World Brain Tumor Day: प्राइमरी स्टेज पर ब्रेन ट्यूमर के संकेतों की पहचान कर मिल सकता है निदान, जानें लक्षण और कारण

ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त लोगों को सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। अधिकतर लोग उसे मौसम में बदलाव का कारण मानने लगते है, जिससे समस्या दिनों दिन बढ़ने लगती है। जानते हैं ब्रेन ट्यूमर के कारण और उससे बचने के उपाय
Brain tumor ka kaaran kya hai
मस्तिष्क के भीतर किसी भी प्रकार के सेल्स की ग्रोथ से स्कल पर दबाव बढ़ने लगता है। इससे ब्रेन को नुकसान पहुंचता है।
ज्योति सोही Published: 8 Jun 2024, 12:00 pm IST
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मस्तिष्क पूरे शरीर का संचालन करता है। ऐसे में ब्रेन हेल्थ का ख्याल रखना बेहद आवश्यक है। मगर कई बार किसी बीमारी के सामान्य लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने से वो गंभीर रूप धारण कर लेते हैंं। ऐसी ही एक समस्या है ब्रेन ट्यूमर। मस्तिष्क के आसपास कोशिकाओं की असामान्य रूप से ग्रोथ ब्रेन ट्यूमर कहलाता है। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। अधिकतर लोग उसे मौसम में बदलाव का कारण मानने लगते है, जिससे समस्या दिनों दिन बढ़ने लगती है। इसके चलते ये समस्या कैंसर का रूप भी ले सकती है। जानते हैं ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) के कारण और उससे बचने के उपाय भी।

वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे (World Brain Tumor Day)

हर साल 8 जून को विश्वभर में वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरूआत साल 2000 में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन की ओर से की गई। इसका मकसद लोगों में ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है। इस साल वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे की थीम ब्रेन हेल्थ एंड प्रिवेंशन है। इस खास मौके पर दुनियाभर में लोगों को इस समस्या की जानकारी देने के लिए सेमिनार, वर्कशॉप्स और जनसभाओं का आयोजन किया जाता है।

पहले जानें कि ब्रेन ट्यूमर क्या है (What is Brain tumor)

इस बारे में मणिपाल हॉस्पिटल, गुरूग्राम में कंसलटेंट न्यूरोसर्जरी निशांत शंकर याग्निक का कहना है कि ब्रेन में एबनॉर्मल सेल्स (abnormal cells) की ग्रोथ ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) कहलाती है। दरअसल, ब्रेन स्कल से घिरा हुआ है, ऐसे में मस्तिष्क के भीतर किसी भी प्रकार के सेल्स की ग्रोथ से स्कल पर दबाव बढ़ने लगता है। इससे ब्रेन को नुकसान पहुंचता है। इस गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों को सिरदर्द, एकाग्रता की कमी और डबल विजन का सामना करना पड़ता है। ब्रेन ट्यूमर कैंसरस और नॉन कैंसरस दोनों प्रकार के होते हैं।

Brain tumor se kaise bachein
रोगी को बिना किसी कारण के कष्टदायी सिरदर्द का अनुभव हो सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

जानें ब्रेन ट्यूमर के प्रकार (Types of brain tumor)

1. नॉन कैंसरस ब्रेन ट्यूमर

इसे कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है, जो ब्रेन में धीरे धीरे ग्रो करने लगता हैं। उचित साइज़ और सही स्थान पर होने पर इस तरह के ट्यूमर को आसानी से रिमूव किया जा सकता है। सर्जरी के बाद पेशेंट 15 से 20 साल की जिंदगी आसानी से जी सकता है।

2. कैंसरस ब्रेन ट्यूमर

इस तरह के ब्रेन ट्यूमर को प्राईमरी ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। इसमें व्यक्ति सर्जरी के बाद 2 से 3 साल का जीवन जी पाता है। वे लोग जो इस रोग से ग्रस्त होने पर सर्जरी नहीं करवाते हैं, उनमें उल्टी, सिरदर्द, सीज़र अटैक और उठने बैठने की तकलीफ का सामना करना पड़ता है।

3. मेटास्टेसिस ट्यूमर

वे लोग जो मेटास्टेसिस ट्यूमर से ग्रस्त होते हैं, उनमें ये समस्या लंग कैंसर, लीवर कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के कारण बढ़ने लगती है। इस समस्या से पीडित लोगों में कैंसर के कारण ये सेल्स ब्रेन तक पहुंचकर उसको डैमेज करने लगते हैं। ये ट्यूमर किसी अन्य बीमारी के कारण ब्रेन में डेवल्प होने लगता है।

Brain tumor ka kaaran
इस गंभीर रोग से ग्रस्त लोगों को सिरदर्द, एकाग्रता की कमी और डबल विजन का सामना करना पड़ता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण (Signs of brain tumor)

लगातार सिरदर्द का बढ़ना और एक ही स्थान पर बार बार दर्द महसूस होना। दवा लेने के बाद ठीक होने पर भी दोबारा से दर्द आरंभ हो जाना।

किसी कार्य को करने में असमर्थता का महसूस करना। ऐसे व्यक्ति किसी भी कार्य को करने के दौरान एकाग्र चित्त नहीं रह पाते है। ध्यान भटक जाता है।

दौरे पड़ना भी ब्रेन ट्यूमर को दर्शाता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को सीज़र अटैक का जोखिम बना रहता है।

देखने के दौरान ब्लैक स्पॉटस नज़र आने लगते हैं। इसके अलावा डबल विज़न का भी सामना करना पड़ता है।

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जानते हैं किन कारणों से ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है (Causes of brain tumor)

1. फैमिली हिस्ट्री

जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के 5 से 10 फीसदी मामले हैरीडिटी के कारण बढ़ते हैं। परिवार के किसी सदस्य को ये समस्या होने से इसका खतरा बढ़ जाता है।

2. रेडिएशन के संपर्क में आना

आसपास वातावरण में रेडिशन लेवल बढ़ने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। बिजली के तारों के क्रास कनेक्शन होने से उसका दोगुना असर मस्तिष्क पर नज़र आने लगता है। ऐसे में रेडिएशन का अत्यधिक एक्सपोज़र ब्रेन ट्यूमर के जोखिम को बढ़ा सकता है।

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आसपास वातावरण में रेडिशन लेवल बढ़ने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

3. स्मोकिंग और अल्कोहल इनटेक का बढ़ना

वे लोग जो नियमित रूप से स्मोकिंग करते हैं और ड्रिंक करते हैं, उनमें लंग कैंसर और पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इससे असामान्य ब्रेन सेल्स बढ़ने लगते हैं। ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम करने के लिए धूम्रपानी और शराब पीने से बचें।

4. केमिकल्स के संपर्क में आने से बचें

एक्सपर्ट के अनुसार वो केमिकल्स या गंदगी जो पानी में डंप की जाती है, उसका मानव स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बिना फिल्टर किए सामान्य पानी इस्तेमाल करने से केमिकल्स शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। दरअसल, बिना फिल्टर किए पानी में टॉक्सिक केमिकल्स का स्तर बढ़ जाता है। इससे ब्रेन कैसर और ब्लड कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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