आज के समय में तनाव एक बेहद कॉमन समस्या बन चुका है। वहीं ये समस्या यंगस्टर्स में सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। चिंता की बात यह है, कि तनाव का प्रभाव केवल मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, यह आपको शारीरिक रूप से भी बीमार कर रहा है। तनाव कई शारीरिक समस्याओं में योगदान करता है। बहुत से लोगों को तनाव के कारण बॉडी पेन यानी की शारीरिक थकान और अकड़न की शिकायत रहती है। तनाव की स्थिति में शरीर में बेहद दर्द महसूस होता है, खासकर मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। क्या आपको मालूम है ऐसा क्यों होता है? यदि नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे इसके पीछे का कारण साथ ही जानेंगे इसे किस तरह से मैनेज करना है।
तनाव और बॉडी पेन के बारे में बेहतर तरीके से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने सर गंगा राम हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर आरती आनंद से बात की। तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं, आखिर किस तरह तनाव बॉडी पेन को बढ़ावा देता है, साथ ही जानेंगे बॉडी पेन को कैसे मैनेज करना है (stress and body pain)।
जब शरीर तनावग्रस्त होता है तो मांसपेशियां भी तनावग्रस्त हो जाती हैं। अचानक तनाव मिलने पर, मांसपेशियां एक साथ तनावग्रस्त हो जाती हैं, और फिर जब तनाव कम होता है तो मांसपेशियां भी स्ट्रेस मुक्त कर देती हैं। क्रॉनिक स्ट्रेस के कारण शरीर की मांसपेशियां स्थाई रूप से तनावग्रस्त स्थिति में रहती हैं। जब मांसपेशियां लंबे समय तक खिंची हुई और तनावग्रस्त रहती हैं, तो यह शरीर की अन्य प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकती है और यहां तक कि तनाव से संबंधित अन्य समस्याओं को भी बढ़ावा दे सकती है।
उदाहरण से समझें तो, स्ट्रेस सिरदर्द और माइग्रेन सिरदर्द दोनों कंधे, गर्दन और सिर के क्षेत्र में पुरानी मांसपेशियों के तनाव से जुड़े होते हैं। पीठ के निचले हिस्से और ऊपरी अंगों में मस्कुलोस्केलेटल दर्द को तनाव, विशेषकर वर्क स्ट्रेस से भी जोड़ा गया है।
रिलैक्सिंग तकनीक और अन्य स्ट्रेस फ्री एक्टिविटीज और ट्रीटमेंट को मांसपेशियों के तनाव को प्रभावी ढंग से कम करने, सिरदर्द जैसे कुछ तनाव-संबंधी परेशानियों की घटनाओं को कम करने और अल्यान को बढ़ाने के लिए दिखाया गया है। जिन लोगों में पुरानी दर्द की स्थिति विकसित हो जाती है, उनके लिए तनाव-मुक्त गतिविधियां मूड और दैनिक कार्य में सुधार लाती हैं।
तनाव के कारण अक्सर हम स्थिर हो जाते हैं और शांत रहना पसंद करते हैं। परंतु ये आपकी मांसपेशियों के लिए और ज्यादा घातक हो सकता है। वहीं इससे मांसपेशियों का अकड़न और बॉडी पेन और ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए बॉडी मूवमेंट जरूरी है। खुद को एक्टिव रखने की कोशिश करें और कुछ कुछ देर पर वॉक करती रहें। वॉक करने के लिए खुले वातावरण में जाएं, इससे आपका ध्यान तनाव से अलग भटकेगा और आपको अंदर से शांति मिलेगी। तनाव के कम होते ही मसल्स खुद टेंशन रिलीज करना शुरू कर देती है।
तनाव की स्थिति में हमें पानी पीने और खाने का ध्यान नहीं रहता, ऐसे में बॉडी डिहाइड्रेटेड हो जाती है। जिसकी वजह से भी बॉडी पेन और मसल्स टेंशन बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है। पर्याप्त पानी पीने से आपकी बॉडी में फ्लूइड की मात्रा बनी रहती है, और शरीर का दर्द कम होता है।
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मेडिटेशन और योग दो ऐसी एक्टिविटीज हैं, जो आपको मानसिक तथा शारीरिक दोनों रूप से लाभ प्रदान करती हैं। यदि आप अपने बॉडी पेन और मसल्स टेंशन को रिलीज करना चाहती हैं, तो सबसे पहले आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मेडिटेशन इसमें आपकी मदद कर सकता है। साथ ही साथ योगाभ्यास भी तनाव को कम करता है और बॉडी को स्ट्रेच करता है, जिससे की मांसपेशियों का टेंशन रिलीज होता है और बॉडी में ब्लड फ्लो बढ़ता है। इससे मांसपेशियों के अकड़न से राहत मिलती है।
यदि आप अत्यधिक तनाव में है और अपने मांसपेशियों के दर्द से परेशान है तो ऐसे में मसल्स टेंशन और तनाव दोनों को कम करने में मसाज आपकी मदद कर सकता है। यदि आप अपने घर पर किसी से मसाज ले सकती है, तो अपनी बॉडी को रिलैक्स करने के लिए मसाज ले। यदि कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है, तो अपने पैरों को खास कर टखनों को अच्छे से मसाज करें।
तनाव की स्थिति में अक्सर हमारी नींद पूरी नहीं होती जिसकी वजह से दिमाग के साथ-साथ मांसपेशियों में भी टेंशन बना रहता है। जो बॉडी पेन और मांसपेशियों के अकड़न का कारण बनता है। इस स्थिति में तनाव पर नियंत्रण पाने के लिए अपनी नींद को पूरा करना बेहद महत्वपूर्ण है, बेहतर नींद प्राप्त करने के लिए स्लिप हाइजीन और हेल्दी स्लिप रूटिंग को फॉलो करें। आंखें बंद करें और सोने का प्रयास करें। हो सकता है कि आपको फौरन नींद न आए परंतु एक अंतराल के बाद आपको नींद आ जाएगी। जिससे कि अगली सुबह आपकी बॉडी अधिक एक्टिव नजर आएगी।
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