खाना पकाने में हम नियमित रूप से तेल का प्रयोग करते हैं। तेल बीज या फलों या पेड़ के अन्य भागों से निकाले जाते हैं। एनिमल फैट की तरह प्लांट फैट या तेल ट्राइग्लिसराइड्स का मिश्रण होते हैं। सोयाबीन तेल, कोकोआ बटर या ग्रेप्स आयल बीज से मिलने वाले वसा हैं। ऑलिव ऑयल, पाम ऑयल और राइस ब्रान से तैयार तेल फलों के अन्य भागों से प्राप्त फैट हैं। तेल को ट्रॉपिकल और नॉन ट्रॉपिकल ऑयल में भी बांटा गया है। कई रिसर्च बताते हैं कि ट्रॉपिकल ऑयल स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होते हैं। जानते हैं क्या है ट्रॉपिकल ऑयल और इसके नुकसान क्या हो सकते (Side effects of tropical oil) हैं?
उष्णकटिबंधीय तेल या ट्रॉपिकल ऑयल भूमध्य रेखा के आसपास उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों यानी ट्रॉपिकल कंट्री में उगने वाली फसलों के फलों से निकाले जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण उष्णकटिबंधीय तेल पाम तेल, नारियल तेल और शिया बटर हैं। वेस्टर्न वर्ल्ड में कमरे के तापमान पर ट्रॉपिकल ऑयल सॉलिड होते हैं।
ट्रॉपिकल ऑयल (नारियल तेल और ताड़ के तेल) सीड आयल की तुलना में सैचुरेटेड फैटी एसिड में हाई होता है। यह विशेष रूप से व्यावसायिक रूप से तैयार बेक्ड फ़ूड, स्नैक प्रोडक्ट्स और कन्फेक्शनरी में उपयोग किया जाता है। ये खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट बनाते हैं। इनका सबसे अधिक उपयोग प्रोसेस्ड फ़ूड तैयार करने में किया जाता है।
पाम तेल दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला वनस्पति तेल है। वैश्विक रूप से पाम ऑयल उत्पादन का लगभग 80% इंडोनेशिया और मलेशिया में होता है । ताड़ का तेल ताड़ के फलों से निकाला जाता है । प्रत्येक ताड़ के फल में लगभग 30-35 प्रतिशत तेल होता है। पाम ऑयल व्यापक रूप से उपलब्ध और अपेक्षाकृत सस्ता होता है। इसकी चिकनी और मलाईदार बनावट और गंध की अनुपस्थिति इसे स्वादिष्ट बनाती है।
नारियल का तेल नारियल से निकाला जाता है। नारियल के पेड़ उन देशों में उगाए जाते हैं, जहां बहुत अधिक धूप और गर्मी होती है, लेकिन नमी भी होनी चाहिए। फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्राजील और पश्चिम अफ्रीका के तटीय क्षेत्रमें ये उगाये जाते हैं।
गीले करनेल में तेल की मात्रा 34 प्रतिशत और सूखे करनेल में 70 प्रतिशत होती है। तेल आइसक्रीम, शिशु आहार, बिस्कुट और कन्फेक्शनरी जैसे उत्पादों में उपयोग किया जाता है। बेकिंग, डीप-फ्राइंग के लिए नारियल तेल का उपयोग किया जाता है।
शिया बटर अफ़्रीकी शिया ट्री विटेलारिया पैराडोक्सा के फल से निकाला गया फैट है। ताड़ और नारियल के विपरीत शीया के पेड़ केवल जंगल में उगते हैं। पेड़ को अपना पहला फल पैदा करने में 20 साल लगते हैं। शिया नट्स को आमतौर पर स्थानीय महिलाओं और बच्चों द्वारा जमा और प्रोसेस्ड किया जाता है। शिया बटर का उपयोग चॉकलेट उद्योग कोकोआ बटर के विकल्प के रूप में अन्य तेलों के साथ मिलाकर करता है।
नॉन ट्रॉपिकल ऑयल खाना पकाने के तेल के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें अनसैचुरेटेड फैट यानी स्वास्थ्यवर्धक वसा होती है। यह मुख्य रूप से सीड्स से प्राप्त किया जाता है। कैनोला, कॉर्न, ऑलिव, मूंगफली, सनफ्लावर, सोयाबीन इसके प्रकार हैं।
पाम ऑयल में संतृप्त वसा अधिक होती है, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकती है। इसके कारण हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि पाम ऑयल सूजन, कुछ कैंसर के खतरों और टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकते हैं, लेकिन इस दिशा में और अधिक शोध की जरूरत है।
वहीं, नारियल तेल में सभी वसा और तेलों की तुलना में सैचुरेटेड फैट 90% से भी अधिक होता है। असंतृप्त वसा कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा सकता है। नियमित रूप से नारियल तेल युक्त भोजन खाने से लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन या एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है। यह उन लोगों की समस्या बढ़ा सकता है, जिनके पास पहले से ही हाई कोलेस्ट्रॉल है।
पाम ऑयल और कोकोनट ऑयल की तुलना में शिया बटर खाने के लिए सुरक्षित है। शिया बटर में संतृप्त वसा की मात्रा 50% होती है। यह स्वस्थ वसा और विटामिन को बढ़ा सकता है। अन रिफाइन रूप में रॉ शिया बटर भोजन तैयार करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें इसके प्राकृतिक गुण बरकरार रहते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में इसका प्रयोग करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
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