फर्स्ट टाइम पीरियड्स होने से लेकर मेनोपॉज तक महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं। जिनमें से अधिकतर प्राकृतिक होते हैं, लेकिन कुछ बदलाव अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण आने लगते हैं, जिनमें ब्लैडर इंफेक्शन और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन भी शामिल हैं। अगर इन समस्याओं पर समय से ध्यान न दिया जाए और इंटीमेट हाइजीन को इग्नोर किया जाए, तो ये कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का रूप ले सकते हैं।
ऐसी ही एक समस्या है ब्लैडर लीकेज (Bladder leakage), जिसमें कुछ समय के लिए भी यूरिन होल्ड कर पाना मुश्किल हो जाता है। कई बार यह इतना ज्यादा हो जाता है कि हस्ते या खांसते हुए ही यूरिन पास करने की जरूरत महसूस होने लगती है। इस विषय पर गहनता से जाननें के लिए हमने बात की बिजनौर की ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ नीरज शर्मा से। जिन्होंने हमें ब्लैडर लीकेज (bladder leakage) की समस्या पर विशेष जानकारी दी।
यूरिन पास करने के दौरान ब्लैडर की मसल्स यूरिन को आगे की ओर धकेलती हैं। इस दौरान यूरेथ्रा की मसल्स यूरिन होल्ड रखती हैं। जबकि ब्लैडर लीकेज के दौरान यूरेथ्रा की मसल्स कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण यूरिन होल्ड करने की क्षमता कम हो जाती है। यानी अगर यूरेथ्रा पर थोड़ा भी प्रेशर पड़ता है, तो वह यूरिन को होल्ड रखने में सक्षम नहीं हो पाता।
स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सलाहकार डॉ नीरज शर्मा ने ब्लैडर लीकेज के मुख्य कारणों पर बात करते हुए बताया कि –
बढ़ती उम्र के साथ मसल्स कमजोर होने लगती हैं, जिससे बार-बार यूरिन पास करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है। इसके अलावा इस दौरान मसल्स ढीली भी हो जाती हैं, जिससे यूरिन होल्ड करना मुश्किल होता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कमजोरी और हीमोग्लोबिन की कमी होना भी इसका कारण हो सकता है। इसके अलावा पेल्विक एरिया में प्रेशर पड़ने से भी ब्लैडर लीकेज हो सकता है। अगर आपको पेल्विक एरिया से जुड़ी कोई समस्या है, तो भी ब्लैडर लीकेज का सामना करना पड़ सकता है।
डॉ नीरज के मुताबिक अधिकतर मामलों में यह समस्या सिर्फ बड़ी उम्र में ही होती है, लेकिन अगर किसी लड़की या महिला को कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या है या उनकी मसल्स कमजोर हैं, तो छोटी उम्र में भी ब्लैडर लीकेज होने का खतरा बना रहता है।
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ब्लैडर लीकेज की समस्या गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसके लिए डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक होता है, लेकिन कुछ चीजों पर रोक लगाकर इसमें कंट्रोल भी किया जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है।
तरल पदार्थो के साथ कैफीन के सेवन पर भी कंट्रोल रखना जरूरी होता है। ज्यादा मात्रा में चाय या कॉफी का सेवन यूरिन कंट्रोल करने में मुश्किल कर सकता है।
खट्टे फलों का सेवन बार-बार यूरिन पास करने की आवश्यकता को बढ़ा सकता है। इसलिए खट्टे फलों जैसे कि नींबू, आंवला, संतरे आदि से परहेज करें।
आपको घर पर ही पेल्विक एक्सरसाइज करने की आदत बनानी चाहिए। इससे मसल्स की यूरिन होल्ड करने की क्षमता बढ़ने लगती है।
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