Pink Eye : सर्दियों में क्यों बढ़ जाती है पिंक आई की समस्या, डॉक्टर बता रहे हैं इसका कारण और उपचार
अंदर क्या है
- क्या है पिंक आई की समस्या
- पिंक आई के लक्षण
- सर्दिियों में ज्यादा क्यों होती है यह समस्या
- पिंक आई की समस्या से कैसे बचना है
हम अपने रोज की जिंदगी में न जाने कितनी समस्याओं से गुजरते हैं। कई बार उन समस्याओं को इलाज की दरकार होती है और कई बार वे समस्याएं इतनी मामूली होती हैं कि थोड़ी सी सावधानी से ठीक हो सकती हैं। लेकिन अगर इन्हीं समस्याओं को इग्नोर किया गया तो, ये और बड़ी बन कर हमारे सामने आती हैं। ऐसी ही एक समस्या है पिंक आई (Pink Eye) की समस्या। आंखों का लाल हो जाना, आंखों में खुजली और जलन जैसे लक्षण इसमें आम हैं। लेकिन क्या यह समस्या इतनी आम है? जवाब है नहीं। तो हम इस समस्या से खुद को कैसे बचाएं और इसका इलाज क्या है? आज हम इसी पर बात करेंगे।
क्यों होती है पिंक आई की समस्या (Causes of Pink Eye)
आई सर्जन डॉक्टर राहुल त्रिपाठी के अनुसार पिंक आई (pink eye) या कंजंक्टिवाइटिस जैसी समस्या के कई कारण और अलग अलग प्रकार हो सकते हैं जैसे
1 वायरल कंजंक्टिवाइटिस (Viral conjunctivitis)
यह पिंक आई के सबसे आम कारणों में से एक है। यह आमतौर पर उसी वायरस के कारण होता है जो सामान्य सर्दी या फ्लू का कारण बनता है। लेकिन यह ज्यादा संक्रामक होता है और बहुत तेजी से फैलता है।
2. बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस (Bacterial conjunctivitis)
बैक्टीरिया के इन्फेक्शन की वजह से भी पिंक आई (pink Eye) जैसी समस्या देखी जाती है। इसमें आँखों से लगातार चिपचिपा पदार्थ निकलता है। वायरल कंजंक्टिवाइटिस की तुलना में ये कम संक्रामक होता है लेकिन अगर बार बार आप अपने हाथों से आँखों को छूते हैं तो फिर ये समस्या आपको भी हो सकती है।
3. एलर्जी (Eye Allergy)
कई बार पिंक आई (Pink Eye) का कारण एलर्जी भी होती है। किसी को धूल से एलर्जी हो सकती है। धुआँ भी आँखों को एलर्जी दे सकता है। ऐसी सूरत में पिंक आई के लक्षण दिखने लगते हैं और आँखों में खुजली, जलन और आँखों से पानी आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
4. कॉन्टेक्ट लेंस (Contact Lens)
लंबे समय तक और सही तरीके से कॉण्टेक्ट लेंस न पहनने से भी कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है। ऐसी सूरत में आँखों का लाल हो जाना आम है क्योंकि इससे आंखों में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
पिंक आई के लक्षण (Symptoms Of Pink Eye)
- कंजंक्टिवाइटिस का सबसे सामान्य लक्षण आंखों के सफेद हिस्से में लालिमा होती है। कभी कभी लालिमा के साथ सूजन भी हो सकता है।
- आंखों में खुजली या जलन का अहसास हो सकता है। कई बार खुजली इतनी तेज होती है कि पीड़ित व्यक्ति बार बार अपनी आंखें रगड़ता है।
- कंजंक्टिवाइटिस के दौरान आंखों में अधिक पानी आ सकता है।
- आंखों से चिपचिपा पानी निकलने लगता है। कई बार पलकें इसकी वजह से आपस में चिपक जाती हैं।
- ऐसी स्थिति में कई बार आपको लाइट से सेंसीटिविटी भी हो जाती है और आपको धूप से या किसी भी लाइट से परेशानी होने लगती है।
- कंजंक्टिवाइटिस की वजह से आपकी नजर धुंधली हो सकती है और आपको अपने आस-पास की चीजों को देखने में असुविधा होगी।
सर्दियों में क्यों बढ़ जाती है पिंक आई की समस्या? ( Pink Eye In Winter)
डॉक्टर राहुल का कहना था कि ठंडे मौसम में पिंक आई (Pink Eye) की समस्या बढ़ने के कई कारण होते हैं। सर्दियों में वातावरण में नमी की कमी और हवा में धूल-मिट्टी का स्तर बढ़ जाता है जो आंखों में जलन और इन्फेक्शन का कारण बनते हैं।
इसके अलावा सर्दी और फ्लू जैसे वायरल इन्फेक्शन भी इस दौरान आम होते हैं। वही वायरस हमारी आंखों को भी कंजंक्टिवाइटिस दे देते हैं। ऐसा व्यक्ति जो सर्दी जुकाम से पीड़ित हो और वो अपनी आँखों को बार बार छू रहा हो तो उसे पिंक आई की समस्या हो सकती है।
एक कारण और है, और वो ये कि सर्दियों में लोग घर के अंदर अधिक समय बिताते हैं और हीटर या एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करते हैं, जिससे हमारी आँखें सूख जाती हैं और आँखों में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
पिंक आई की समस्या से कैसे बचें? (Prevention from pink eye problem)
- आंखों को नियमित पानी से धोते रहें और साफ रखें। सर्दियों में इसका विशेष ख्याल रखें।
- इनफेक्टेड लोगों से बचें और उन्होंने कोई सामान इस्तेमाल किया हो तो उसे अपने इस्तेमाल में ना लाएं।
- हाथों को बार-बार धोएं और आंखों को छूने से बचना कंजंक्टिवाइटिस से बचने का सही तरीका है।
- घर के अंदर वेंटिलेशन दुरुस्त रखें और हीटर का कम से कम इस्तेमाल करें।
- सनग्लासेस पहनकर धूल और प्रदूषण से अपनी आँखों को बचाएं। कई बार हम सर्दियों में सनग्लासेस पहनना जरूरी नहीं मानते हैं लेकिन इस वक्त भी ये आदत बनाएं रखें अगर पिंक आई (Pink Eye) जैसी समस्याओं से बचना है तो।
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