रोज़ नहाती हैं, तो अच्छी सेहत के लिए जानिए नहाने का सही समय और जरूरी नियम

सही समय और सही तरीके से नहाना जहां सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है, वहीं गलत वक्त पर नहाना सेहत संबंधी समस्याओं का भी कारण बन सकता है। तो चलिए अच्छी सेहत के
jaane nahane ka sahi samay
जानें आपको कब नहाना चाहिए। चित्र : शटरस्टॉक

नींद भगाने से लेकर शरीर को तरोताज़ा रखने तक, नहाना हमेशा मददगार साबित होता है। शारीरिक और मानसिक स्तर पर शरीर को रिलैक्स करने के लिए नहाना सबसे आसान और प्रभावशाली तरीका है।

हर रोज़ नहाना सिर्फ पर्सनल हाइजीन के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत जरूरी है। सही समय और सही तरीके से नहाना जहां सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है, वहीं गलत वक्त पर नहाना सेहत संबंधी समस्याओं का भी कारण बन सकता है। तो चलिए अच्छी सेहत के लिए जानते हैं स्वस्थ स्नान (Healthy Bathing Tips) से संबंधित जरूरी टिप्स।

हेल्दी हेबिट है डेली बाथ

आयुर्वेद में नहाने का सर्वश्रेठ समय बताया गया है और साथ ही कब नहीं नहाना चाहिए, इसके बारें में भी पूरी जानकारी दी गई है। बदलते युग में जब व्यक्ति के पास खुद को स्वस्थ रखने के लिए भी समय नहीं है, तब आयुर्वेद की ये बात बेहद सच साबित होती है और तमाम आधुनिक शोध और डॉक्टर्स भी ऐसा ही करने की सलाह देतें हैं।

जानें आखिर कब नहाना चाहिए
क्या होता है नहाने का सही समय। चित्र: अडॉबीस्टॉक

सर्दियों और ठंडे इलाकों में कई बार लोग नहाने से बचते हैं। जबकि आयुर्वेद में नियमित स्नान महत्वपूर्ण माना गया है। दरअसल, नहाना एक स्वच्छता अभ्यास है, जिसमें व्यक्ति अपने शरीर को पानी या साबुन के साथ धोकर साफ करता है। यह शरीर और त्वचा के संपर्क में आई धूल-मिट्टी, डेड सेल्स, ऑयल और पसीने जैसी ऐसी गंदगी और बैक्टीरिया को साफ करता है, जिन्हें आमतौर पर हम अपनी आंखो से देख नहीं पाते।

नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल इन्फॉर्मेशन के द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, नहाना व्यक्ति की सेहत को बेहतरीन बनाए रखने का एक ऐसा तरीका है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हर दिन नहाने वाले लोगों में दर्द, टेंशन, तनाव लक्षण बहुत कम दिखाई पड़ते हैं।

जानिए क्या है नहाने का ‘सही टाइम’

नहाने को लेकर कई लोग अनियमित होतें हैं। जब उनका मन करता है, तब वे नहा लेते हैं और अगर नहीं करता तो नहीं भी नहाते। लेकिन ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। आयुर्वेद में नहाने के सही समय का ज़िक्र किया गया है, जिन्हें आजकल डॉक्टर्स भी सजेस्ट करते हैं।

jaane kab nahana chahiye
आयुर्वेद के हिसाब से हमें सुबह नहाना चाहिए।
चित्र: अडॉबीस्टॉक

व्यक्ति को सुबह या शाम को, आखिर कब नहाना चाहिए ? इस सवाल का जवाब देते हुए आयुर्वेद और गट हेल्थ कोच डॉ. डिंपल बताती हैं कि हमें शाम के बदले सुबह ही नहाना चाहिए क्योंकि सुबह व्यक्ति को एनरजेटिक रहने में नहाना मदद करता है। तो वहीं, शाम को नहाने से आपकी त्वचा के छिद्र (skin pores) बंद होने का भी खतरा होता है, जिसके बाद एक्ने जैसे समस्या भी देखने को मिल सकती है।

