता का ख्याल रखें।
5 आंख में जलन होने पर आई मेकअप से बचना चाहिए।
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