स्वेटर मानव सभ्यता का ज़रूरी अविष्कार है। ये न होता तो जाड़े में हमें केवल आग के सहारे ही दिन बिताना पड़ता। लेकिन इस ज़रूरी अविष्कार का सही इस्तेमाल हो तब तो कुछ बात बनेगी। हम उन सज्जनों और देवियों की बात कर रहे हैं जो सर्दी कम करके बेफिक्र सोने के लिए कम्बल ओढ़ने के साथ स्वेटर भी पहन कर सोते हैं। अब उन्हें ऐसा लगता होगा कि ये उनके फायदे की चीज़ है लेकिन ऐसा है नहीं। डॉक्टर्स से लेकर एक्सपर्ट्स स्वेटर पहन कर सोने (sleeping with sweater) के बहुत सारे नुकसान गिनाते हैं। क्यों और क्या हैं ये नुक़सान बताते हैं आपको।
शरीर के तापमान का सही संतुलन बहुत जरूरी है। रात में स्वेटर पहन कर सोने (sleeping with sweater) से शरीर का तापमान ज़्यादा बढ़ सकता है। और इससे आपको नींद में भी बेचैनी सताती रहेगी।
शरीर का अपना एक गुण है जिसे विज्ञान थर्मोरेग्युलेशन (Thermoregulation) के नाम से जानता है। इसका काम है कि ये शरीर का टेम्परेचर ऑटोमेटिक मेंटेन रखता है। ओवरहीटिंग से यह सिस्टम ही प्रभावित हो जाएगा जिससे थकान और कमजोरी रहेगी।
स्वेटर ज्यादातर ऊनी या सिंथेटिक मैटेरियल्स से ही बने होते हैं। रात में जब आप इन्हें पहन के सोएंगे तो आपकी स्किन(Skin) सांस नहीं ले पाएगी। और अगर पसीना निकल गया तो ये छिद्र जिससे त्वचा सांस लेती है वह भी बंद हो जाएंगी। अब इसकी वजह से आपको होंगे रैशेज जो आपको खुजली और जलन दे कर जाएगी। पसीने की नमी की वजह से बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन का ख़तरा अलग है।
स्वेटर अक्सर फीटिंग के ही होते हैं और जब आप उनको पहन के सोएंगे तो वो और टाइट होंगे अब इससे ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर पड़ेगा। अब अगर ब्लड सर्कुलेशन बाधित हुआ तो मांसपेशियों में अकड़न या खिंचाव की समस्या से जूझना पड़ सकता है। यही कारण है कि कुछ लोगों को सुबह उठने पर हाथ पांव सुन्न होने की समस्या से जूझना पड़ता है जिसे वो बाद में थोड़ा चल फिर कर दूर करते हैं।
बाज़ार में बिक रहे इन दिनों के स्वेटर आपको सोते वक्त अनकम्फर्टेबल महसूस करा सकते हैं। ओवरहीटिंग या खुजली के कारण बार-बार नींद टूटेगी।
कुछ लोग रात में स्वेटर पहन कर सोने (sleeping with sweater) के बाद सांस लेने में परेशानी की शिकायत करते हैं। यह समस्या उन लोगों में अधिक होगी जिन्हें अस्थमा या एलर्जी की समस्या हो। अब ऐसे में दो बातें हैं, एक तो ऊन के रेशे सांस के ज़रिए फेफड़े तक भी जा सकते हैं और उससे एलर्जी होने के चांसेस हैं। और यही एलर्जी कभी कभी अस्थमा अटैक का कारण भी बन जाती है।
ये तय है कि रात में स्वेटर पहनकर सोएंगे और उसके ऊपर कम्बल भी ओढ़ लेंगे तो ज़रूर पसीना आएगा। अगर वही पसीना ठंडा हो जाता है, तो आपको सर्दी जुकाम का भी ख़तरा बना रहेगा। सकता है, और जब वह पसीना ठंडा हो जाता है, तो यह सर्दी-जुकाम का कारण बन सकता है।
गीले कपड़े से ठंड लगने के चांसेस तो तय हैं। इसके अलावा बार-बार अगर इस तरह से शरीर का टेम्परेचर बदलेगा,उससे आपके इम्यून सिस्टम को भी खतरा बना रहेगा।
हमने इस बाबत डॉक्टर अविनाश राय से जब बात की तो उन्होंने बताया कि सोते समय आरामदायक और बहुत हल्के कपड़े पहनने चाहिए। ढीले- ढाले कपड़े आरामदायक होते हैं और उनको पहनने से नींद बहुत आराम से आ जाती है, बजाय स्वेटर के।
1. कॉटन या लूज फिटिंग नाइटवियर पहनें, जिससे आपकी त्वचा को सांस लेने में दिक्कत न हो। इससे हेल्दी स्किन बनी रहेगी।
2. ठंड में कमरे को गर्म रखने के लिए हीटर या गर्म कंबल का इस्तेमाल करें। हालांकि बहुत ज़्यादा देर तक कमरे में हीटर जला के रखना भी नुकसानदेह ही है।
3. अगर आपको ज्यादा ठंड लगती है, तो कंबल या दोहरी चादर का इस्तेमाल करें। इस तरीके से ठंड आसानी से चली जाती है।
4. कुछ लोगों के हाथ पैर कम्बल में भी ठंडे रहते हैं। खास अगर ऐसा बार-बार हो रहा है तो हल्के मोजे और टोपी पहन सकते हैं। इससे हाथ-पैर को पर्याप्त ऊष्मा मिलेगी।
5. सोने से पहले त्वचा को मॉइस्चराइज़ करें ताकि अगर कपड़े खुरदुरे भी रहें तो खुजली और रैशेस से बचा जा सके।
ये कुछ टिप्स हैं जिनसे जाड़े में आपका,आपकी त्वचा का स्वास्थ्य बरकरार रहेगा और आप सर्दी से भी बचे रहेंगे।
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