आयुर्वेद में थेरेपी है नहाना

नहाने के समय को आयुर्वेद की नज़र से बताते हुए आयुर्वेदिक डॉक्टर ऐश्वर्या संतोष बतातीं हैं कि नहाने को आयुर्वेद में एक थेरेपी बताया गया है।

आयुर्वेद में नहाने के सही समय के बारे में बताते हुए डॉ. संतोष कहती हैं कि प्राचीन समय में आचार्यों ने बताया है कि व्यक्ति को सुबह जल्दी स्नान करना चाहिए क्योंकि उनके मुताबिक़, व्यक्ति को सुबह व्यायाम करना चाहिए और फिर व्यायाम के बाद स्नान करना चाहिए क्योंकि व्यायाम के बाद थकान होती है और स्नान थकान से राहत दिलाने में मदद करता है।

हेल्दी बाथिंग के लिए हमेशा याद रखें ये जरूरी नियम

नहाने के समय के अलावा कई ऐसी परिस्थितियां भी होती है, जब व्यक्ति को नहाना नहीं चाहिए क्योंकि उस समय नहाने से व्यक्ति के शरीर में लाभ नहीं बल्कि कई तरह की स्वास्थ्य हानि हो सकती है।

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1 खाने के बाद नहीं नहाना चाहिए

डॉ. ऐश्वर्या के अनुसार व्यक्ति को खाने के बाद नहाना नहीं चाहिए क्योंकि जब आप खाना खाने के तुरंत बाद नहाते हैं तो आपके द्वारा खाए हुए खाने को पचाने में मदद करने वाली ‘डाइजेस्टिव फायर’ बाधित हो जाती है। इसके कारण खाना सही तरह से पच नहीं पाता और इससे आपको कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है।

2 नहाने से पहले पिएं पानी

नहाने से पहले हमें एक ग्लास नॉर्मल या गर्म पानी पीना चाहिए , ऐसा करने से शरीर में उच्च रक्तचाप बना रहता है, जिससे हृदय संबंधी समस्या होने का डर भी नहीं होता। गर्म पानी पीने से आपके शरीर का तापमान बढ़ता है और आपका शरीर अंदर से गर्म होता है। जिसके कारण आपकी स्किन पर ग्लो आता है।

3 शरीर का तापमान ज्यादा होने पर न नहाएं

अक्सर कभी हमें बुखार होता है, तो शरीर के तापमान को कम करने के लिए हम नहाने के बारे में सोचते हैं लेकिन जब आयुर्वेदिक के अनुसार डॉ. ऐश्वर्या बतातीं है कि अगर आपका शरीर गर्म हो तो स्नान न करें।

ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे एक गर्म लोहे की छड़ को पानी में डुबोया जाता है या गर्म मिट्टी में ठंडा पानी डाल दिया जाता है तो इससे निकलने वाली छटपटाहट की आवाजें और धुआं सुनाई पड़ता है। ठीक ऐसी ही स्थिति शरीर में आंतरिक तौर पर तब होती है जब हम ज्यादा तापमान होने पर नहाते हैं।

इसके कारण हमारी मांसपेशियों में सूजन आ जाती है, जिसे ‘मायोफैसाइटिस’ कहा जाता है। साथ ही इसके कारण गर्दन में अकड़न और दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और घुटने में दर्द जैसे समस्या हो सकती है।

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लेखक के बारे में

पिछले कई वर्षों से मीडिया में सक्रिय कार्तिकेय हेल्थ और वेलनेस पर गहन रिसर्च के साथ स्पेशल स्टोरीज करना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें घूमना, पढ़ना-लिखना और कुकिंग में नए एक्सपेरिमेंट करना पसंद है। जिंदगी में ये तीनों चीजें हैं, तो फिजिकल और मेंटल हेल्थ हमेशा बूस्ट रहती है, ऐसा उनका मानना है। ...और पढ़ें

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